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उत्तराखंड में चारधाम यात्रा मार्ग के सारे काम अधूरे

मुख्य सचिव ने निर्माण और मरम्मत कार्य में तेजी लाने को कहा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 14 March 2013 08:57:23 AM

chardham yatra meeting

देहरादून। मुख्य सचिव आलोक कुमार जैन ने बुधवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा संबंधी बैठक में दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा ‌कि चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले ही यात्रा मार्ग की सड़कें दुरुस्त कर ली जाएं, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधिकारी जिलाधिकारी से समन्वय कर सड़क निर्माण और मरम्मत कार्य में तेजी लाएं, औद्योगिक विकास आयुक्त, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर रेत, बजरी, पत्थर, क्रेशर आदि समस्याओं का समाधान करें, बीआरओ मंडल और जिला स्तर पर गठित स्टीयरिंग कमेटी के साथ नियमित बैठक कर कठिनाइयों को दूर करें। बैठक में बीआरओ और जिलाधिकारियों के मुद्दों पर भी गहन चर्चा की गई।
बैठक में बताया गया कि गढ़वाल क्षेत्र में बीआरओ के अंतर्गत जनपद उत्तरकाशी में धरासू से नालू पानी तक के भाग में सड़क के चौड़ीकरण का कार्य होना है, उत्तरकाशी शहर के ज्ञानसू कस्बे में जलभराव से आवागमन में बड़ी कठिनाई है, उत्तरकाशी नगर में निर्मित सुरंग के मुहाने के पास भी मार्ग की प्रतिधारक दीवार क्षतिग्रस्त है, जिसका पुर्ननिर्माण होना है। डबरानी से आगे सुखी टॉप तक जल निकासी की उचित व्यवस्था नहीं है, जनपद टिहरी में चंबा खाड़ी आगराखाल मोटर मार्ग पर खाड़ी से 2 किलोमीटर पहले सिलूपानी, खाड़ी से आगे पिपलेत में और ताछला में स्लिप आने से मार्ग क्षतिग्रस्त है, चंबा, धरासू, चिन्यालीसौड़ मोटर मार्ग पर हड़म के पास, रत्नौगाड़, कुनेर के बीच, कुनेर से आगे स्यांसू गाड़, कोटीसेरा, स्यांसू कंडीसौड़ से आगे डिकियारा, डोबन, गौजवीर के नीचे वर्षा के मलबे से यातायात बाधित है, मुख्य सचिव ने इन सबको यात्रा प्रारंभ होने से पहले ही ठीक करने को कहा।
मुख्य सचिव ने बैठक में चमोली में बद्रीनाथ राजमार्ग पर सिरोबगड़ में क्रोनिक स्लिप जोन, नगरासू के पास बरसात में पहाड़ से पत्थर गिरने का खतरा, नंदप्रयाग के पास क्रोनिक स्लिप जोन, छिनका के पास क्रोनिक स्लिप जोन, बिरही के पास क्रोनिक स्लिप जोन, पातालगंगा के पास भूस्खलन, लंगसी के पास पत्थर गिरने का खतरा, टंगनी पागल नाले में मलवा आने की समस्या, हेलंग के पास क्रोनिक स्लिप जोन, हेलंग से जोशीमठ के बीच मार्ग की चौड़ाई, जोशीमठ से बद्रीनाथ के बीच कई स्थानों पर स्लिप से मार्ग बंद होने की समस्या को यात्रा काल से पहले दूर कर लेने को कहा। केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर रूद्रप्रयाग के कुंड तक कई भागों में क्रोनिक स्लिप, कुंड से गुप्तकाशी के मध्य एक स्थान पर मार्ग का धंसाव, गुप्तकाशी से गौरीकुंड के मध्य मार्ग का चौड़ीकरण कार्य, पिथौरागढ़ में घाट से कनालीछीना मोटर मार्ग, आंतरिक मार्ग, मीना बाजार के पास से मटियाल बैंड से ऊपरतोला मोटर मार्ग पर मार्ग अवरूद्ध होने की समस्या भी सामने आई। अस्कोट में कनालीछीना से धारचूला तक पहाड़ कटान एवं दीवारों का निर्माण कार्य, टनकपुर-जौलजीवी मोटर मार्ग की रिटेनिंग वाल लखनपुर नामक स्थान बरसात के समय से क्षतिग्रस्त है। बैठक में सामने आया कि जनपद चंपावत में बेलखत से बनलेख तक क्रोनिक स्लिप जोन और जल निकासी की व्यवस्था भी ठीक नहीं है, चंपावत के शहरी क्षेत्र में कई स्थानों पर जल निकासी की उचित व्यवस्था, सुरक्षात्मक कार्य तथा क्रैश बैरियर की व्यवस्था ठीक नहीं है, लोहाघाट में मानेश्वर से लोहाघाट तक रोड ठीक नहीं है, लोहाघाट नगर से लगभग एक किलो मीटर पूर्व शिव मंदिर के पास नालियां, स्कपर इत्यादि के बंद हो जाने से पानी का उचित निकास नहीं है जिस कारण मार्ग में बड़े-बड़े गढ्ढे बन गए है, लोहाघाट के शहरी क्षेत्र में यातायात की सुचारू व्यवस्था नहीं है, जिसको मुख्य सचिव ने गंभीरता से लिया और चारधाम यात्रा से पूर्व इन सबको दुरुस्त कर लेने को कहा।
बैठक में प्रमुख सचिव लोनिवि एसएस संधु, प्रमुख सचिव नियोजन एस रामास्वामी, अपर सचिव लोनिवि अमित नेगी, नोडल अधिकारी वन आरके महाजन, जिलाधिकारी उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, रूद्रप्रयाग, पौड़ी, बागेश्वर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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