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संसद का शीतकालीन सत्र-2018 शुरू

'सत्र जनहित के लिए हो न कि दल हित के लिए'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 11 December 2018 01:44:24 PM

narendra modi at an all party meeting, ahead of the winter session of parliament

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के शीतकालीन-2018 से पहले राज्यसभा और लोकसभा में राजनीतिक दलों के नेताओं की एक सर्वदलीय बैठक में कहा है कि यह सत्र महत्‍वपूर्ण है, सरकार की तरफ से कई महत्‍वपूर्ण विषय हैं, जो जनहित के हैं, देशहित के हैं और सभी का यह प्रयास रहे कि इस सत्र में हम अधिकतम काम कर पाएं। उन्होंने कहा कि मुझे विश्‍वास है कि सदन के सभी सदस्‍य इस भावना का आदर करते हुए आगे बढ़ेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा निरंतर प्रयास रहा है कि सभी विषयों पर चर्चा हो, वाद हो, विवाद हो, संवाद तो होना ही चाहिए और इसलिए हमारी यह गुजारिश है कि यह सदन निर्धारित समय से भी अधिक समय काम करे, सारे महत्‍वपूर्ण विषयों को नतीजे तक पहुंचाएं, चर्चा करके उनको और अधिक सार्थक एवं अधिक मजबूत बनाने के लिए प्रयास हों। प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि सभी राजनीतिक दल इस सत्र का सर्वाधिक उपयोग जनहित के लिए करेंगे, दल हित के लिए नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार संसद के दोनों सदनों में राजनीतिक दलों के राष्ट्रीय महत्व के सभी विषयों पर विचार-विमर्श करने को तैयार है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राजनीतिक दलों को शीतकालीन सत्र में सकारात्मक माहौल बनाने तथा लोककल्याण से संबंधित विषयों का सामूहिक समाधान निकालने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि संसद का सुचारू रूपसे कामकाज सुनिश्चित करते हुए देश और जनता की सेवा के लिए योगदान करना हम लोगों का प्राथमिक दायित्व है। इस दौरान सभी नेताओं ने पूर्व मंत्री एचएन अनंत कुमार को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा। इसके बाद विभिन्न दलों के नेताओं ने बाधारहित ढंग से संसद का कामकाज सुचारू रूपसे सुनिश्चत करने तथा संसद के दोनों सदनों में सकारात्मक विचार-विमर्श के माध्यम से गतिरोध समाप्त करने पर सहमति व्यक्त की। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य, ग्रामीण विकास, पंचायती राज तथा खान मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार ने संसद के दोनों सदनों का कामकाज सुचारू रूपसे चलाने के लिए सभी दलों, विशेषकर विपक्षी दल से सहयोग का अनुरोध किया है। उन्होंने बताया कि शीतकालीन सत्र में सभी दलों ने कामकाज सुचारू रूपसे चलाने के पक्ष में राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सरकार प्रक्रिया नियमों के अंतगर्त किसी भी विषय पर सदन में विचार-विमर्श के लिए तैयार है।
केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि संसद का शीतकालीन सत्र-2018 मंगलवार 11 दिसंबर से प्रारंभ होगा और सत्र 8 जनवरी 2019 को समाप्त होगा। उन्होंने बताया कि 29 दिन के सत्र में संसद की 20 बैठकें होंगी। शीतकालीन सत्र-2018 के दौरान 46 विषयों, जिसमें 45 विधेयक तथा एक वित्तीय विषय शामिल हैं पर चर्चा होगी। उन्होंने बताया कि शीतकालीन सत्र में-मुस्लिम महिला (विवाह संरक्षण अधिकार) अध्यादेश 2018, भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) अध्यादेश 2018 और कंपनी संशोधन अध्यादेश 2018 का स्थान तीन विधेयक लेंगे। उन्होंने बताया कि शीतकालीन सत्र में कुछ महत्वपूर्ण लंबित विधेयकों पर भी चर्चा होगी और उन्हें पारित किया जाएगा। ये विधेयक हैं-दंत चिकित्सक (संशोधन) विधेयक 2017, उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2018, नई दिल्ली अंतरार्ष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र विधेयक 2018,सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जा खाली कराना) संशोधन विधेयक 2017, किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) संशोधन विधेयक 2018, डीएनए टैक्नालोजी (उपयोग और एप्लीकेशन) नियमन विधेयक 2018, प्रमुख बंदरगाह प्राधिकार विधेयक 2016, व्यक्तियों की तस्करी (रोकथाम, संरक्षण तथा पुर्नवास) विधेयक 2018, ऑटिज्म सेरेब्रल पाल्सी, मंदबुद्धि तथा विविध दिव्यांगता (संशोधन) विधेयक 2018 और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग 2017 हैं।
संसद के शीतकालीन सत्र में अध्यादेशों के स्थान पर लाए जानेवाले तीन विधेयकों के अतिरिक्त कुछ महत्वपूर्ण विधेयक पर प्रस्तुत किए जा सकते हैं, उनपर विचार-विमर्श हो सकता है और उन्हें पारित किया जा सकता है। ऐसे विधेयक हैं-भारतीय चिकित्सा पद्धतिके लिए राष्ट्रीय आयोग (एनसीआईएम) विधेयक 2018, होम्योपैथी के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनसीएच) विधेयक 2018, विमान संशोधन विधेयक 2018, जालियान वाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक 2018, सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) विधेयक 2018, संबंद्ध तथा स्वास्थ्य देखभाल पेशा विधेयक 2018 और केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2018। सर्वदलीय बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त और कारपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली, संसदीयकार्य तथा सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियांवयन राज्यमंत्री विजय गोयल, संसदीय कार्य तथा जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल तथा अन्य मंत्री उपस्थित थे।

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