स्वतंत्र आवाज़
word map

विकास धर्म और लोकसभा चुनाव का संगम

उत्तर प्रदेश सरकार का बजट कन्याओं को समर्पित

वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने प्रस्तुत किया बजट

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 7 February 2019 05:53:14 PM

uttar pradesh's budget dedicated to girls

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने आज विधानसभा में योगी आदित्यनाथ सरकार का वित्तीय वर्ष 2019-2020 के लिए बजट प्रस्तुत किया, जिसका आकार 4 लाख 79 हजार 701 करोड़ 10 लाख रुपये है, जो वर्ष 2018-2019 के बजट के सापेक्ष 12 प्रतिशत अधिक है। बजट में 21 हजार 212 करोड़ 95 लाख रुपये की नई योजनाएं शामिल की गई हैं, इनमें बारह सौ करोड़ रुपये की कन्या सुमंगला योजना भी है, जो पैदा हुई लड़की को समर्पित है, जिसमें सरकार ने उसके बचपन से लेकर पढ़ाई-लिखाई और शादी के खर्च तक की जिम्मेदारी ली है। इस योजना के तहत सरकार की ओर से उस बच्ची के खाते में धनराशि जमा कर दी जाएगी जो बड़े होकर उसके काम आएगी। बजट में उत्तर प्रदेश के धार्मिक और पर्यटन महत्व के लगभग सभी स्‍थलों और संस्कृति के विकास के लिए धन की अच्छीखासी व्यवस्‍था की गई है। वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने शायर प्रोफेसर वसीम बरेलवी के हौसला और तूफान की मानिंद एक शेर से बजट की शुरुआत की और राज्य के चहुंमुखी विकास की योजनाओं घोषणाओं से गुजरते हुए वंदे मातरम पर खत्म किया। सैंतीस पेज का यह बजट लोकलुभावन ही है और लोकसभा चुनाव को सामने देखते हुए सरकार ने प्रदेश की जनता को नाराज करने वाली कोई छेड़छाड़ नहीं की है। राजेश अग्रवाल ने युवाओं पर सीधे कोई ऐसा फोकस नहीं किया, जिससे उनमें भाजपा के लिए जोश भर जाए, यद्यपि उनके लिए कुछ दाएं-बाएं की योजनाएं हैं, जो लोकसभा चुनाव के शोर में सुनाई नहीं देंगी, जबकि लोकसभा चुनाव का उलटफेर पूरी तरह युवाओं के हाथ में है और वह जिस तरफ जाएगा, तूफान खड़ा कर देगा।
वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल के बजट पेश करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधानभवन के तिलक हॉल में मीडिया से मुखातिब हुए और उन्होंने वित्तमंत्री की विधानसभा में ‌की गई घोषणाओं को दोहराते हुए कहा कि यह इतिहास का सबसे बड़ा और कल्याणकारी बजट है। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रत्येक व्य‌क्ति की आय में वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री ने सिलसिलेवार विकास योजनाएं गिनाईं और कन्या सुमंगला योजना पर खास फोकस किया। उन्होंने कहा कि कन्या के प्रति उनकी सरकार की भावनाएं जिम्मेदारी भरी हैं और सरकार उसके संपूर्ण विकास में उसके साथ है। मुख्यमंत्री के लिए कुछ ही संवाददाताओं के सवाल लिए गए। उनका यह प्रयास रहा कि वे मीडिया को ज्यादा से ज्यादा घोषणाओं और सरकार की उपलब्धियों की जानकारी दें। भाजपा सरकार का यह तीसरा बजट था। राज्य के संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना की इस बजट पर मीडिया के पास तुरंत टिप्पणी आई, जिसमें उन्होंने कहा है कि यह बजट किसान, नौजवान, व्यापारी तथा महिलाओं के हित में है, जिसमें रोज़गार के अवसर बढ़ाए गए हैं, समाज के हर वर्ग का ध्यान रखा गया है और बजट में कोई विशेष नया कर नहीं लगाया गया है।
योगी सरकार के बजट में 20 प्रतिशत विद्युत, 15 प्रतिशत गृह विभाग, 12.5 प्रतिशत पीडब्लूडी, 11 प्रतिशत सिंचाई, 11 प्रतिशत चिकित्सा स्वास्थ्य, 20 प्रतिशत समाज कल्याण, 20 प्रतिशत ग्राम विकास और नगर विकास पर धन की वृद्धि की गई है। बजट में 235 नई मदों को शामिल किया गया है और धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों के आने-जाने की विशेष सुविधा देने की बात प्रमुखता से कही गई है। बजट में मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के अंतर्गत 111 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है। पांच जिला चिकित्सालयों का उच्चीकरण तथा 8 नए राजकीय मेडिकल कालेज निर्माण की कार्यवाही जारी है। सुरेश खन्ना ने कहा कि बजट में गोवंश एवं बेसहारा पशुओं के रखरखाव हेतु लगभग 450 करोड़ की व्यवस्था की गई है, जो छुट्टा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए बहुत बड़ा कदम है। उनका कहना है कि योगी सरकार का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि प्रति व्यक्ति आय में इजाफा हुआ है। वर्ष 2016-17 में प्रति व्यक्ति वार्षिक आय 50,092 रुपये रही थी, जो योगी सरकार में बढ़कर 55,470 रुपये हो गई है, बजट में सम्पूर्ण जनमानस को प्रत्यक्ष रूप से संतुष्टि प्रदान करने की बात है। बजट पर विपक्षी दलों के नेताओं ने तीखी टिप्पणियां की हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती, कांग्रेस और गैरभाजपाई नेताओं ने बजट की आलोचना ही की है।
बहरहाल कानून व्यवस्था के लिए उत्तर प्रदेश में 36 नए थानों के निर्माण, पुलिसकर्मियों एवं पीएसी के प्रशिक्षण क्षमता में विस्तार और पुलिसकर्मियों के लिए बैरक निर्माण हेतु 700 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। पुलिस विभाग में टाइप-ए एवं टाइप-बी के आवासीय भवनों के निर्माण हेतु 700 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। नवसृजित जनपदों में 7 पुलिस लाइनों के निर्माण हेतु 400 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है, करीब 57 फायर स्टेशनों पर आवासीय तथा अनावासीय भवनों के निर्माण हेतु 200 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है और पुलिस आधुनिकीकरण हेतु 204 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। इसी प्रकार बजट में चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास के लिए सरकारी क्षेत्र की बंद पड़ी चीनी मिलों के पुर्नसंचालन हेतु 50 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। सहकारी क्षेत्र की बंद चीनी मिलों को पीपीपी पद्धति से पुर्नसंचालित किए जाने हेतु 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। कृषि एवं सहकारिता के लिए बजट में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना हेतु 892 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है। नेशनल क्रॉप इन्श्योरेंस प्रोग्राम हेतु 450 करोड़ रुपये का प्राविधान है। उर्वरकों के पूर्व भंडारण योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2019-2020 के बजट में 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। विपणन वर्ष 2019-20 हेतु 1840 रुपये प्रति कुंतल की दर से 6000 क्रय केंद्रों के माध्यम से गेहूं क्रय किया जाना प्रस्तावित है। वर्ष 2019-20 में 60.51 लाख कुंतल बीज वितरण का लक्ष्य है, इसी तरह 77.26 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य है।
यूपी के बजट में पशुपालन एवं दुग्ध विकास, मत्स्य विकास, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, सिंचाई, लघु सिंचाई, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग, खादी एवं ग्रामोद्योग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, नागरिक उड्डयन, वन एवं पर्यावरण, राजस्व, लोक निर्माण, आवास एवं शहरी नियोजन, नगर विकास, नियोजन, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, महिला एवं बाल कल्याण, समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, दिव्यांगजन कल्याण, धर्मार्थ कार्य, पर्यटन, (उत्तर प्रदेश बृज तीर्थ, अयोध्या के प्रमुख पर्यटन स्थलों के समेकित विकास, गढ़ मुक्तेश्वर के पर्यटन स्थलों के विकास, प्रयागराज में ऋषि भारद्वाज आश्रम एवं श्रृंगवेरपुर धाम, विंध्याचल एवं नैमिषारण्य का विकास, बौद्ध परिपथ में सारनाथ, श्रावस्ती, कुशीनगर, कपिलवस्तु, कौशाम्बी एवं संकिसा का विकास, शाकुम्भरी देवी एवं शुक्रताल का विकास, राजापुर चित्रकूट में तुलसी पीठ का विकास, बहराइच में महाराजा सुहेलदेव स्थल एवं चित्तौरा झील का विकास तथा लखनऊ में बिजली पासी किले का विकास), न्याय विभाग, ऊर्जा विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वच्छ भारत मिशन, मेट्रो परियोजना, परिवहन, विकासोन्मुख कार्यों के लिए विभिन्न कार्ययोजनाएं प्रस्तावित हैं। वित्तमंत्री ने इन योजनाओं को प्रस्तुत करते हुए अपने बजट भाषण में शायरी और कविताओं का समावेश किया। उन्होंने प्रयागराज में कुंभ को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत बताते हुए कुंभ के विशाल आयोजन का उल्लेख किया और कहा प्रयाग में भारतीय संस्कृति और कला को बड़े सुंदर चित्रों से सजाया गया है।
योगी सरकार के इस बजट में ऐसा पहली बार देखा गया है, जब पिछली सरकारों में मुस्लिम तुष्टिकरण के कारण भारी उपेक्षा के शिकार हिंदू धर्म स्‍थलों के बु‌नियादी विकास और उनके महत्व को परिलक्षित किया गया है। अनेक ऐसे हिंदू धार्मिक स्‍थलों की सुध ली गई है, जिनके पास से गुजरने से भी सपा बसपा या कांग्रेस की सरकारे परहेज किया करती थीं, उनके विकास की कल्पना को तो छोड़िए। योगी सरकार ने हिंदुओं के भ्रमण या पूजा स्‍थलों, मेला स्‍थलों और पर्यटन स्‍थलों के ‌उद्धार के लिए इस बजट में धन की पर्याप्त व्यवस्‍था की है। योगी सरकार ने हिंदुत्व, कन्या और गायवंश की बड़ी चिंता की है, लेकिन ये तीनों ही सरकार के सामने बहुत बड़ी चुनौतियां हैं, क्योंकि इनका सर्व समाज से सीधा संबंध है और इनपर फोकस कोई इतनी सहज नहीं है। बजट में हिंदुत्व की छवि बिल्कुल साफ दिखाई देती है, जिसका लोकसभा चुनाव में लाभ मिल सकता है, जैसा कि ‌अभी से दिखाई दे रहा है कि यह चुनाव इस बार धर्म और राष्ट्रवाद की ओर जाता दिख रहा है।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]