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नवोदय विद्यालयों में बढ़ाई गईं 5000 सीटें

'ग्रामीण छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का विस्‍तार'

देश के हर जिले में होगा नवोदय विद्यालय-जावड़ेकर

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 8 January 2019 03:28:11 PM

prakash javadekar

नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शैक्षिक वर्ष 2019-20 से जवाहर नवोदय विद्यालय में 5000 सीटें बढ़ाने की घोषणा कर दी है, जिससे अब नवोदय विद्यालयों में सीटों की उपलब्‍धता 51000 हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इन 4 वर्ष के दौरान जवाहर नवोदय विद्यालयों में 9000 सीटें बढ़ाई गई हैं और अगले 4 वर्ष में सरकार 32000 अतिरिक्‍त सीटें बढ़ाना चाहती है। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह सही दिशा में उठाया गया कदम है, इससे लागत मुक्‍त जवाहर नवोदय विद्यालयों के अभूतपूर्व विस्‍तार से ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभावान बच्‍चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्‍त करने के लिए और अधिक अवसर उपलब्‍ध होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार काफी सक्रियतापूर्वक यह विचार कर रही है कि विभिन्‍न राज्‍यों में प्रत्‍येक नवसृजित जिलों में एक नवोदय विद्यालय की स्‍थापना की जाए।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि नवोदय अपने देश में एकमात्र ऐसी शिक्षा प्रणाली है, जिसमें छात्र छठी कक्षा में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा में शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि बीते वर्ष में प्रवेश परीक्षा में भाग लेने वाले छात्रों की संख्‍या में उल्‍लेखनीय वृद्धि हुई है और वर्ष 2019 के लिए प्रवेश परीक्षा के लिए 31.10 लाख छात्रों का पंजीकरण किया गया है। मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि इससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्‍त करने की दिशा में ग्रामीण बच्‍चों की आकांक्षाओं का पता चलने के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्‍त नेतृत्‍व में इस आकांक्षा को पूरा करने की दिशा में सरकार के निरंतर प्रयासों का भी पता चलता है।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि नवोदय विद्यालय प्रणाली को एक अद्वितीय प्रयोग के रूपमें शुरू किया गया था, जो भारत में और अन्‍यत्र भी विद्यालय शिक्षा का एक बेजोड़ नमूना है। उन्होंने कहा कि हजारों की संख्‍या में वंचित बच्‍चों के लिए यह सफलता का एक स्रोत बन गया है। उन्होंने कहा कि इन पांच 5 वर्ष में नवोदय विद्यालय ने 10वीं कक्षा और 12वीं कक्षा में 97 प्रतिशत से भी अधिक उत्तीर्णता प्रतिशत दर्ज की है, जिसमें से 86 प्रतिशत प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हैं, ये परिणाम निजी स्‍कूलों और केंद्रीय माध्‍यमिक शिक्षा बोर्ड के राष्‍ट्रीय औसत से भी काफी बेहतर हैं।

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