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जांच एजेंसियां विश्वसनीयता बनाए रखें-जेटली

राजस्व खुफिया निदेशालय का 61वां स्थापना दिवस समारोह

'डीआरआई का साहस, संकल्प और समर्पण अनुकरणीय'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 5 December 2018 01:13:31 PM

arun jaitley addressing at the 61st founding day of directorate of revenue intelligence

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने राजस्व खुफिया निदेशालय को उच्च निष्ठा तथा पेशेवर मानकों को बनाए रखने और इसे एक आदर्श संगठन बनाने का आग्रह किया है। अरुण जेटली ने राजस्व खुफिया निदेशालय के 61वें स्थापना दिवस समारोह को मुख्य अतिथि के रूपमें संबोधित करते हुए कहा कि एक आदर्श संगठन बनने के लिए प्रत्येक खुफिया एजेंसी को कुछ अतिमहत्वपूर्ण सिद्धांतों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों को उच्च पेशेवर स्तर बनाए रखना चाहिए एवं एकमात्र उद्देश्य को ध्यान में रखना चाहिए और यह उद्देश्य है-अपराध की जांच। उन्होंने कहा कि जांच अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी निर्दोष को नुकसान न पहुंचे, साथ ही यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि कोई दोषी बच ना जाए।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कोई भी एजेंसी मीडिया या समाचार में जितना कम रहेगी, उसके लिए उतना ही बेहतर होगा, क्योंकि जांच एजेंसियों के मामले में यह कहा जा सकता है कि जब कोई ख़बर नहीं है तो यह अच्छी ख़बर है। उन्होंने कहा कि उच्च मानकों के पालन से जांच एजेंसी की विश्वसनीयता बढ़ती है और उनको इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। डीआरआई की चुनौतियों का जिक्र करते हुए अरुण जेटली ने कहा कि अपनी भागौलिक स्थिति के कारण भारत नशीली दवाओं की तस्करी से प्रभावित है, पड़ोसी देशों के कारण आतंकवाद से प्रभावित है और विद्रोहियों को मदद पहुंचाने के लिए देश में अवैध हथियारों एवं गोला बारूद की तस्करी होती रही है। अरुण जेटली ने कहा कि हमारी एजेंसियों के ऊपर देश को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी है। उन्होंने डीआरआई के अधिकारी एलडी अरोड़ा के योगदान को याद किया, जिन्होंने कर्तव्य निर्वहन के दौरान अपने प्राणों की आहूति दे दी थी। समारोह में डीआरआई के दो पूर्व महानिदेशकों जीएस साहनी और एमएल बाधवा को डीआरआई उत्कृष्ट सेवा सम्मान 2018 प्रदान किया गया। अरुण जेटली ने ‘स्मगलिंग इन इंडिया रिपोर्ट 2017-2018’ का दूसरा संस्करण भी जारी किया।
राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने इस अवसर पर कहा कि डीआरआई ने भारत की आर्थिक और भौगोलिक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, इसके प्रयास से कुछ महत्वपूर्ण मामले प्रकाश में आए हैं जैसे-राजस्व हानि, व्यापार-आधारित धन शोधन, बड़ी मात्रा में नशीली दवाओं, विदेशी मुद्राओं तथा जाली भारतीय नोटों को जब्त करना आदि। अजय भूषण पांडे ने कहा कि डीआरआई ने अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच प्रतिष्ठा हासिल की है। सीबीआईसी के चेयरमैन एस रमेश ने कहा कि अपनी स्थापना के 6 दशक के दौरान डीआरआई ने तस्करी रोधी कार्रवाई की अगुवाई की है एवं अनुकरणीय साहस, संकल्प और समर्पण दिखाया है। डीआरआई के महानिदेशक देबीप्रसाद दास ने विभिन्न क्षेत्रों में डीआरआई की उपलब्धियों का ब्यौरा दिया। उन्होंने जानकारी दी कि डीआरआई ने तीन नए मंडलों का गठन किया है-पूर्वोत्तर, मध्य भारत और केरल, इसके मंडलों की कुल संख्या 12 हो गई है। उन्होंने कहा कि उत्तर पूर्व और जम्मू-कश्मीर में अपने परिचालन को सुदृढ़ करने के कारण डीआरआई ने बड़ी मात्रा में हथियार, गोला बारूद, सोना और नशीली दवाओं को जब्त किया है।

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