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आरूषि पोखरियाल का सूफियाना कथक

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Monday 25 February 2013 06:51:53 AM

arushi pokhriyal

देहरादून। सुध-बुध हर लेने वाले ‘सूफियाना’ गानों से अनुप्राणित ‘सूफियाना-कथक’ की दिलकश छटा इस बार ‘ताज’ महोत्सव में भी देखने को मिला। ताज के नाम सूफियाना कथक का यह अनूठा पैगाम देश-दुनियां में सराहे गए ‘सजदा’ जैसा ही अद्भुत मर्मस्पर्शी मंचन है। शास्त्रीय कथक जगत के इस रोमांचित कर देने वाले स्वरूप को अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार साथियों के साथ सामने लाई हैं, नवोदित कथक नृत्यांगना आरूषि पोखरियाल ‘निशंक’।
सूफियाना गानों को रूह के अहसासात की बात होती है। दुनियावी मानसिकता से ऊपर उठकर बस दिलों की बात होती है। आत्मा-परमात्मा से सीधे संवाद होता है। निष्कपट, निष्कलुष, निःस्वार्थ, निर्मल, नेह-स्नेह सिक्त, इसलिए यह गाने दिल को छूने वाले मर्म स्पर्शी और कशिश भरे होते हैं। सूफियाना गानों की यही कशिश जब कथक में ढलकर अभिव्यक्त होती है, तो वह सूफियाना कथक कहलाती है।
पिछली बार जब यही सूफियाना कथक सूफियाना संगीत में ढली संध्या-‘सजदा’ के रूप में सामने आया तो लोग अभिभूत हो गए। देहरादून, दिल्ली, मुंबई ही नहीं आस्ट्रेलिया, स्विट्जरलेंड, जर्मनी जैसी यूरोपियन मुल्कों तक में इस कार्यक्रम को जबर्दस्त सराहना मिली। अधिसंख्य लोग तो शास्त्रीय कथक की इस सम्मोहनीय विधा से पहली बार रू-ब-रू हुए। ईश्वर से सीधे संवाद की यह विधा वाकई सम्मोहित करने वाली है। सजदा जैसी ही सूफियाना कथक की एक और प्रस्तुति ताज महोत्सव में की गई।
कथक सम्राट बिरजू महाराज की शिष्या आरूषि, पंडित उदय मजूमदार, पीओ वंशी, भास्कर दास समेत तमाम नवोदित एवं लब्ध प्रतिष्ठ कलाकारों ने देवभूमि उत्तराखंड की ओर से इस सूफियाना कथक की प्रस्तुति दी। यह अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक दल वर्ष 2012 में भी यहां ताज महोत्सव में भागीदारी कर चुका है। अंतर्राष्ट्रीय मंचों में भी यह दल खूब ख्याति अर्जित कर चुका है, जो इस प्रकार है-वनस्थली विद्यापीठ वार्षिकोत्सव 2006, वनस्थली विद्यापीठ वार्षिकोत्सव 2007 राजनीतिक विज्ञान दिवस वनस्थली विद्यापीठ 2007, मुख्यमंत्री राजस्थान का स्वागत समारोह, 2007 टोरंटो भारत महोत्सव 2010, तराना नृत्य अकादमी टोरंटो 2010, फारेन डेलिगेट्स कांफ्रेंस टोरंटो 2010, परिधि एचिवर्स अवार्ड दिल्ली 2011, गंगा अवतरण कथक ऋषिकेश 2011, हनुमान जयंती ऋषिकेश 2011, एचटीडीसी 24 फाउंडर्स डे ऋषिकेश 2011, वासवदत्ता कथक द्वारा बिरजू महाराज दिल्ली 2011, इंडियन स्पेयर 2011, आस्ट्रेलिया ग्रेज 2011, इंडियन क्लासिकल म्यूजिकल डांस जर्मनी 2011, प्रोग्राम इन कुंस्ट यूनिवर्सिटी ऑफ ग्रेज आस्ट्रेलिया 2011, मगध पुस्तक मेला गया 2012, ताज महोत्सव 2012, फयाना संगीत व कथक संध्या-‘सजदा’ दिल्ली-देहरादून 2012.

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