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राष्‍ट्रपति की बोलिविया ‌की पहली राजकीय यात्रा

'बोलिविया लातिन अ‍मेरिकी क्षेत्र में भारत का अग्रणी साझेदार'

भारत-बोलिविया व्‍यवसाय फोरम में राष्‍ट्रपति का संबोधन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 30 March 2019 06:17:22 PM

president's address in the indo-bolivian business forum

सूक्रे/ नई दिल्ली। राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद तीन देशों क्रोएशिया, बोलिविया और चिली की आधिकारिक यात्रा पर हैं। बहुराष्ट्रीय देश बोलिविया की यात्रा पर वे शांताक्रूज में वीरू वीरू अंतरराष्‍ट्रीय हवाईअड्डे पर पहुंचे, जहां बोलिविया के राष्‍ट्रपति इवो मोरेल्‍स आईमा और वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका गर्मजोशी से पारंपरिक स्‍वागत किया। दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्‍थापना के बाद से भारत और बोलिविया के बीच यह अबतक का पहला उच्‍चस्‍तरीय दौरा है। राष्‍ट्रपति ने बोलिविया के राष्‍ट्रपति इवो मोरेल्‍स आईमा के साथ बैठक से अपने कार्यक्रमों की शुरूआत की। राष्‍ट्रपति मोरेल्‍स के साथ बातचीत के दौरान राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि बोलिविया में भारत की अबतक की पहली राजकीय यात्रा करके वह सम्‍मानित महसूस कर रहे हैं। उन्‍होंने विशेष स्‍वागत एवं प्रेम के लिए राष्‍ट्रपति मोरेल्‍स को धन्‍यवाद दिया। राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्‍व में दोनों पक्षों के बीच शिष्‍टमंडलस्‍तरीय वार्ता हुई, जिसमें उन्‍होंने कहा कि यह देखना बहुत उत्साहवर्धक है कि पिछले दो वर्ष के दौरान भारत-बोलिविया द्विपक्षीय व्‍यापार में तेजी आई है और 2018 के दौरान यह 875 मिलियन डॉलर का रहा।
गौरतलब है कि बोलिविया के सोने का 60 प्रतिशत भारत को निर्यात होता है, बोलिविया लातिन अ‍मेरिकी क्षेत्र में भारत का आठवां अग्रणी व्‍यापार साझेदार है। यह पश्चिमी-मध्य दक्षिण अमेरिका में एक स्थलरुद्ध देश है। इसकी राजधानी सूक्रे है, जबकि सरकारी परिसर ला पाज में है। सबसे बड़ा शहर और प्रमुख आर्थिक और वित्तीय केंद्र सांता क्रूज़ डी ला सिएरा है। राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हम फार्मा क्षेत्र में अपने निर्यात को बढ़ाने के इच्‍छुक हैं और भारत को सस्ती कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं के लिए विश्वस्तर पर मान्यता प्राप्त है। दोनों पक्षों ने बोलिविया के विशाल लिथियम भंडार की खोज और निष्कर्षण के लिए एक साथ काम करने के लिए भी सहमति जताई। लिथियम बैटरी बनाने में उपयोग किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण संसाधन है, जो भारत को इलेक्ट्रिक कारों के बढ़ते उपयोग जैसी अपनी स्वच्छ प्रौद्योगिकी पहलों के लिए चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत विकासशील देशों के सहयोग के ढांचे के तहत बोलिविया के साथ अपनी विकास सहयोग साझेदारी पर गर्व करता है। उन्होंने बोलिविया में विकास परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए बोलिविया को 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ऋण सहायता की।
राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बोलिविया में भारतीय तकनीकी आर्थिक सहयोग कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण स्लॉट को दोगुना करके दस तक लाने की पेशकश की। दोनों देशों के बीच समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर और उनका आदान-प्रदान किया गया, इनमें संस्कृति के क्षेत्र, राजनयिकों के लिए वीजा छूट, राजनयिक अकादमियों के बीच आदान-प्रदान, खनन, अंतरिक्ष, पारंपरिक चिकित्सा, आईटी में उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना और द्विसामुद्रिक रेलवे परियोजना शामिल है। भारत ने इस परियोजना पर बोलिविया के साथ काम करने के लिए भारतीय रेलवे की संभावना तलाशने की पेशकश की, जो बोलिविया के लिए महत्वपूर्ण है, इसके अलावा बोलिविया अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में भी शामिल हो गया है। बोलिविया के राष्‍ट्रपति इवो मोरेल्‍स आईमा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बोलिविया के सबसे बड़े राज्य सरकारी सम्‍मान कोंडोर डी लॉस एंडीज एन एल गादो डी ग्रान कॉलर से सम्मानित किया। राष्ट्रपति ने यह पुरस्कार भारत और बोलिविया के बीच की दोस्ती को समर्पित किया।
रामनाथ कोविंद ने कहा कि सांस्कृतिक, भाषाई और जातीय विविधता हमारे लोगों को परिभाषित करती है और विविधता में एकता हमारी साझा उपलब्धि है। राष्ट्रपति ने यूनिवर्सिडाड ऑटोनमा गेब्रियल रेने मोरेनो का दौरा किया, जहां उन्होंने महात्मा गांधी के नाम पर विश्वविद्यालय के सभागार का नामकरण करते हुए एक पट्टिका का अनावरण किया। छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गांधीजी 21वीं सदी के वैश्विक प्रयोजनों के लिए बेहद प्रासंगिक हैं, स्थिरता, पारिस्थितिक संवेदनशीलता और प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने की हिमायत करते हुए उन्होंने हमारे समय की कुछ बड़ी चुनौतियों का अनुमान व्‍यक्‍त किया और संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य व्‍यवहार में गांधीवादी दर्शन का अनुसरण करते हैं। राष्ट्रपति ने भारत-बोलिविया व्‍यवसाय फोरम को भी संबोधित किया। राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों के पास अपनी आर्थिक ताकत है और दोनों विकास और समृद्धि के लिए एक दूसरे के पूरक हो सकते हैं।
राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत उपग्रहों, हल्के विमानों, कारों से लेकर प्रमुख उच्च प्रौद्योगिकी औद्योगिक उत्पादों तक सबकुछ का विनिर्माण करता है और दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा वैज्ञानिक मानव संसाधन पूल है। उन्होंने कहा कि भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और व्‍यवसाय के लिए एक अद्वितीय गंतव्य है। राष्ट्रपति ने कहा कि कई भारतीय वैश्विक बड़ी कंपनियों ने बोलिविया में प्रवेश किया है और उनके माध्यम से अत्याधुनिक तकनीक, उत्पादों और सेवाओं को लोगों तक पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल, हेल्थकेयर, आईटी, नवीकरणीय ऊर्जा, लिथियम, कृषि, अंतरिक्ष जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भारत और बोलिविया के बीच सहयोग के असीम अवसर हैं, जो रेलवे, राजमार्गों, जलमार्गों, वायुमार्गों से लेकर ऊर्जा पथों के द्वारा आधुनिक बुनियादी ढांचे को विकसित कर रहे हैं।

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