स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 3 September 2025 05:54:02 PM
देहरादून। उत्तराखंड में पर्वतमाला परियोजना के अंतर्गत लगभग 7000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से देश की सबसे बड़ी रोपवे परियोजना की स्थापना की जा रही है। उत्तराखंड राज्य में परिवहन एवं अवसंरचना विकास की इस परियोजना केलिए आज भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री अजय टम्टा, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, एनएचएआई और एनएचएलएमएल के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में उत्तराखंड सरकार और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय राजमार्ग लॉजिस्टिक्स एवं निर्माण लिमिटेड केबीच यह ऐतिहासिक समझौता हुआ। एनएचएआई और एनएचएलएमएल की साझेदारी का प्रमुख लक्ष्य उत्तराखंड राज्य में कनेक्टिविटी सुधारना, पर्यटन को बढ़ावा देना और शहरी क्षेत्रों में भीड़ कम करना है। दोनों पक्ष संयुक्त रूपसे रोपवे परियोजनाओं के निर्माण, संचालन, प्रबंधन और रखरखाव का कार्य करेंगे।
रोपवे परियोजना के समझौते केबाद अब एक एसपीवी का गठन किया जाएगा, जिसमें केंद्र सरकार की 51 प्रतिशत और उत्तराखंड सरकार की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। यह एसपीवी राज्य में रोपवे परियोजनाओं के सभी पहलुओं की निगरानी करेगा। इस प्रयास केतहत कई प्रमुख रोपवे परियोजनाएं शुरू की जाएंगी, जिनमें शामिल हैं-केदारनाथ रोपवे सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबी परियोजना, जिसकी अनुमानित लागत ₹4,081.28 करोड़ है। हेमकुंड साहिब रोपवे गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12.4 किलोमीटर लंबी परियोजना, जिसकी अनुमानित लागत ₹2,730.13 करोड़ है। नैनीताल रोपवे स्थानीय पर्यटन और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने वाली परियोजना। केदारनाथ यात्रा 8-9 घंटे से घटकर 36 मिनट रह जाएगी। प्रतिदिन 20000 से अधिक यात्रियों की यात्रा सुविधा और 12000 से 15000 फीट की ऊंचाई पर सभी मौसमों में सुगम कनेक्टिविटी। पर्यटन रोज़गार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा। ये इसकी विशेषताएं हैं।
रोपवे परियोजना से उत्पन्न 90 प्रतिशत लाभ को उत्तराखंड के पर्यटन, परिवहन और विकास में खर्च किया जाएगा। रोज़गार के व्यापक अवसर विशेषकर पर्यटन, परिवहन और सहायक उद्योगों में। राज्य को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर उच्च पहचान प्रदान करना। भारत के 30 प्रतिशत भूभाग में फैले पर्वतीय क्षेत्रों की पर्यटन क्षमता को साकार करने हेतु सरकार ने पर्वतमाला योजना प्रारंभ की है। उत्तराखंड में यह रोपवे परियोजना इसी प्रयास का हिस्सा है। बीते नौ वर्ष में केंद्र सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास केलिए पूंजीगत व्यय में 250 प्रतिशत की वृद्धि की है। यह परियोजना पर्वतीय क्षेत्रों में आधुनिक, पर्यावरण अनुकूल और कुशल परिवहन समाधान प्रदान करेगी। आशा की गई हैकि यह समझौता उत्तराखंड के अवसंरचना विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा। इससे न केवल पर्यटन को बल मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों केलिए आर्थिक अवसरों का सृजन भी होगा। सरकार का यह प्रयास सशक्त भारत के निर्माण की दिशामें एक बड़ा कदम है।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहाकि ये परियोजनाएं राज्य में रोपवे कनेक्टिविटी के विस्तार में नए आयाम स्थापित करने केसाथ ही राज्य की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य में रेल, रोड़ और रोपवे कनेक्टिविटी का तेजी से विस्तार हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहाकि चारधाम ऑलवेदर रोड़, दिल्ली देहरादून एलिवेटेड रोड़, सितारगंज से टनकपुर मोटर मार्ग, पौंटा साहिब देहरादून, बनबसा से कंचनपुर, भानियावाला से ऋषिकेश, काठगोदाम से लालकुंआ, हल्द्वानी बाईपास और सीमांत क्षेत्रों में रोड़ कनेक्टिविटी से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से कनेक्टिविटी को सशक्त करने के कार्य हो रहे हैं, रेल कनेक्टिविटी के विस्तार पर भी तेजीसे कार्य हो रहे हैं। राज्यमंत्री अजय टम्टा ने कहाकि राज्य में रोपवे के विकास की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण दिन है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में हर क्षेत्रमें तेजीसे विकास कार्य हो रहे हैं। उन्होंने कहाकि इन रोपवे के निर्माण केबाद श्रद्धालुओं को केदारनाथ और हेमकुंट साहिब के दर्शन करने में काफी सुगमता होगी।
उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहाकि यह समझौता राज्य में पर्यटन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहाकि इन रोपवे के निर्माण केबाद स्थानीय स्तरपर लोगों की आर्थिकी और रोज़गार में वृद्धि होगी। इस अवसर पर प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, अपर सचिव सड़क परिवहन और राजमार्ग भारत सरकार विनय कुमार, सचिव दिलीप जावलकर, धीराज गर्ब्याल, युगल किशोर पंत, मुख्य कार्यकारी अधिकारी एनएचएलएमएल राजेश मलिक, वाइस प्रेसिडेंट रोपवे एनएचएलएमएल प्रशांत जैन, अपर सचिव अभिषेक रोहिला और पर्यटन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।