गृहमंत्री ने की राजनीतिक दलों के साथ दिल्ली में बैठक
'भारत के खिलाफ सीमापार आतंकवाद की घोर निंदा'स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 18 February 2019 12:47:35 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पुलवामा में आतंकवादी हमले के मद्देनज़र संसद के दोनों सदनों में राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ दिल्ली में बैठक की, जिसमें उन्होंने अपनी श्रीनगर यात्रा के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्र कश्मीर के अमन पसंद लोगों के साथ है और हमारे सैन्यबलों का मनोबल ऊंचा है एवं उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने के लिए अपना संकल्प व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सैन्यबलों को आतंकवादियों और मुजरिमों पर कार्रवाई करने की खुली छूट दी हुई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने प्रारंभ से ही आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रखी है। उन्होंने कहा कि 14 फरवरी को हुआ कायरतापूर्ण हमला आतंकवादियों की निराशा को दिखाता है। राजनाथ सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के अधिकांश लोग शांतिप्रिय हैं, परंतु कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो सीमापार से संचालित आतंकवादी गुटों से सहानुभूति रखते हैं और हम सभी भारत के खिलाफ सीमापार आतंकवाद की घोर निंदा करते हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सैन्यबलों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा, देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए एकजुट है और मोदी सरकार अपने देश से आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए कृतसंकल्प है। गृहमंत्री ने कहा कि देशहित के मामलों में कश्मीर से कन्याकुमारी तक पूरा देश एकजुट है। उन्होंने कहा कि केंद्र, शहीदों के परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि हम राज्यों से अपील करते हैं कि वे भी परिवारों को अधिकतम संभव सहायता प्रदान करें। बैठक में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए और सरकार को अपना समर्थन प्रदान किया। बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित हुआ, जिसमें कहा गया है कि हम जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए 14 फरवरी 2019 की कायरतापूर्ण आतंकवादी घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं, जिसमें सीआरपीएफ के 40 बहादुर जवान शहीद हो गए, हम आतंकवाद के सभी रूपों तथा सीमापार से आतंकवाद को दिए जा रहे समर्थन की भर्त्सना करते हैं। भारत पिछले तीन दशक से सीमापार आतंकवाद का सामना कर रहा है। हाल के वर्ष में भारत में आतंकवाद को सीमापार की ताकतों का सक्रिय रूपसे समर्थन रहा है। भारत ने इन चुनौतियों से निपटने में सुदृढ़ता और लचीलापन दोनों का ही प्रदर्शन किया है। समूचे राष्ट्र ने एक स्वर में इन चुनौतियों से निपटने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया है। हमसब मिलकर आतंकवाद का मुकाबला करने और भारत की एकता एवं अखंडता की रक्षा करने के लिए अपने सुरक्षाबलों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हैं।
गौरतलब है कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सीआरपीएफ के काफिले पर हुए जघन्य आतंकवादी हमले के मद्देनज़र जम्मू-कश्मीर के वास्तविक हालात का जायजा लेने के लिए श्रीनगर का दौरा किया था। उन्होंने श्रीनगर में सीआरपीएफ के क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र में शहीद जवानों के ताबूत पर पुष्प अर्पित किए। इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गाबा, सीआरपीएफ के महानिदेशक राजीव राय भटनागर और सीआरपीएफ तथा जम्मू-कश्मीर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी थे। बहादुर जवानों के सर्वोच्च बलिदान की याद में दो मिनट का मौन रखा गया। राजनाथ सिंह ने शहीद जवानों के ताबूत को कंधा भी दिया और उसके बाद पार्थिव शरीरों को उनके परिजनों के सुपुर्द करने के लिए ले वहां से ले जाया गया। गृहमंत्री ने आर्मी बेस अस्पताल का भी दौरा किया और वहां भर्ती घायल जवानों का हालचाल पूछा। उन्होंने एक उच्चस्तरीय बैठक में राज्य के सुरक्षा हालात का जायजा लिया, जिसमें सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने सुरक्षाकर्मियों के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले का ब्यौरा दिया और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने जघन्य हमले को अंजाम देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने का भरोसा दिलाया। गृहमंत्री ने उन्हें निर्देश दिया कि आईईडी की पहचान करने की क्षमताओं में वृद्धि करने के लिए हर संभव उपाय करें और सैनिकों की आवाहाजी के दौरान नागरिक यातायात को रोकने के लिए अतिरिक्त उपाय किए जाएं।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली रवाना होने से पहले मीडिया को भी संबोधित किया और कहा कि पूरा राष्ट्र सर्वोच्च बलिदान देने वाले जांबाज़ जवानों को सेल्यूट करता है। उन्होंने कहा कि सभी राज्य सरकारों सें शहीदों के परिवारों की हर संभव सहायता करने को कहा गया है। गृहमंत्री ने कहा कि देश एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक युद्ध लड़ रहा है और निश्चित रूपसे उसकी जीत होगी। उन्होंने कहा कि केवल मुट्ठी भर गुमराह नौजवानों ने सीमापार बैठे लोगों से आतंकवाद फैलाने के नापाक मंसूबे के लिए हाथ मिलाया है, ऐसे तत्व जम्मू-कश्मीर की जनता के दुश्मन हैं। उन्होंने पाकिस्तान की आईएसआई से पैसा लेने वालों की निजी सुरक्षा की समीक्षा करने का आह्वान किया। केंद्रीय गृहमंत्री ने जनता से सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की भी अपील की है। बैठक में कांग्रेस, एआईएडीएमके, एनसीपी, टीडीपी, एसपी, एआईटीसी, एएपी, बीएसपी, बीजेडी, एलजेपी, आरएलएसपी, आईएनएलडी, सीपीआई (एम), सीपीआई, आरजेडी, एसएडी, आईयूएमएल, आरपीआई (ए), जेकेएनसी, एनपीएफ और टीआरएस पार्टियों के सदन के नेताओं ने भाग लिया। केंद्रीय संसदीय मामलों, ग्रामीण विकास, पंचायती राज और खान मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी बैठक में उपस्थित थे।