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'शिक्षा ग्रहण को 'लक्ष्य' बनाओ'

महिलाओं ने खड़ा किया सामाजिक आंदोलन

बुधनगर में 'लक्ष्य' संस्‍था का रात्रि कैडर कैंप

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 11 January 2016 04:31:29 AM

lakshy ka hardoi ke budhnagar me cadre camp

लखनऊ। भारतीय समन्वय संगठन (लक्ष्य) की महिला टीम ने जिला हरदोई के बुधनगर क्षेत्र में एक रात्रि कैडर कैंप का आयोजन किया, जिसमें बुधनगर के निवासियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। रात्रि कैडर कैंप में भी बुधनगर क्षेत्र की ‌महिलाओं की ज़बर्दस्त भागीदारी देखने को मिली। लखनऊ से आईं 'लक्ष्य' की महिला कमांडर रेखा आर्या, संघमित्रा गौतम, सुषमा बाबू और अंजू सिंह ने समाज के लोगों से बहुजन समाज के उत्‍थान और अधिकारों की विस्तार से चर्चा की और समाज की एकता पर बल दिया। इन कमांडरों ने देशभर में दलित समाज पर अत्याचार और शोषण पर गहरी चिंता जताई और लोगों से इनके खिलाफ आवाज़ बुलंद करने का आह्वान किया। 'लक्ष्य' अब तक दलित समाज के कई जागरुकता कार्यक्रम आयोजित कर चुका है, इस कार्यक्रम को भी बड़ी सफलता हासिल हुई।
बुधनगर की महिलाओं ने लक्ष्य की महिला कमांडरों के समाज को जोड़ो और सामाजिक जागरुकता और शिक्षा जागरुकता के अनवरत प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा की और 'लक्ष्य' की टीम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर एक बड़ा सामाजिक आंदोलन खड़ा करने एवं उसे तीव्र गति से आगे बढ़ाने का संकल्प व्यक्त किया। हरदोई से आशा देवी, सुनीता गौतम, रंजना गौतम, ममता वर्मा, स्वर्ण कुमार, ज्ञान प्रकाश, ऐबी लाल, अंबिका प्रसाद, राकेश कुमार, रामप्रसाद वर्मा, राम नारायण, शिव कुमार, गौरव वर्मा, पवन वर्मा, विपिन कुमार, विनय कुमार, अनिश गौतम, राजाराम, मुकेश कुमार आदि ने हिस्सा लिया। भारतीय समन्वय संगठन (लक्ष्य) की महिला टीम ने कहा कि समाज के जागरुक लोग अपने क्षेत्र में भी कैडर कैंप का आयोजन करा सकते हैं। इसके लिए वे रेखा आर्या मोबाइल नंबर 9415567661 से संपर्क कर सकते हैं।
दलित समाज में सामाजिक संगठन 'लक्ष्य' ने अपनी गहरी पैंठ स्‍थापित की हुई है। एक आह्वान पर अपने संसाधनों से एक स्‍थान पर पहुंचना और पूरे अनुशासन के साथ जागरुकता कार्यक्रम में देर तक मौजूद रहना और 'लक्ष्य' का संदेश घर-घर पहुंचाना एक काडर पहचान तो स्‍थापित करता ही है। जहां कुछ लोग अपने को सामाजिक और राजनीतिक रूप से स्‍थापित करने के लिए विभिन्न आडंबर रचते हैं, उनके लिए 'लक्ष्य' एक उदाहरण माना जा रहा है, जिसके लोग किसी दिखावे की चिंता नहीं करते और उनके साथ समाज का समूह एकत्र हो जाता है। इस सामाजिक संगठन में जो विशेषता देखी जा रही है, वो यह है कि संगठन की महिलाएं समाज की महिलाओं को आगे ला रही हैं और उनमें शिक्षा के विकास और सामाजिक कुरीतियों के प्रति जागरुकता लाने का काम कर रही हैं। 'लक्ष्य' की महिला कमांडरों का कहना है कि शिक्षा ही इस समाज को प्रगति का रास्ता दिखा सकती है, इसलिए महिलाओं और बालिकाओं को सबसे ज्यादा सजग किया जा रहा है। उनका कहना है कि दूसरे समाज के लोग शिक्षा से ही तेजी से प्रगति कर रहे हैं, इसलिए हम दलित समाज की महिलाओं और बच्चों को शिक्षा से जोड़े ‌बिना नहीं बैठ सकते।

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