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Saturday 4 October 2025 04:24:37 PM
नई दिल्ली/ पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विज्ञान भवन दिल्ली में कौशल दीक्षांत समारोह में 62000 करोड़ रुपये से अधिक की अनेक युवा केंद्रित पहलों का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने देशभर के आईटीआई छात्रों, विशेषकर बिहार के छात्रों एवं शिक्षकों को याद दिलायाकि कुछ वर्ष पहले उनकी सरकार ने आईटीआई छात्रों केलिए बड़े पैमाने पर दीक्षांत समारोहों की परंपरा शुरू की थी, वह भारत में कौशल विकास को दी जानेवाली प्राथमिकता का प्रतीक है। उन्होंने शिक्षा और कौशल विकास में युवाओं केलिए दो प्रमुख पहलों की शुरुआत की घोषणा की। उन्होंने कहाकि 60000 करोड़ रुपये की पीएम सेतु योजना में आईटीआई क्षेत्र अब उद्योगों केसाथ और अधिक मज़बूती से एकीकृत होंगे। उन्होंने नवोदय विद्यालयों और एकलव्य मॉडल स्कूलों में 1200 कौशल प्रयोगशालाओं का भी उद्घाटन किया। नरेंद्र मोदी ने बतायाकि इसकी प्रारंभिक योजना विज्ञान भवन में दीक्षांत समारोह के आयोजन की थी, हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस अवसर को एक विशाल उत्सव में बदलने के प्रस्ताव से यह भव्य समारोह ‘सुनहरे आभूषणों से सुसज्जित एक डिब्बा’ में बदल गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि युवाओं केलिए जारी परियोजनाओं में बिहार में नए कौशल प्रशिक्षण विश्वविद्यालय की स्थापना, विश्वविद्यालयों में सुविधाओं का विस्तार, नए युवा आयोग का गठन और हज़ारों युवाओं को स्थायी सरकारी नौकरियों केलिए नियुक्तिपत्र जारी करना प्रमुख है। उन्होंने आश्वस्त कियाकि यह पहल बिहार के युवाओं के उज्जवल भविष्य की गारंटी है। बिहार की महिलाओं केलिए रोज़गार और आत्मनिर्भरता पर केंद्रित कार्यक्रम को याद करते हुए, जिनमें लाखों बहनों ने भाग लिया था, नरेंद्र मोदी ने कहाकि बिहार में युवा सशक्तीकरण केलिए आजका यह विशाल कार्यक्रम राज्य के युवाओं और महिलाओं केप्रति उनकी सरकार की प्राथमिकता को दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि जब कौशल और ज्ञान राष्ट्रीय आवश्यकताओं से जुड़ते हैं और उन्हें पूरा करने में योगदान देते हैं तो उनका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। उन्होंने कहाकि 21वीं सदी की मांग देश की आवश्यकताओं के अनुसार स्थानीय प्रतिभा, संसाधनों, कौशल और ज्ञान को तेज़ीसे आगे बढ़ाने की है। प्रधानमंत्री ने हज़ारों आईटीआई की महत्वपूर्ण भूमिका रेखांकित करते हुए कहाकि आईटीआई लगभग 170 ट्रेडों में प्रशिक्षण प्रदान करते हैं और पिछले 11 वर्ष में 1.5 करोड़ से ज़्यादा युवाओं ने इन विषयों में प्रशिक्षण प्राप्त किया है, विभिन्न क्षेत्रों में तकनीकी योग्यताएं प्राप्त की हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि ये कौशल स्थानीय भाषाओं में प्रदान किए जाते हैं, जिससे बेहतर समझ और सुगमता संभव होती है। उन्होंने कहाकि इसवर्ष अखिल भारतीय ट्रेड टेस्ट में 10 लाख से ज़्यादा छात्रों ने भाग लिया और प्रधानमंत्री को इस कार्यक्रम के दौरान उनमें से 45 से ज़्यादा को सम्मानित करने का अवसर मिला। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत के आईटीआई न केवल औद्योगिक शिक्षा के प्रमुख संस्थान हैं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण हेतु कार्यशालाओं के रूपमें भी काम करते हैं। उन्होंने कहाकि सरकार आईटीआई की संख्या बढ़ाने और उन्हें निरंतर उन्नत बनाने पर केंद्रित है। उन्होंने कहाकि इस एक दशक में लगभग 5000 नए आईटीआई स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहाकि आईटीआई नेटवर्क को उद्योग कौशल आवश्यकताओं को पूरा करने और अगले दस वर्ष में भविष्य की मांगों का अनुमान लगाने केलिए तैयार किया जारहा है। उन्होंने कहाकि इस संरेखण को मज़बूत करने केलिए उद्योग और आईटीआई केबीच समन्वय बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहाकि पीएम सेतु योजना से पूरे भारत में 1000 से अधिक आईटीआई संस्थान लाभांवित होंगे। उन्होंने कहाकि पीएम सेतु योजना के माध्यम से आईटीआई को नई मशीनरी, उद्योग प्रशिक्षण विशेषज्ञों और वर्तमान एवं भविष्य की कौशल मांगों के अनुरूप पाठ्यक्रम केसाथ उन्नत किया जाएगा। उन्होंने कहाकि पीएम सेतु योजना भारतीय युवाओं को वैश्विक कौशल आवश्यकताओं से भी जोड़ेगी।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि आजकी पीढ़ी शायद पूरी तरह से समझ नहीं पाएगीकि दो-ढाई दशक पहले बिहार की शिक्षा व्यवस्था कितनी बदहाल थी, न तो स्कूल ईमानदारी से खोले गए और न ही भर्तियां की गईं। प्रधानमंत्री ने कहाकि हर माता-पिता की इच्छा होती है कि उनका बच्चा यहीं पढ़े और आगे बढ़े, हालांकि मजबूरी में लाखों बच्चों को बिहार छोड़कर बनारस, दिल्ली, मुंबई जैसी जगहों पर पलायन करना पड़ा। उन्होंने इसे पलायन की असली शुरुआत बताया। नरेंद्र मोदी ने कहाकि जिस पेड़ की जड़ें सड़ चुकी हों, उसे पुनर्जीवित करना एक कठिन काम है और उन्होंने विपक्ष के कुशासन में बिहार की स्थिति की तुलना ऐसेही एक पेड़ से की। उन्होंने कहाकि सौभाग्य से बिहार की जनता ने नीतीश कुमार को शासन की ज़िम्मेदारी सौंपी और गठबंधन सरकार की पूरी टीम ने पटरी से उतरी व्यवस्थाओं को बहाल करने केलिए मिलकर काम किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि आजका कार्यक्रम उस बदलाव की एक झलक पेश करता है। उन्होंने कहाकि कौशल विश्वविद्यालय का नाम भारतरत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर के नामपर रखा गया है, जिन्होंने अपना पूरा जीवन जनसेवा और शिक्षा के विस्तार केलिए समर्पित कर दिया और समाज के सबसे वंचित वर्गों के उत्थान केलिए निरंतर प्रयास करते रहे। उन्होंने कहाकि उनके सम्मान में नामित कौशल विश्वविद्यालय इसी दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने का एक सशक्त माध्यम बनेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि केंद्र और राज्य की उनकी सरकारें बिहार के शैक्षणिक संस्थानों के आधुनिकीकरण केलिए निरंतर प्रयास कर रही हैं, आईआईटी पटना में बुनियादी ढांचे का विस्तार शुरू हो चुका है और बिहारभर के कई प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों का आधुनिकीकरण भी किया जा रहा है। उन्होंने घोषणा कीकि एनआईटी पटना का बिहटा परिसर अब प्रतिभाशाली छात्रों केलिए खोल दिया गया है। उन्होंने कहाकि पटना विश्वविद्यालय, भूपेंद्र मंडल विश्वविद्यालय, छपरा जयप्रकाश विश्वविद्यालय और नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय में नए शैक्षणिक बुनियादी ढांचे की नींव रखी गई है। प्रधानमंत्री ने कहाकि शैक्षणिक संस्थानों को मज़बूत करने केसाथ नीतीश कुमार सरकार बिहार के युवाओं पर शिक्षा का आर्थिक बोझ कम करने केलिए भी सक्रिय रूपसे काम कर रही है। उन्होंने कहाकि बिहार सरकार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना से छात्रों की मदद कर रही है, अब इसके तहत शिक्षा ऋण को ब्याज मुक्त बनाने का एक बड़ा फैसला लिया गया है। प्रधानमंत्री ने उल्लेख कियाकि छात्रों की छात्रवृत्ति राशि ₹1,800 से बढ़ाकर ₹3,600 कर दी गई है। उन्होंने कहाकि भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है और बिहार युवाओं के उच्चतम अनुपात वाले राज्यों में से एक है। उन्होंने कहाकि जब बिहार के युवाओं की क्षमता बढ़ती है तो राष्ट्र की शक्ति भी बढ़ती है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि बिहार के युवाओं का सामर्थ्य और बढ़ाने केलिए एनडीए सरकार पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। उन्होंने कहाकि आरजेडी-कांग्रेस के शासनकाल की तुलना में बिहार का शिक्षा बजट कई गुणा बढ़ाया गया है, बिहार के लगभग हर गांव और बस्ती में स्कूल है और इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने बतायाकि हालमें ही केंद्र सरकार ने बिहार के 19 जिलों केलिए केंद्रीय विद्यालय स्वीकृत किए हैं। प्रधानमंत्री ने याद दिलायाकि एक समय था, जब बिहार में अंतर्राष्ट्रीयस्तर के खेल बुनियादी ढांचे का अभाव था, लेकिन अब राज्य में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजन हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि बिहार सरकार ने बीते दो दशक में 50 लाख नौजवानों को बिहार में रोज़गार से जोड़ा है, बीते कुछ वर्ष में ही करीब 10 लाख पक्की सरकारी नौकरियां बिहार के नौजवानों को दी गई हैं। उन्होंने शिक्षा विभाग को इसका एक प्रमुख उदाहरण बताया, जहां बड़े पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती चल रही है। उन्होंने बतायाकि पिछले दो वर्ष में बिहार में 2.5 लाख से ज़्यादा शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, जिससे युवाओं को रोज़गार के अवसर तो मिले ही हैं, साथही शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने कहाकि राज्य का लक्ष्य अगले पांच वर्ष में पिछले दो दशकों में पैदा हुए रोज़गार अवसरों से दोगुने रोज़गार अवसर पैदा करना है। उन्होंने कहाकि बिहार सरकार अब नए लक्ष्यों को लेकर काम कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि संकल्प स्पष्ट हैकि बिहार के युवाओं को बिहार में ही रोज़गार और काम मिलना चाहिए। उन्होंने कहाकि भारत विनिर्माण और रोज़गार में उल्लेखनीय वृद्धि केसाथ शीर्ष तीन वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने की ओर अग्रसर है, मोबाइल फ़ोन, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और रक्षा क्षेत्रमें विनिर्माण और निर्यात में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। उन्होंने कहाकि इस वृद्धि से बड़े उद्योगों और एमएसएमई में उल्लेखनीय रोज़गार सृजन हुआ है, जिससे आईटीआई में प्रशिक्षित युवाओं सहित सभी युवाओं को काफ़ी लाभ हुआ है। उन्होंने कहाकि मुद्रा योजना ने करोड़ों युवाओं को अपना उद्यम शुरू करने में मदद की है, इसके अतिरिक्त ₹1 लाख करोड़ की प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोज़गार योजना से लगभग 3.5 करोड़ युवाओं को निजी क्षेत्रमें रोज़गार हासिल करने में मदद मिलेगी। वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से कार्यक्रम में बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, राजीव रंजन सिंह एवं केंद्र और राज्य सरकार के मंत्री, आईटीआई के छात्र-छात्राएं, बिहार के विद्यार्थी और शिक्षक भी शामिल हुए।