स्वतंत्र आवाज़
word map

लोक सेवकों पर बड़ी जिम्मेदारी-राज्यपाल

प्रशासनिक अकादमी मसूरी में इंडक्शन ट्रेनिंग प्रोग्राम

आईएएस संवर्ग में प्रोन्नत अफसरों को संबोधन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 27 August 2016 03:12:50 AM

uttarakhand governor dr krishnakant pal

देहरादून। उत्तराखंड के राज्यपाल डॉ कृष्णकांत पाल ने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी के 118वें इंडक्शन ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल 10 विभिन्न राज्यों के राज्य प्रशासनिक सेवा से आईएएस संवर्ग में प्रोन्नत अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा है कि सुशासन के माध्यम से सिविल सेवकों की राष्ट्रनिर्माण में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है, यदि विश्वसनीयता, जवाबदेही और पारदर्शिता के मार्ग का अनुशरण किया जाए तो सभी समस्याओं को हल किया जा सकता है। राज्यपाल ने कहा कि राज्य प्रशासनिक सेवाओं से अखिल भारतीय सेवाओं में आना राष्ट्र निर्माण के लिए और बड़ी भूमिका के निर्वहन का आह्वान है। संचार सेवा के युग में सिविल सेवकों की भूमिका को अधिक चुनौतीपूर्ण बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि आधुनिक तकनीक से जनता को बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए भरपूर दोहन और उपयोग सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी लोक सेवकों पर है।
राज्यपाल डॉ कृष्णकांत पाल ने कहा कि लोक सेवकों को कौशल, अनुभव और सही परिप्रेक्ष्य से स्वयं को सुसज्जित करना चाहिए, अपनी जानकारी का सतत अद्यतन करना, आधुनिकतम तकनीकों के प्रति जागरूक रहने और अपने चारों ओर की घटनाओं के प्रति सतर्कता में ही एक सफल लोक अधिकारी की सफलता के राज छुपे होते हैं। उन्होंने कहा कि हमें स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप सदैव कुछ नया भी करना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि हमारी बड़ी आबादी के कारण हमारे आर्थिक लाभ कम नज़र आते हैं, भू-राजनीतिक परिस्थितियां तथा आंतरिक सुरक्षा भी हमारे लिए बड़ी चुनौतियां हैं, जिनका सामना करने में एक कुशल, मानवीय तथा जनकेंद्रित लोकसेवा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि इस युग में गुणवत्ता ज्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि जनसामान्य को सरकारों से गुणवत्तापूर्ण शासन की उम्मीद है।
डॉ कृष्णकांत पाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस बात का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि लोकशक्ति को सुशासन से जोड़कर एक वास्तविक, गहरा और स्थाई परिवर्तन लाया जा सकता है, इनके संयोग से हर उपलब्धि संभव है, भ्रष्टाचार, कुपोषण तथा निरक्षता को भी समाप्त किया जा सकता है। राज्यपाल ने कहा कि शांति, सामाजिक सौहार्द तथा औद्योगिक शांति का महत्व आज उतना ही है, जितना पहले था, तीव्र आर्थिक उन्नति के लिए एक अनुकूल वातावरण आवश्यक है, विशेष रूप से देश के पिछड़े क्षेत्रों में। उन्होंने कहा कि सरकार को इस बात के लिए सदैव संवेदनशील रहना चाहिए कि अंतिम छोर के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस इंडक्शन ट्रेनिंग प्रोग्राम से ऑफिसर्स के ज्ञान को विस्तार मिला होगा।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]