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केदारनाथ में विकास कार्यों की समीक्षा

पर्यावरण के अनुकूल सुविधाएं विकसित करें-नरेंद्र मोदी

केदारनाथ के विकास में नवीनतम तकनीक का उपयोग

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 10 September 2020 02:32:31 PM

kedarnath dham

नई दिल्ली/ रुद्रप्रयाग। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ धाम में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की है, जिसमें केदारनाथ धाम में बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देना शामिल है, जिससे वहां अधिक तीर्थयात्रियों के साथ-साथ पर्यटक भी जा सकें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीर्थयात्रियों के अनुकूल और पर्यावरण अनुकूल सुविधाएं बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने केदारनाथ और उसके आसपास के क्षेत्रों के आगे विकास के लिए चल रहे प्रयासों में नवीनतम तकनीक का उपयोग करने का भी आह्वान किया। गौरतलब है कि भारत के उत्तराखंड राज्य में हिंदुओं की धार्मिक आध्यात्मिक आस्‍था के लिए अनेक विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्‍थल हैं, जिनमें हरिद्वार तीर्थ के अलावा बद्रीनाथ धाम और केदारनाथ धाम विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्‍थान हैं, जहां जाने के बाद मनुष्य अपने लिए पुण्यलोक अर्जित करने का विश्वास रखता है।
रुद्रप्रयाग में केदारनाथ धाम भगवान शिव का परम स्‍थल है। गढ़वाल की हिमालय श्रृंखला पर स्थित केदारनाथ धाम अत्यधिक ठंडे और बर्फीले मौसम के कारण केवल अप्रैल से नवंबर के महीने में ही आम जनता के लिए खुला होता है। मध्य प्रदेश से निकली मंदाकिनी नदी यहां से गुजरती है और अलकनंदा से जुड़ते हुए देवप्रयाग को बढ़ती है, जहां वह भागीरथी नदी से मिलकर गंगा नदी का निर्माण करती है। पवित्र पुण्य नदियों का यह भी एक अलौकिक संगम है,‌ जिसपर भगवान केदारनाथ वास करते हैं। केदारनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंग में हैं। पत्‍थरों से कत्यूरी शैली से बने इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण पांडव वंश के जनमेजय ने कराया था। यहां स्वयम्भू शिवलिंग अति प्राचीन है और आदि शंकराचार्य ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था।
भारत के विभिन्न इलाकों सहित उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश राज्य में जून 2013 में अचानक आई भयावह बाढ़ और भूस्खलन के कारण केदारनाथ धाम क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुआ। यह चमत्कार ही कहा जाएगा कि केदारनाथ मंदिर की दीवारें गिर कर बाढ़ में बह गईं, मगर मंदिर के मुख्य हिस्से और सदियों पुराने गुंबद का कोई भी बालबांका नहीं हो सका। मंदिर का प्रवेश द्वार और उसके आस-पास का इलाका भी पूरी तरह तबाह हो गया था। बाढ़ से प्रलय के बाद उत्तराखंड सरकार और भारत सरकार ने इस पूरे क्षेत्र का नए सिरे से पुर्नरुद्धार शुरु कराया, अंतर्राष्ट्रीय श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए यहां उच्चकोटि की आगमन प्रस्‍थान और आवासीय सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं भी यहां के विकास कार्यों की सतत समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कल विस्तार से यहां के विकास कार्यों की समीक्षा की और महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश भी दिए।

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