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विश्व पुस्तक मेले में युवाओं के उपन्यास

'हिंदी उपन्यास की नई जमीन' का लोकार्पण हुआ

साहित्य व संस्कृति विषयों पर गंभीर सामग्री

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 18 January 2016 07:29:51 PM

world book fair, hindi upanyaas kee naie jameen launching

नई दिल्ली। विश्व पुस्तक मेले में हिंदी साहित्य की पत्रिका 'बनास जन' के विशेषांक 'हिंदी उपन्यास की नई जमीन' का लोकार्पण हुआ। विशेषांक का लोकार्पण वरिष्ठ उपन्यासकार पंकज बिष्ट, कथाकार हरियश राय, लखनऊ के कवि अजय सिंह, उद्भावना के संपादक अजय कुमार तथा अनभै सांचा के संपादक द्वारिका प्रसाद चारुमित्र ने किया। 'बनास जन' से जुड़े भंवरलाल मीणा ने बताया कि इस विशेषांक में आठ आलोचकों ने पंद्रह नये उपन्यासों का मूल्यांकन किया है, जिनमें युवा पीढ़ी के अनेक उपन्यासों के साथ काशीनाथ सिंह, रामधारी सिंह दिवाकर, ज्ञान चतुर्वेदी, शीला रोहेकर, हरि भटनागर और रजनी गुप्त के उपन्यास भी हैं।
प्रगति मैदान दिल्ली में चल रहे विश्व पुस्तक मेले में लोकार्पण के अवसर पंकज बिष्ट ने कहा कि विगत सालों में युवाओं के उपन्यासों के मूल्यांकन पर केंद्रित इस अंक का स्वागत किया जाना चाहिए। हरियश राय ने कहा कि हिंदी आलोचना के जिम्मेदार पक्ष का यह अंक उदाहरण है। द्वारिका प्रसाद चारुमित्र ने कहा कि लघु पत्रिकाएं लगातार पाठकों तक साहित्य और संस्कृति के विषयों पर गंभीर सामग्री पहुंचा रही हैं, जिन्हें और व्यापक करने के लिए साझा प्रयास करने होंगे। जन संस्कृति मंच से सम्बद्ध कवि और लेखक अजय सिंह तथा उद्भावना के संपादक अजय कुमार ने भी शुभकामनाओं के साथ अपने विचार रखे। आयोजन में अरु प्रकाशन के निदेशक आशीष गुप्ता, कथाकार राजीव कुमार, सहित बड़ी संख्या में लेखक और पाठक उपस्थित थे। 'बनास जन' के संपादक पल्लव ने आभार व्यक्त किया।

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