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Friday 15 August 2025 06:34:22 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर आज लालकिले की प्राचीर से ऐतिहासिक भाषण में पहलीबार देश दुनिया के विख्यात एनजीओ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का बाकायदा नाम लेकर उसकी देशभक्ति, देश केप्रति अनुकरणीय निष्ठा, कर्तव्य और सामाजिक योगदान निभाने की प्रशंसा करते हुए उन देशवासियों के मन में सनातन केप्रति और बड़ी आशा जगा दी है, जो भारत को एक हिंदू राष्ट्र के रूपमें देखना चाहते हैं। लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री का यह उद्बोधन आरएसएस केप्रति देश की नीति की घोषणा है, क्योंकि लालकिले से प्रधानमंत्री का बोला गया एक-एक शब्द देश की नीति और देश का मानक कहलाता है। प्रधानमंत्री ने अमरीका, पाकिस्तान, बांग्लादेश चीन और भारत के भी एक समुदाय सहित उन सभीको सीधा और स्पष्ट संदेश दे दिया है, जोकि भारत सरकार की नीति में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कितना ऊंचा स्थान और सम्मान है। प्रधानमंत्री का यह कथन उस समय और ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है, जब अमरीका ने पाकिस्तान के जबरन कब्जाए गए बलूचिस्तान की आजादी केलिए पाकिस्तान से सशस्त्र संघर्ष कर रहे बलूचिस्तान के क्रांतिकारियों के संगठन बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी को पाकिस्तान के कहने पर आतंकवादी संगठन घोषित किया है। अमरीका के इस कदम से माना जा रहा हैकि बलूचिस्तान अमरीका की एक और कब्रगाह बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री ने अपने उद्बोधन में आरएसएस का जिक्र कर एक और भी बड़ी बहस को जन्म दे दिया है, जिससे देश केलिए आरएसएस के महत्व, उसकी उपयोगिता और आवश्यकता की पुष्टि होती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले से 103 मिनट का अपना सबसे लंबा और ऐतिहासिक भाषण दिया, जिसमें प्रधानमंत्री ने लालकिले की प्राचीर से हिंदुत्व पर मुहर लगा दी है। उनके भाषण में जहां युवाओं बेटियों उद्यमियों किसानों और ऊर्जा गरीबों पिछड़ों दलितों महापुरूषों सभी क्षेत्रों के पेशवरों का जिक्र था, वहीं सिंदूर आपरेशन का जिक्रकर प्रधानमंत्री ने अपने देश के मनोबल के साथ और दुश्मन पाकिस्तान को उसकी आतंकवादी हरकतों केलिए कड़ी चेतावनी दी। प्रधानमंत्री ने कहाकि 2047 तक विकसित भारत केलिए एक साहसिक रोडमैप तैयार किया गया है। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस को 140 करोड़ की जनता के संकल्पों का पर्व बताया और कहाकि यह पर्व देश में एकता की भावना को मजबूती दे रहा है। प्रधानमंत्री ने आजादी के 79 साल का यह जश्न देश को समर्पित किया, भारतीयों को समर्पित किया। उन्होंने कहाकि महात्मा गांधी के सिद्धांत देश को दिशा देते हैं और एक देश एक संविधान का सपना, जो श्यामा प्रसाद मुखर्जी का था वह पूरा हुआ है। प्रधानमंत्री ने आपदाओं में जनधन की हानि पर गहरा शोक और अपनी हार्दिक संवेदनाएं भी व्यक्त कीं। उन्होंने आपरेशन सिंदूर पर कहाकि हमारे जांबाज सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि सीमापार से 22 अप्रैल को पहलगाम आए आतंकवादियों ने जिस प्रकार धर्म पूछकर कत्लेआम किया, लोगों को मारा, पत्नी के सामने पति को गोलियां मारीं, बच्चों के सामने उनके पिता को मौत के घाट उतार दिया, उससे पूरा हिंदुस्तान आक्रोश से भरा हुआ था, पूरा विश्व भी इस नरसंहार से चौंक गया था। प्रधानमंत्री ने कहाकि ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है, हमने सेना को खुली छूट दे दी कि रणनीति सेना तय करे, लक्ष्य तय करे, समय भी सेना चुने और हमारी सेना ने वो करके दिखा दिया, जो कई दशकों तक कभी हुआ नहीं था। प्रधानमंत्री ने कहाकि सैकड़ों किलोमीटर दूर दुश्मन की सरजमीन पर जाकर आतंकवादियों को मिट्टी में मिलाया गया है, आतंकी इमारतों को खंडहर बना दिया गया, लेकिन पाकिस्तान की नींद अभीभी नहीं खुली है, पाकिस्तान में तबाही के रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं, वहां विध्वंस की नई-नई जानकारियां आ रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि आतंकवाद और आतंकवादियों को पनाह देने वालों को अब हम अलग-अलग नहीं देखेंगे, भारत ने तयकर लिया हैकि न्यूक्लियर की धमकी को अब हम सहन करने वाले नहीं हैं और अगर दुश्मनों ने आतंकवाद जारी रखा तो हमारी सेना जो लक्ष्य तय करेगी, हम उसे अमल में लाने का काम करेंगे।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि सिंधु समझौता एकतरफा और अन्यायपूर्ण था, हमारा देश दशकों से आतंकवाद को झेल रहा है, खून और पानी एकसाथ नहीं बहने देंगे। उन्होंने कहाकि भारत की नदियों से निकलता पानी दुश्मनों की खेती सींच रहा है, जबकि हमारी धरती पानी के बिना प्यासी है। उन्होंने कहाकि सिंधू जल समझौते से हमारे देश के किसानों का अकल्पनीय नुकसान हुआ है, यह हिंदुस्तान के हक का पानी है, उसपर हिंदुस्तान और हिंदुस्तान के किसानों का अधिकार है, पाकिस्तान से सिंधू जल समझौता हमे मंजूर नहीं है। प्रधानमंत्री ने किसानों पर गर्व करते हुए कहाकि उन्होंने हमारे देश के अन्न भंडार भर दिए हैं। उन्होंने कहाकि जो दूसरों पर निर्भर रहता है, उसकी आजादी पर उतना ही बड़ा प्रश्नचिन्ह लग जाता है, निर्भरता की आदत खतरे से खाली नहीं होती है, इसलिए हमें आत्मनिर्भर होना है, आत्मनिर्भरता का नाता सामर्थ्य से जुड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहाकि ऑपरेशन सिंदूर हमारी आत्मनिर्भरता का ही प्रतीक है, जिसका हमारी सेना को लाभ मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि 21वीं सदी टेक्नोलॉजी की है, जिन देशों ने टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है, वे देश ऊंचाइयों पर पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री ने सेमीकंडक्टर का प्रमुखता से उल्लेख किया, जो युवाओं की क्षमताओं को विकसित करता है। उन्होंने कहाकि सेमीकंडक्टर युवाओं की ताकत बन गया है और आत्मनिर्भर भारत ने नई तकनीक से अपना लक्ष्य भेदा है। उन्होंने कहाकि इसी वर्ष मेड इन इंडिया टैग से भारत के बने हुए, भारत में बने हुए, भारत के लोगों द्वारा बनाए हुए उत्पाद बाजार में आ जाएंगे आखिर ‘मेड इन इंडिया भारत की शक्ति’ है। उन्होंने कहाकि देश को ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाना बहुत जरूरी है, हमने सोलर एनर्जी को तैयार कर दिया है, भारत न्यूक्लियर एनर्जी पर भी बहुत ध्यान दे रहा है, इसमें 10 नए न्यूक्लियर प्रोजेक्ट काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत न्यूक्लियर क्षेत्रमें नए रीफॉर्म खोज रहा है और इसको निजी क्षेत्रसे जोड़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि प्रकृति केप्रति हम बहुत जिम्मेदार लोग हैं, लाखों करोड़ों पेट्रोल तेल पर खर्च हो रहे हैं, अगर हम आज सौर ऊर्जा पर निर्भर होते हैं तो यह धन देश के किसान, गांव के विकास पर खर्च होता, उद्योग में खर्च होता। उन्होंने कहाकि समुद्र मंथन हमारा विजन है, जिसमें हम नेशनल डीप वॉटर मिशन शुरू करने जा रहे हैं, यह हमारी महत्वपूर्ण घोषणा है, एथिकल मिनरल स्किल टेक्नोलॉजी के अंदर क्रिटिकल मिशन हमने लॉंच किया है, 1200 से अधिक स्थानों पर इस पर काम चल रहा है, हमारा स्पेस पर भी काम चल रहा है। प्रधानमंत्री ने सुधांशु शुक्ला का जिक्र किया और कहाकि हम स्पेस में अपने दम पर आत्मनिर्भर भारत गगनयान की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने युवाओं इंजीनियर प्रोफेशनल्स, सरकारी विभागों का भी आह्वान कियाकि हमारा अपना मेड इन इंडिया होना चाहिए, समय की मांग हैकि हम रिसर्च, डेवलपमेंट पर और ज्यादा ध्यान दें। प्रधानमंत्री ने देशवासियों से कहाकि देश का भाग्य बदलना है, इसमें आपका सहयोग चाहिए। उन्होंने कहाकि सारी चीज़ अपनी हों इसपर हमारे ही लोगों का सामर्थ्य दिखाई दे।
प्रधानमंत्री ने कहाकि यूपीआई दुनिया पर हमारा अजूबा है, यह हमारी सामर्थ्य की ताकत है, ये प्लेटफॉर्म अब हमारे होने चाहिएं, हम दुनिया को अपना पैसा क्यों दें? उन्होंने उद्योगों से कहाकि हम फर्टिलाइजर तैयार करें और फ़र्टिलाइज़र के भंडार भर दें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि आज हमारे युवा और हमारी बेटियां लोन लेकर खुदका कारोबार कर रही हैं, हमारे युवाओं के बनाए प्रोडक्ट दुनिया के बाजार में जा रहे हैं। उन्होंने युवाओं से कहाकि अपने आइडियाज़ को मरने नहीं देना है, भारत देश उनके साथ है, मैं उनके साथ हूं, विकसित भारत के संकल्प में अपना योगदान दें। उन्होंने कहाकि जब सरकार आपके साथ है, तब नया इतिहास बनाएं। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारी एमएसएमई का लोहा दुनिया मान रही है, हमें क्वालिटी में ऊंचाइयां छूनी हैं, दुनिया क्वालिटी को पसंद करती है, स्वीकार करती है, दाम कम और प्रोडक्ट ज्यादा। प्रधानमंत्री ने कहाकि स्वतंत्र भारत को समृद्ध भारत बनाएं। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से कहाकि यह किसी एक दल का नहीं, बल्कि सबका भारत है। उन्होंने कहाकि हम स्वदेशी को मजबूरी में नहीं, बल्कि मजबूती से इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहाकि मुझे लंबे समय से सरकार में काम करने का मौका मिला, मैंने बहुत सारे उतार-चढ़ाव देखे हैं, मैं कहता हूंकि किसी की लकीर को छोटी करने में अपनी ऊर्जा इस्तेमाल न करें, हमें अपनी ही लकीर को लंबा करना है। उन्होंने कहाकि जब आर्थिक स्वार्थ बढ़ रहा है तो समय की मांग हैकि हम हिम्मत केसाथ अपनी लकीर को लंबी करें, यह रास्ता हमने चुन लिया तो हमें कोई भी अपने चंगुल में नहीं फंसा सकता। उन्होंने कहाकि हमने इनकम टैक्स में बहुत परिवर्तन किया है, रिफॉर्म किया है, 1500 से अधिक पुराने कानून खत्म किए हैं, हमने रिफॉर्म की यात्रा को तेज करने का बीड़ा उठाया है।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि यह सब मैं अपने लिए नहीं, बल्कि अपने देश केलिए कर रहा हूं और देश के राजनीतिक दल भी देश के भविष्य केलिए आगे आएं। प्रधानमंत्री ने कहाकि तेल रिज़र्व हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है, हम नई जेनरेशन का जीएसटी रिफॉर्म लेकर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने देश के नौजवानों को खुशखबरी दीकि आज 15 अगस्त से ही दिन से युवाओं केलिए 1 लाख करोड़ की योजना लागू की जा रही है, जो करोड़ों युवाओं केलिए रोज़गार योजना है-‘प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना।’ उन्होंने कहाकि निजी क्षेत्र में पहले नौकरी पानेवाले नौजवान बेटी और बेटे को 15000 रुपए सरकार की तरफ से दिए जाएंगे, उनको प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उन्होंने कहाकि देश के नौजवानों को यह योजना लाभ देगी। उन्होंने कहाकि नए रोज़गार देने के ज्यादा अवसर जोभी कंपनियां देंगी, उनको भी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उन्होंने कहाकि पशुपालक और मछुआरों केलिए उनके हित की नीति के खिलाफ मोदी दीवार बनकर खड़ा है, उनका कभी अहित नहीं होगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि गरीबी क्या होती है, मुझे किताबों में नहीं पढ़ना पड़ा, मैं जानता हूं, इसलिए मेरी कोशिश रही हैकि सरकार फाइलों में नहीं होनी चाहिए, सरकार देश के नागरिकों की लाइफ में होनी चाहिए, सरकार दलित शोषित वंचित केलिए सकारात्मक रूपसे सोचती है, उसी दिशा में हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं, सरकार कोई चार दीवारी नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि गरीबी हटाओ के नारे बहुत सुने हैं, देश यह सुन सुनकर थक गया था, हमारे देश के 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकल चुके हैं, अब देश में न्यू मिडिल क्लास पैदा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती शुरू की जा रही है, हम पिछड़ों को प्राथमिकता पर लाभ और अवसर पहुंचाना चाहते हैं, जो जिले ब्लॉक पिछड़े हैं, उनको विकास में प्राथमिकता देना चाहते हैं, जीवन के हर क्षेत्रमें विकास होना चाहिए। उन्होंने कहाकि आज खेलकूद में हम बहुत आगे आ रहे हैं। प्रधानमंत्री मोटापे के खिलाफ भी बोले और उसके खिलाफ अभियान में शामिल होने का आह्वान किया। उन्होंने भाषाओं की भी चर्चा की और कहाकि कई भाषाओं को सरकार में दर्जा दिया गया है, हमें सभी भाषाओं पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने जिक्र कियाकि पांडुलिपियां हमारे ज्ञान का भंडार है, लेकिन उसके प्रति बहुत उदासीनता दिखाई देती है, हम टेक्नोलॉजी के जरिए उनको संग्रहित एकत्रित और सुरक्षित कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि भारत भाषाओं की विविधता का देश है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमारा स्पष्ट मत हैकि देश को सिर्फ सरकारें, राजसत्ता पर विराजमान लोग, शासन की विधा संभालने वाले नहीं बनाते हैं, ये देश बनता है कोटि-कोटि जनों के पुरुषार्थ, ऋषियों-मुनियों, वैज्ञानिकों, शिक्षकों, किसानों, जवानों, सेना, मजदूरों, हर किसीके प्रयास से।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि आज मैं बहुत गर्व केसाथ जिक्र करता हूंकि आजसे 100 साल पहले एक संगठन का जन्म हुआ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जिसके सौ साल की राष्ट्र की सेवा के बहुत ही गौरवपूर्ण स्वर्णिम पृष्ठ हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के संकल्प को लेकर 100 साल तक मां भारती के कल्याण का लक्ष्य लेकर स्वयंसेवकों ने मातृभूमि के कल्याण में अपना जीवन समर्पित किया है। उन्होंने कहाकि सेवा, समर्पण, संगठन और अप्रतिम अनुशासन संघ की पहचान रही है, ऐसा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दुनिया का यह सबसे बड़ा एनजीओ है, एक प्रकार से 100 साल का उसका समर्पण का इतिहास है। प्रधानमंत्री ने कहाकि मैं आज यहां लाल किले के प्राचीर से 100 साल की इस राष्ट्र सेवा की यात्रा में योगदान करने वाले सभी स्वयंसेवकों का आदरपूर्वक स्मरण करता हूं। उन्होंने आदिवासियों का जिक्र करते हुए कहाकि इन्हें नक्सलवाद के क्षेत्रमें उतार दिया गया, मगर आज नक्सलवाद को कम स्तर पर ले आए हैं, बस्तर नक्सलवाद से मुक्त हो गया है और उसके नौजवान खेल में मेडल ला रहे हैं। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा का जिक्र किया और कहाकि हमने भगवान बिरसा मुंडा को सच्ची श्रद्धांजलि दी है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि मैं आज देश को एक चिंता, और चुनौती से आगाह करना चाहता हूं, सोची समझी साजिश के तहत देश की डेमोग्राफी को बदला जा रहा है, नए संकट के बीज बोए जा रहे हैं और घुसपैठिए मेरे देश के नौजवानों की रोजी-रोटी छीन रहे हैं, मेरे देश की बहन बेटियों को निशाना बना रहे हैं, भोले भाले आदिवासियों को भ्रमित करके उनकी जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं, यह बर्दाश्त नहीं होगा। उन्होंने कहाकि जब डेमोग्राफी में परिवर्तन होता है, सीमावर्ती क्षेत्रों में डेमोग्राफी में परिवर्तन होता है, तब राष्ट्रीय सुरक्षा केलिए संकट पैदा होता है, देश की एकता अखंडता और प्रगति केलिए संकट पैदा होता है, यह सामाजिक तनाव के बीज बो देता है और कोई देश अपना देश घुसपैठियों के हवाले नहीं कर सकता है तो हम भारत को कैसे घुसपैठियों के हवाले कर सकते हैं?
नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमारे पूर्वजों ने त्याग और बलिदान से आजादी पाई है, हमें स्वतंत्र भारत दिया है, उन महापुरुषों केप्रति हमारा कर्तव्य हैकि हम हमारे देश में ऐसी हरकतों को स्वीकार न करें, इसलिए मैं आज लालकिले की प्राचीर से कहता हूंकि हमने एक हाई पावर डेमोग्राफी मिशन शुरू करने का निर्णय लिया है, यह मिशन भारत पर मंडरा रहे संकट को निपटाने केलिए तय समय में सुविचारित निश्चित रूपसे अपने कार्य को करेगा, उस दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहाकि कल जन्माष्टमी का पावन पर्व है, भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव देश में मनाया जाता है, भगवान श्रीकृष्ण से प्रेरणा पाकर हमने श्रीकृष्ण के सुदर्शन चक्र की राह चुनी है, अब देश सुदर्शन चक्र मिशन लॉंच करेगा। उन्होंने कहाकि पावरफुल वेपन सिस्टम मिशन सुदर्शन चक्र दुश्मन के हमले को न्यूट्रलाइज तो करेगा ही करेगा, लेकिन कई गुना ज्यादा दुश्मन पर हिट बैक करेगा। उन्होंने कहाकि जब मुझे भगवान श्रीकृष्ण याद आते हैं तो हम देख रहे हैंकि पूरे विश्व में आज युद्ध के तौर-तरीके बदल रहे हैं, हमने देखा हैकि भारत युद्ध के हर नए तौर तरीकों से निपटने में समृद्ध है। उन्होंने कहाकि हमने ऑपरेशन सिंदूर में दिखा दिया है, कि हममे टेक्नोलॉजी में महारत है। उन्होंने कहाकि पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों, हमारे एयरबेस, हमारे संवेदनशील स्थानों, हमारे आस्था के केंद्रों, हमारे नागरिकों पर मिसाइल्स, ड्रोन अनगिनत मात्रा में वार किए, लेकिन हमारे जांबाजों ने और हमारी टेक्नोलॉजी ने उनके हमले तिनके की तरह बिखेर दिए और वे हमारा रत्तीभर भी नुकसान नहीं कर पाए। उन्होंने कहाकि अब युद्ध के मैदान में टेक्नोलॉजी का विस्तार हो रहा है, टेक्नोलॉजी हावी हो रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि समृद्धि हो, लेकिन यदि सुरक्षा केप्रति उदासीनता है तो उसका कोई मतलब नहीं है। उन्होंने घोषणा कीकि आने वाले 10 साल में 2035 तक राष्ट्र के सभी महत्वपूर्ण स्थलों, जिनमें सरकारी केसाथ सिविलियन क्षेत्र भी शामिल हैं, जोभी आस्था के केंद्र हैं उन्हें टेक्नोलॉजी के नए प्लेटफार्म से पूरी तरह सुरक्षा कवच दिया जाएगा, मिशन सुदर्शन चक्र चलाया जाएगा। उन्होंने कहाकि नागरिकों की सुरक्षा केलिए कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने इमरजेंसी का भी जिक्र कियाकि संविधान की हत्या की गई थी। उन्होंने कहाकि हमें भारत के संविधान केप्रति समर्पण केलिए और आगे बढ़ना चाहिए, विकसित भारत बनाने केलिए ना हम रुकेंगे और ना झुकेंगे, हम 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि एकता की डोर को कोई काट न सके, यह हमारा सामूहिक संकल्प है, मां भारती केप्रति अपना संकल्प निभाएं, 140 करोड़ देशवासियों केसाथ हम आगे बढ़ते ही रहेंगे, बढ़ते ही रहेंगे।