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अटलजी भारत के महान नेता-नायडू

'संसद जनजीवन में नए प्रतिमान स्‍थापित करे'

'दूसरों के विचारों व जनमत के प्रति सहिष्‍णु हों'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 13 February 2019 12:38:35 PM

venkaiah naidu addressing at the unveiling ceremony of portrait of the atal bihari vajpayee

नई दिल्ली। उपराष्‍ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने संसद सदस्‍यों से आग्रह किया कि वे अपने बहस के स्‍तर को ऊंचा करें, ताकि संसद जनजीवन में नए प्रतिमान स्‍थापित कर सके, यही अटल बिहारी वाजपेयी के प्रति सच्‍ची श्रद्धांजलि होगी। उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि अटलजी ने अपने अनुकरणीय आचरण और हस्‍तक्षेप से लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत किया है। उपराष्‍ट्रपति ने ये विचार संसद के केंद्रीय कक्ष में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र के अनावरण कार्यक्रम पर व्यक्त किए। उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि अटलजी ने एक गठबंधन सरकार का नेतृत्‍व करके दिखाया कि लोकतंत्र को कैसे मजबूती प्रदान की जा सकती है, उन्‍होंने दिखाया कि अच्‍छे प्रशासन से लोकतंत्र को मजबूत किया जा सकता है।
उपराष्‍ट्रपति वेंकैया नायडू ने अटल बिहारी वाजपेयी को एक दूरदर्शी राजनेता बताते हुए कहा कि उन्‍होंने देश में कनेक्टिविटी क्रांति का प्रारंभ किया, बड़े पैमाने पर राष्‍ट्रीय राजमार्ग, ग्रामीण सड़कों व हवाई यात्रा अवसंरचना का निर्माण हुआ और संचार क्षेत्र का विस्‍तार हुआ, उनका विचार था कि आर्थिक विकास के लिए कनेक्टिविटी महत्‍वपूर्ण है। वेंकैया नायडू ने कहा कि अटलजी में प्रत्‍येक वर्ग और समुदाय के लोगों से तथा पृथक विचारधारा वाले राजनीतिक दलों से जुड़ने की अभूतपूर्व क्षमता थी। उन्होंने कहा कि अटलजी का कोई दुश्‍मन नहीं था, इसीलिए उन्‍हें अजातशत्रु कहा जाता था, वे एक महान प्रशासक, महान राजनीतिज्ञ, कुशल वक्‍ता, महान संसद सदस्‍य और आदर्श रोलमॉडल हुए। उन्‍होंने कहा कि अटलजी समका‍लीन भारत के सर्वाधिक महान नेताओं में एक थे। उन्‍होंने अमिट छाप छोड़ी है, जो हमें हमेशा नए भारत के निर्माण के लिए प्रेरित करती रहेगी। उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि दूसरों के विचारों और जनमत के प्रति सहिष्‍णु होना चाहिए।

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