स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 7 October 2025 01:50:31 PM
नई दिल्ली। रेलवे सुरक्षा बल, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और भारतीय रेलवे आपदा प्रबंधन संस्थान बेंगलुरु के बीच आज रेल भवन दिल्ली में त्रिपक्षीय समझौता हस्ताक्षर हुए हैं, जिसमें रेलवे दुर्घटना के मामलों को ध्यान में रखते हुए एकीकृत राहत कार्यों और क्षमता निर्माण केलिए एक बेहतर संस्थागत ढांचा तैयार किया जाएगा, जिसमें गोल्डन ऑवर के दौरान लोगों की जान बचाने पर खास जोर दिया गया है। एमओयू पर बीवी राव आईजी (प्रशिक्षण) आरपीएफ, नरेंद्र सिंह बुंदेला आईजी एनडीआरएफ और श्रीनिवास निदेशक आईआरआईडीएम ने हस्ताक्षर किए हैं। समझौता हस्ताक्षर के दौरान आर राजगोपाल सदस्य (ट्रैक्शन एंड रोलिंग स्टॉक) रेलवे बोर्ड (एमटीआरएस), अरुणा नायर महानिदेशक मानव संसाधन, पीयूष आनंद महानिदेशक एनडीआरएफ, सोनाली मिश्रा डीजी आरपीएफ तथा एनडीआरएफ और आरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
रेलवे सुरक्षा बल की महानिदेशक सोनाली मिश्रा ने कहाकि सभी हितधारकों केबीच प्रभावी सहयोग और समन्वय होना चाहिए और इस संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जानी चाहिए। रेलवे बोर्ड के सदस्य (ट्रैक्शन एवं रोलिंग स्टॉक) आर राजगोपाल ने कहाकि मानव निर्मित आपदाओं के अलावा चक्रवात, मूसलाधार बारिश और लू जैसी प्राकृतिक आपदाओं पर भी ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने बचाव और राहत कार्यों से जुड़े क्षमता निर्माण में जगजीवन राम आरपीएफ अकादमी (जेआरआरपीएफए) और आईआरआईडीएम की पहल की सराहना की, जिसमें गोल्डन ऑवर पर खास ध्यान दिया गया है। एनडीआरएफ के महानिदेशक पीयूष आनंद ने कहाकि आपदाओं के प्रभावों को कम करने में शामिल सभी एजेंसियों को एक टीम के रूपमें काम करना चाहिए, इसके साथही रेलवे की अन्य एजेंसियों को भी क्षमता निर्माण के प्रयासों में शामिल किया जाना चाहिए। त्रिपक्षीय साझेदारी राष्ट्रीय रेलवे आपदा से निपटने की तैयारी केलिए एक मापयोग्य दोहराई जाने योग्य व्यवस्था को तैयार करती है, ताकि ऐसे वक्त में जब हर मिनट की अहमियत हो और संकटग्रस्त यात्रियों और कर्मचारियों को तेज़ सुरक्षित और अधिक समन्वित मदद प्रदान की जा सके।
गोल्डन ऑवर बचाव परिणामों पर मुख्य ध्यान देना है। प्रत्येक अभ्यास और प्रोटोकॉल का मकसद डिब्बों से तेज़ी से पहुच, प्राथमिकता निर्धारण और निकासी केलिए महत्वपूर्ण मिनटों को कम करना है। रेलवे विशिष्ट प्रथम प्रतिक्रिया के तहत आरपीएफ अधिक कुशल, डिब्बा और ट्रैक आधारित क्षमताएं, खासकर सीमित स्थान पर बचाव का निर्माण करेगा, ताकि घटनास्थल पर सबसे पहली की जाने वाली कार्रवाई सही हो। डिब्बा निष्कासन मानक संचालन आईआरआईडीएम प्रवेश क्रम, स्थिरीकरण, कटिंग योजनाएं, रोगी पैकेजिंग और हैंडओवर को निर्देशित करेगा। समान रेडियो शिष्टाचार, साझा जांच सूचियां और घटनास्थल पर संयुक्त समन्वित अभ्यास यह सुनिश्चित करते हैंकि एजेंसियां बचाव और राहत कार्यों के दौरान एक एकीकृत इकाई के रूपमें कार्य करें। समझौता ज्ञापन में सभीकी भूमिकाएं साफतौर पर निर्धारित की गई हैं। जेआरआरपीएफए नोडल केंद्र के रूपमें एनडीआरएफ बटालियन स्तरीय संवेदीकरण की मेजबानी करेगा और आईआरआईडीएम के संयुक्त पाठ्यक्रमों में शामिल होगा। आईआरआईडीएम उन्नत परिदृश्य आधारित पाठ्यक्रमों का डिज़ाइन, अपडेशन और दस्तावेज़ीकरण करेगा। यह ढांचा सभी क्षेत्रीय रेलवे में लागू किया जा सकता है और इसे आने वाले वर्षों में समीक्षा और निरंतर सुधार केलिए तैयार किया गया है।