स्वतंत्र आवाज़
word map

लैंगिक असमानता को दूर करें-उपराष्ट्रपति

महिलाओं की प्रगति के लिए आर्थिक सशक्तिकरण जरूरी

फिक्की महिला संगठन के वार्षिक सत्र में बोले उपराष्ट्रपति

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 31 March 2022 03:29:26 PM

vice president spoke at the annual session of ficci women's organization

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने राष्ट्र को विभिन्न मोर्चों पर आगे बढ़ने को लेकर शैक्षणिक, आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूपसे महिला सशक्तिकरण में तेजी लाने की जरूरत पर जोर दिया है। उपराष्ट्रपति ने दिल्ली में फिक्की महिला संगठन के 38वें वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए कहाकि विभिन्न क्षेत्रों में लैंगिक असमानता को दूर करने की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने कहाकि महिलाओं को सशक्त बनाने केलिए सरकार से लेकर निजी क्षेत्र और नागरिक समाज तकको एकसाथ जरूर आगे आना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने महिलाओं को सशक्त बनाने के एक साधन के रूपमें संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण प्रदान करने की जरूरत को भी दोहराया। उन्होंने कहाकि महिला सशक्तिकरण का न केवल खुद उनके जीवन पर बल्कि, परिवार और समाज पर भी इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दियाकि समावेशी विकास केलिए महिलाओं, युवाओं और ग्रामीण भारत पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
उपराष्ट्रपति ने लैंगिक समानता सुनिश्चित करने और लड़कियों की साक्षरता दर में सुधार करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहाकि इस पहलू पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने महिलाओं की प्रगति केलिए आर्थिक सशक्तिकरण की महत्ता को देखते हुए बिना लैंगिक आधार के सभी बच्चों केलिए समान संपत्ति अधिकारों का आह्वान किया। वेंकैया नायडू ने कारपोरेट क्षेत्र और विभिन्न एनजीओ से सरकार की ओरसे लड़कियों को शिक्षित करने के प्रयासों को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहाकि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाएं देश के हर एक हिस्से में लागू है। उपराष्ट्रपति ने कहाकि लड़कियों केसाथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए और हर एक बच्ची को विद्यालय जाना चाहिए। उन्होंने महिलाओं के शिक्षित होने के लाभों का उल्लेख किया, इनमें प्रजनन दर, शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर में कमी होना शामिल हैं। उन्होंने कहाकि शिक्षा महिलाओं को बेहतर निर्णयकर्ता बनने केलिए सशक्त बनाएगी। उपराष्ट्रपति ने बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य सुनिश्चित करने और उन्हें ठीक से पका हुआ पारंपरिक भारतीय भोजन उपलब्ध कराने के महत्व पर भी जोर दिया।
उपराष्ट्रपति ने कहाकि आर्थिक विकास केलिए व्यवसाय में महिलाओं की भागीदारी को मौलिक रूपसे मान्यता दी जा रही है। उन्होंने अधिक महिलाओं को उद्यमी बनने केलिए प्रोत्साहित करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने बतायाकि भारत में कुल 5.85 करोड़ उद्यमियों में से केवल 14 फीसदी महिलाएं हैं। उपराष्ट्रपति ने महिलाओं केबीच उद्यमिता को बढ़ावा देने केलिए उद्योग जगत, सरकार और समाज से ठोस प्रयास का आह्वान किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण में एफएलओ के प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने फिक्की महिला संगठन की 38वीं वार्षिक रिपोर्ट का विमोचन किया। इस रिपोर्ट केसाथ एफएलओ की ओर से तैयार 'वुमेन लीडिंग इंडियाज इंडस्ट्रियल आउटलुक' शीर्षक से एक नीति दस्तावेज भी जारी किया गया। कार्यक्रम में एफएलओ की अध्यक्ष उज्ज्वला सिंघानिया, एफएलओ के हैदराबाद चैप्टर की अध्यक्ष उमा चिगुरुपति, एफएलओ की कार्यकारी निदेशक रश्मि सरिता और प्रतिष्ठित महिला उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियों ने हिस्सा लिया।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]