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फिल्मों को भी खुली हवा चाहिए-निकिता

भावना से ज़्यादा धन की ज्यादा कद्र कर रहे हैं लोग

लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड के लिए धन्यवाद

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 26 November 2015 02:50:56 AM

c. senthil rajan felicitating the awardee nikita milkalkov

पणजी। गोवा में भारत के 46वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए रूसी सिनेमा की लब्धप्रतिष्ठित हस्ती निकिता मिल्खाल्कोव ने कहा है कि मेरे कार्य पर भारतीय सिनेमा का गहरा प्रभाव है, राज कपूर की फिल्मों में दर्शाए गए प्रेम एवं करुणा ने उन्हें बचपन से ही प्रभावित किया है। राज कपूर की फिल्म का प्रसिद्ध फिल्म 'आवारा' का गीत गुनगुनाते हुए उन्होंने टिप्पणी की कि यह भारतीय फिल्मों के प्रति उनके प्रेम को जताने का सबसे अच्छा तरीक़ा है। उन्होंने कहा कि भारतीय सिनेमा उनके लिए अलग ही संसार की रचना करता है। निकिता मिल्खाल्कोव ने कहा कि यदि कोई फिल्म सच्चे अर्थों में अपने देश और संस्कृति में पगी हो तभी वो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म बन पाती है।
निकिता मिल्खाल्कोव ने संसार में जारी हिंसा पर एक सवाल के जवाब में भावुक होकर कहा कि उन्होंने अपनी फिल्मों से हमेशा प्रेम और अनुराग का समर्थन किया है, संसार अपने लालच के कारण मर रहा है, लोग भावना से ज़्यादा धन की कद्र करते हैं, यह प्रवृत्ति हिंसा एवं आक्रामकता की ओर ले जाती है। उन्होंने अपने काम के बारे में बताया कि उनकी फिल्में समय-समय के जीवन पर टिप्पणियां करती हैं, न कि राजनीतिक व्यवस्था पर। उन्होंने कहा कि वो फिल्में बनाने के किसी सख़्त एवं तयशुदा प्रारूप के पक्षधर नहीं हैं, क्योंकि उनको महसूस होता है कि फिल्मों को खुली हवा में सांस लेने की आज़ादी होनी चाहिए। उन्होंने भारतीय फिल्म फेस्टिवल निदेशालय को 2015 के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड देने पर धन्यवाद दिया और कहा कि उन्हें इससे पहले इस सम्मान को पाने वाली ख्यातिनाम हस्तियों की सूची में शामिल होने पर गर्व महसूस हो रहा है।
निकिता मिल्खाल्कोव बेस्ट फोरेन फिल्म प्रवर्ग में 1995 अकादमी अवॉर्ड के विजेता हैं। 'एट होम अमंग स्ट्रेंजर्स' उनकी पहली फीचर फिल्म थी, जबकि 'ए स्लेव ऑफ लव इन 1975' से उन्हें अंतर्राष्ट्रीय ख्याति मिली। अपने विशिष्ट काम के बूते निकिता मिल्खाल्कोव ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रूसी सिनेमा का प्रतिनिधित्व किया। उनकी फिल्म 'बंर्ट बाइ द सन' ने 1994 में कैन्स फिल्म फेस्टिवल में ग्रां प्री और 1995 में बेस्ट फोरेन लैंग्वेज फिल्म वर्ग में अकादमी अवॉर्ड जीता। निकिता मिल्खाल्कोव ने इस फिल्म में लिखा, निर्देशन दिया और प्रधान भूमिका निभाई। सन् 1998 में आई 'द बार्बर ऑफ साइबेरिया' सबसे मंहगी रूसी फिल्म थी और 1999 के कैन्स फिल्म फेस्टिवल में सम्मानित हुई।

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