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चित्रकूट और अयोध्या वामा.ऍप से जुड़े

श्री हनुमान गढ़ी व श्रीकामतानाथ मंदिर की वर्चुअल पूजा

महंत राजूदास महाराज ने वामा.ऍप का आभार व्यक्त किया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 17 January 2023 02:26:36 PM

co-founder, vama and mahant rajudas maharaj

नई दिल्ली। भारत के वर्चुअल मंच वामा.ऍप VAMA.app पर अब दो और प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन किए जा सकेंगे। चित्रकूट से श्रीकामतानाथ मंदिर और अयोध्या से श्रीहनुमान गढ़ी मंदिर वामा के मंच में शामिल हो गए हैं, जिससे देशभर के भक्तों को अब इन मंदिरों में ई-पूजा और ई-दर्शन का अवसर मिलेगा। वामा के यूज़र्स को ऍप के सीधे प्रसारण के फ़ीचर का भी लाभ मिलेगा। भारत के सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों की सेवाओं को ऑनलाइन माध्यम से लोगों तक पहुंचाने वाले भारत के वर्चुअल मंच वामा.ऍप VAMA.app के सहसंस्थापक और तीसरी पीढ़ी के ज्योतिषाचार्य आचार्य देव ने कहा हैकि वामा की कोशिश देशभर के भक्तों को भारत के सबसे लोकप्रिय मंदिरों का आसान, सुलभ और सुविधाजनक ई-पूजा और ई-दर्शन के विकल्प देना है।
ज्योतिषाचार्य आचार्य देव ने कहाकि हम वामा.ऍप को भक्तों की सभी धार्मिक और आध्यात्मिक जरूरतों का एकमात्र वर्चुअल मंच बनाने के लक्ष्य के एक कदम नज़दीक आ गए हैं, अब चित्रकूट का श्रीकामतानाथ मंदिर और अयोध्या का श्रीहनुमान गढ़ी मंदिर जैसे धार्मिक स्थल भी हमारे मंच से जुड़ चुके हैं। आचार्य देव ने बतायाकि साल 2020 में स्थापना केबाद से हमने 80 से अधिक पुजारियों और मंदिरों को जोड़ा तथा प्रतिष्ठित मंदिरों में 1500 से अधिक ई-पूजा का आयोजन किया है। अयोध्या के हनुमान गढ़ी मंदिर के महंत राजूदास महाराज ने कहाकि अपने मंच से वर्चुअल पूजा और दर्शन की सुविधा देकर वामा उन भक्तों के लिए एक क्रांतिकारी विकल्प केतौर पर उभरा है, जो स्वयं दर्शन करने नहीं जा सकते।
श्री हनुमान गढ़ी के महंत राजूदास महाराज ने इस अवसर पर कहाकि डिजिटलीकरण की यात्रा में हमारी मदद करने के लिए हम वर्चुअल मंच वामा.ऍप के आभारी हैं। वामा.ऍप ने अबतक 15000 से अधिक ज्योतिष परामर्श और वर्चुअल पूजा की व्यवस्था एंड्राइड और आईओएस उपकरणों पर की है। आस्था के इस टेक स्टार्टअप ने हालही में अपने पूंजी निवेश के शुरूआती दौर से बढ़कर 5 लाख यूएस डॉलर तककी राशि इकट्ठा की है और प्राथमिक दौर का अंत 1.25 मिलियन यूएस डॉलर के निवेश से हुआ। वामा.ऍप का उद्देश्य अपनी सेवाओं का और अधिक विस्तार करते हुए इस योजना में दर्शन और आरती के सीधे प्रसारण की सुविधाओं को शामिल करना है। भविष्य में इसका लक्ष्य मध्य-पूर्व, यूएसए और कनाडा जैसे अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में विस्तार करना है।

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