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'सऊदी अरब हमारा मूल्यवान रणनीतिक साझेदार'

दोनों देशों के सहयोगात्मक संबंधों पर प्रधानमंत्री का प्रेस वक्तव्य

'भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर में सऊदी अरब के निवेश का स्वागत'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 20 February 2019 03:55:17 PM

pm narendra modi press statement

नई दिल्ली। सऊदी अरब की रक्षा परिषद के उपाध्यक्ष प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल-सऊद के भारत में पहले राजकीय दौरे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त रूपसे राष्ट्रपति भवन में उनका भव्य स्वागत किया। इससे पहले कल राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोहम्मद बिन सलमान की जोरदार अगवानी की थी। प्रधानमंत्री ने आज मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात और दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण सहयोगात्मक संबंधों पर विचार-विमर्श के दौरान एक प्रेस वक्तव्य में कहा है कि भारत और सऊदी अरब के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक सम्बंध सदियों पुराने हैं और यह सदैव सौहार्दपूर्ण एवं मैत्रीपूर्ण रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे लोगों के बीच के घनिष्ठ और निकट संपर्क हमारे देशों के लिए एक सजीव सेतु है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे द्विपक्षीय सबंधों में और भी प्रगाढ़ता, मधुरता और शक्ति आई है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज 21वीं सदी में सऊदी अरब भारत के सबसे मूल्यवान रणनीतिक साझेदार में है, यह एक करीबी दोस्त है और भारत की ऊर्जा सुरक्षा का महत्वपूर्ण स्रोत भी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वर्ष 2016 में सऊदी अरब की यात्रा के दौरान हमने अपने संबंधों को विशेष रूपसे ऊर्जा और सुरक्षा के क्षेत्रों में कई नए आयाम दिए थे और प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल-सऊद से अर्जेंटीना में 2 माह पहले हुई मुलाकात के परिणामस्वरूप सुरक्षा, व्यापार और निवेश के क्षेत्रों में हमारी रणनीतिक साझेदारी के सार ने नया विस्तार लिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल-सऊद के सुझाव की रूपरेखा के अनुसार हम द्विवार्षिक शिखर सम्मेलन और स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप काउंसिल की स्थापना के लिए सहमत हुए हैं, इनसे हमारे संबंधों को मज़बूती, गति और प्रगति का लाभ मिलेगा। नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हमने द्विपक्षीय संबंधों के सभी विषयों पर व्यापक और सार्थक चर्चा की है, हमने अपने आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का निश्चय किया है। उन्होंने कहा कि हमारे अर्थतंत्र में सऊदी अरब से संस्थागत निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए हम एक ढांचा स्थापित करने पर सहमत हुए हैं और मैं भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर में सऊदी अरब के निवेश का स्वागत करता हूं।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनके विज़न 2030 के नेतृत्व में हो रहे आर्थिक सुधार भारत के प्रमुख कार्यक्रमों जैसेकि मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया के पूरक हैं। उन्होंने कहा कि हमारे ऊर्जा संबंधों को स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप में तब्दील करने का समय आ गया है, दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी और स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिज़र्व में सऊदी अरब की भागीदारी, हमारे ऊर्जा संबंधों को क्रेता-विक्रेता संबंध से बहुत आगे ले जाती है। उन्होंने कहा कि हम अक्षय ऊर्जा के क्षेत्रों में अपने सहयोग को मज़बूत करने पर सहमत हुए हैं, हम इंटरनेशनल सोलर अलायंस में सऊदी अरब का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग, विशेषरूप से वाटर डीसेलिनेशन और स्वास्थ्य के लिए हमारे सहयोग का एक और आयाम होंगे, हमने आपसी रक्षा सहयोग को मज़बूत करने और उसका विस्तार करने पर भी चर्चा की है। उन्होंने कहा कि पिछले साल भारत सऊदी अरब में प्रतिष्ठित जनाद्रियाह समारोह में 'गेस्ट ऑफ ऑनर' था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हमने अपने सांस्कृतिक संबंधों को और मज़बूत करने का लक्ष्य रखा है, व्यापार और पर्यटन को बढ़ाने हेतु सऊदी अरब के नागरिकों के लिए ई-वीज़ा का विस्तार किया जा रहा है, भारतीयों के लिए हज़ कोटे में वृद्धि के लिए हम उनके आभारी हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2.7 मिलियन भारतीय नागरिकों की सऊदी अरब में शांतिपूर्ण और उपयोगी उपस्थिति हमारे बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने सऊदी अरब की प्रगति में रॉयल हाइनेस के सकारात्मक योगदान की प्रशंसा की है। नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए बर्बर आतंकवादी हमले का भी जिक्र किया और कहा कि यह मानवता विरोधी खतरे से दुनिया पर छाए कहर की एक और क्रूर निशानी है, इससे प्रभावशाली ढंग से निपटने के लिए हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि आतंकवाद को किसी भी प्रकार का समर्थन दे रहे देशों पर सभी संभव दबाव बढ़ाने की आवश्यकता है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि आतंकवाद का इंफ्रास्ट्रक्चर नष्ट करना और इसको समर्थन समाप्त करना एवं आतंकवादियों और उनके समर्थकों को सजा दिलाना बहुत जरूरी है, साथ ही अतिवाद के खिलाफ सहयोग और इसके लिए एक मज़बूत कार्ययोजना की भी ज़रूरत है, ताकि हिंसा और आतंकवाद हमारे युवाओं को गुमराह न कर सके। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि सऊदी अरब और भारत इस बारे में साझा विचार रखते हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया और खाड़ी में शांति और स्थिरता सुनिचित करने में हमारे दोनों देशों के साझा हित हैं, आज हमारी बातचीत में इस क्षेत्र में हमारे कार्यों में तालमेल लाने और हमारी भागीदारी को तेजी से आगे बढ़ाने पर सहमति हुई है तथा हम इस बात पर भी सहमत हुए हैं कि आतंकवाद का मुकाबला, समुद्री सुरक्षा और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में और मजबूत द्विपक्षीय सहयोग दोनों देशों के लिए लाभप्रद रहेंगे।

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