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राजाजी पार्क में हाथी ट्रेन से टकराए

एक हाथी मरा, चालक व सहायक गिरफ्तार

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Sunday 13 January 2013 07:51:38 AM

देहरादून। उत्तराखंड के अपर सचिव वन मनोज चंद्रन ने बताया है कि 13 जनवरी, 2013 को देहरादून से दिल्ली जा रही जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन से मोतीचूर एवं हरिद्वार के बीच राजाजी राष्ट्रीय पार्क के हरिद्वार रेंज के खड़खड़ी उत्तरी बीट में प्रातः लगभग सवा छह बजे पटरी को पार कर रहे हाथी के झुंड के टकराने से एक मादा हाथी की मृत्यु हो गई तथा एक मादा हाथी घायल हुई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने आयुक्त गढ़वाल मंडल को इस प्रकरण की जांच हेतु निर्देशित किया है। आयुक्त गढ़वाल मंडल इस प्रकरण में यह देखेंगे कि रेलवे एवं वन विभाग ने इस संबंध में पूर्व में जारी दिशा निदेशों का पालन किया है कि नहीं।
मनोज चंद्रन ने बताया कि मृत हथिनी की आयु लगभग 15 वर्ष तथा घायल हथिनी की आयु लगभग 25 वर्ष आंकी गई है। मृत हथिनी के ट्रेन के इंजन के नीचे आने तथा इंजन के पटरी से उतर गया जिस कारण रेल सेवाएं कुछ समय के लिए अवरूद्ध हो गई थीं, जिन्हें पुनः प्रातः लगभग साढ़े ग्यारह बजे तक पुर्नस्थापित किया गया। सूचना मिलते ही पार्क के निदेशक, उपनिदेशक, वन्य जीव प्रतिपालक, राजि अधिकारी हरिद्वार एवं अन्य स्टाफ ने मौके पर पहंचकर आवश्यक कार्रवाई करने के साथ-साथ इंजन ड्राइवर सुरेंद्र कुमार एवं उनके सहायक एमएस मीणा के विरूद्ध रायवाला थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई तथा भारतीय वन्य जीव अधिनियम 1972 की धारा 9/51 के तहत विभागीय वाद भी पंजीकृत किया गया है, इन दोनों को थानाध्यक्ष रायवाला को सौंप दिया गया।
भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून से विशेषज्ञ एवं पशु चिकित्सकों की टीम ने मौके पर पहुंचकर मृत हाथिनी का पोस्टमार्टम किया, घायल हथिनी को ट्रैंक्विलाइज़ (बेहोश) कर उपचार किया गया। उन्होंने बताया कि घटना के समय किसी प्रकार का धुंध /कोहरा नहीं था तथा मौसम साफ था। ट्रेन चालक ने अपने बयान में यह बताया है कि उस समय ट्रेन की गति लगभग 45 से 47 किलो मीटर प्रति घंटा थी, जो कि वन विभाग एवं रेलवे अधिकारियों की समय-समय पर हुई बैठकों में निर्धारित मानकों से काफी अधिक है। ट्रेन का चालक दिल्ली डिपो का बताया गया है, जबकि मानकों के अनुसार देहरादून हरिद्वार मार्ग पर ऐसे वाहन चालकों को नियुक्त किया जाना चाहिए, जिनको इस क्षेत्र की पर्याप्त जानकारी हो। प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड ने भी घटना स्थल का निरीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है, स्वयं उन्होंने भी मौके का निरीक्षण किया है।

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