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वित्तमंत्री ने इलेक्‍ट्रिक वाहनों को झंडी दिखाई

'इलेक्ट्रिक वाहनों में विनिर्माण व रोज़गार की असीम क्षमता'

'भारत में स्‍वच्‍छ, हरित और भविष्‍य उन्‍मुख प्रौद्योगिकियां'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 10 January 2019 03:31:51 PM

arun jaitley flagging off the e-vehicle at the inauguration of the e-vehicle

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली और विद्युत तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्‍यमंत्री आरके सिंह ने वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में 15 इलेक्‍ट्रिक वाहनों के आगमन का शुभारंभ झंडी दिखाकर किया। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इस अवसर पर कहा कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल असर के साथ-साथ विशेषकर वाहनों के उत्‍सर्जन से लोगों के स्‍वास्‍थ्य को हो रहे खतरे में भी कमी करने की दृष्टि से एक आकर्षक, टिकाऊ और लाभप्रद समाधान या सॉल्‍यूशन है। उन्‍होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों में विनिर्माण, रोज़गार सृजन और तकनीकी क्षमताओं में वृद्धि करके भारत के विकास में व्‍यापक सहयोग देने की असीम क्षमता है। अरुण जेटली ने कहा कि हम भारत में ई-मोबिलिटी को तेजी से अपनाने के मिशन का हिस्सा बनने से अत्‍यंत प्रसन्‍न हैं। विद्युत राज्‍यमंत्री आरके सिंह ने कहा कि भारत सरकार देश में स्‍वच्‍छ, हरित और भविष्‍य उन्‍मुख प्रौद्योगिकियों का दौर शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने अपने अधिकारियों के लिए 15 इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करने के उद्देश्‍य से विद्युत मंत्रालय के अधीनस्‍थ निकाय एनर्जी एफिसिएंसी सर्विसेज लिमिटेड के साथ एक समझौते पर हस्‍ताक्षर किए हैं और इन वाहनों को चार्ज करने के लिए नॉर्थ ब्‍लॉक में 28 चार्जिंग प्‍वाइंट स्‍थापित किए गए हैं, छह घंटे में चार्ज करने वाले 24 धीमी चार्जिंग केंद्र और सिर्फ 90 मिनट में चार्ज करने वाले 4 तीव्र चार्जिंग केंद्र इन चार्जिंग प्‍वाइंट्स में शामिल हैं। आर्थिक मामलों के विभाग को पांच वर्ष की अवधि के लिए पट्टे या लीज पर लिए गए इन 15 वाहनों का उपयोग करने से प्रतिवर्ष 36,000 लीटर से भी अधिक ईंधन की बचत होने की आशा है। इससे प्रतिवर्ष कार्बनडाई ऑक्‍साइड के उत्‍सर्जन में लगभग 440 टन की कमी भी संभव हो पाएगी। ये वाहन ऑटोमैटिक हैं और शून्य उत्सर्जन के साथ पूरी तरह से वातानुकूलित हैं। सरकार को इसके साथ ही रख-रखाव और परिचालन लागत में भी बचत होगी, जो आंतरिक दहन इंजन की तुलना में लगभग एक चौथाई है। इस कदम के साथ ही वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने कम कार्बन के उत्‍सर्जन के साथ पर्यावरणीय दृष्टि से अपेक्षाकृत अधिक टिकाऊ भविष्‍य की ओर अग्रसर होना शुरू कर दिया है। यह वर्ष 2030 तक 30 प्रतिशत बेड़े के विद्युतीकरण से संबंधित भारत के ई-मोबिलिटी लक्ष्‍य में उसकी भागीदारी को भी दर्शाता है।
देशभर में अनेक हितधारक पहले से ही इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में अपनी ओर से सहयोग देने की पहल कर रहे हैं। अभी कई और हितधारकों के इन प्रयासों से जुड़ने की आशा है। व्‍यय विभाग ने भी इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग शुरू करने हेतु दिल्‍ली स्थित सभी सरकारी कार्यालयों के लिए एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया है और कहा है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने से तेल आयात पर निर्भरता कम होगी एवं भारत में विद्युत क्षमता वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा, जिससे देश का ऊर्जा परिदृश्‍य बेहतर होगा। यही नहीं इन वाहनों का उपयोग करने के परिणामस्‍वरूप परिवहन क्षेत्र में ग्रीनहाउस गैसों का उत्‍सर्जन और कम हो जाएगा, जिससे विभिन्‍न शहरों में प्रदूषण के स्‍तर में कमी आएगी। वित्त सचिव अजय नारायण झा, आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव सुभाष चंद्र गर्ग, विद्युत मंत्रालय में सचिव अजय भल्‍ला, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग में सचिव आनंद कुमार और व्‍यय विभाग में विशेष ड्यूटी अधिकारी जीसी मुर्मू भी उपस्थित थे।

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