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लॉजिस्टिक्‍स आयात-निर्यात व्‍यापार की रीढ़-प्रभु

केंद्रीय वाणिज्‍य मंत्री ने लांच किया लॉजिक्‍स इंडिया 2019 लोगो

'देश में लॉजिस्टिक्‍स क्षेत्र के लिए एकीकृत विकास की जरूरत'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 28 November 2018 02:07:34 PM

commerce minister launches logix india 2019 logo

नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने दिल्ली में एक कार्यक्रम में लॉजिक्‍स इंडिया 2019 के प्रतीक चिन्‍ह के साथ उसकी विवरण पुस्तिका भी जारी की। वाणिज्‍य मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि‍ अब भारत को भी दुनिया की सबसे तेजी से विकास कर रही अर्थव्‍यवस्‍थाओं में शुमार किया जाता है। उन्होंने कहा कि भारत इसके साथ ही पूरी दुनिया के देशों के साथ बेहतर लॉजिस्टिक्‍स संपर्क कायम करने में जुटा हुआ है। सुरेश प्रभु ने कहा कि लॉजिक्‍स इंडिया कारगर या प्रभावकारी अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार लॉजिस्टिक्‍स सुनिश्चित करेगी, इसके साथ ही लॉजिक्‍स इंडिया उन वस्‍तुओं का दक्ष एवं किफायती प्रवाह सुनिश्चित करने में मददगार साबित होगी, जिनपर अन्‍य वाणिज्यिक क्षेत्र निर्भर रहते हैं।
वाणिज्‍य मंत्री सुरेश प्रभु ने न केवल भारत की निर्यात टोकरी, बल्कि संबंधित उत्‍पादों एवं देशों में भी विविधता लाने का आह्वान किया। उन्‍होंने कहा कि भारत का अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, मध्‍य एशिया, मध्‍य-पूर्व एवं आसियान के देशों के साथ और ज्‍यादा मजबूत व्‍यापार संबंध बनाना अत्‍यंत जरूरी है। सुरेश प्रभु ने यह बात रेखांकित की कि लॉजिस्टिक्‍स को आयात-निर्यात व्‍यापार की रीढ़ माना जाता है और इसने कारोबार के अवसरों के साथ-साथ रोज़गार भी सृजित किए हैं। उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक्‍स क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए मंत्रालय एकीकृत लॉजिस्टिक्‍स रणनीति पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि चूंकि विकसित देशों की तुलना में भारत में लॉजिस्टिक्‍स लागत अत्‍यंत ज्‍यादा है, इसलिए इस बात को ध्यान में रखते हुए लॉजिस्टिक्‍स क्षेत्र के एकीकृत विकास की जरूरत पिछले कुछ समय से महसूस की जा रही थी।
सुरेश प्रभु ने कहा कि लॉजिस्टिक्‍स की लागत ज्‍यादा होने के कारण घरेलू और निर्यात दोनों ही बाज़ारों में भारतीय वस्‍तुओं की प्रतिस्‍पर्धी क्षमता घट जाती है। उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक्‍स क्षेत्र का आकार मौजूदा 115 अरब अमेरिकी डॉलर से काफी बढ़कर वर्ष 2032 तक 360 अरब अमेरिकी डॉलर के स्‍तरपर पहुंच जाने की संभावना है। वाणिज्‍य मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के बढ़ते भूमंडलीकरण, मेक इन इंडिया अभियान के तहत विनिर्माण पर नए सिरे से विशेष जोर देने और ई-कॉमर्स व्‍यवसाय के विकास को ध्‍यान में रखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि भारत के लॉजिस्टिक्‍स क्षेत्र में काफी तेजी से विकास होगा। सुरेश प्रभु ने कहा कि लॉजिक्‍स इंडिया एक उल्‍लेखनीय आयोजन है और इसका आयोजन हर साल किया जाना चाहिए।
लॉजिक्‍स इंडिया 2019 का आयोजन 31 जनवरी से लेकर 2 फरवरी 2019 तक नई दिल्‍ली में किया जाएगा। यह मेगा लॉजिस्टिक्‍स बैठक भारतीय निर्यात संगठनों का महासंघ यानी फियो आयोजित करेगा। इसका आयोजन लॉजिस्टिक्‍स लागत और कम करने के साथ-साथ भारत के वैश्विक व्‍यापार की परिचालन दक्षता बढ़ाने की प्रमुख पहल के रूपमें किया जाएगा। बैठक में 20 से भी अधिक देश अपने-अपने शिष्‍टमंडल भेजेंगे, ताकि भारत के साथ लॉजिस्टिक्‍स से जुड़ी साझेदारियां करने की संभावनाएं तलाशी जा सकें। फियो उन बाज़ारों के लिए लॉजिस्टिक्‍स से संबंधित समाधान ढूंढने पर फोकस कर रहा है, जहां पहुंचना कठिन माना जाता है। लॉजिक्‍स इंडिया 2019 में 100 से भी अधिक विदेशी प्रतिनिधियों के भाग लेने की आशा है। फियो इस तीन दिवसीय बैठक के दौरान बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के विकास में निहित निवेश अवसरों, गोदामों के समेकन, तकनीकों के एकीकरण एवं आईटी की दृष्टि से सक्षम बनाने और श्रम बल को कुशल बनाने पर भी फोकस करेगा।
भारत विश्‍व बैंक के ‘लॉजिस्टिक्‍स प्रदर्शन सूचकांक 2018’ में 44वें पायदान पर है। आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 के अनुसार भारत के लॉजिस्टिक्‍स उद्योग का आकार अगले दो वर्ष में लगभग 160 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 215 अरब अमेरिकी डॉलर के उच्‍चस्‍तर पर पहुंच जाने की संभावना है। लॉजिस्टिक्‍स क्षेत्र 22 मिलियन से भी अधिक लोगों को रोज़गार मुहैया कराता है और अगले पांच वर्ष में इस सेक्‍टर के 10.5 प्रतिशत की दर से विकसित होने की आशा है। वाणिज्‍य विभाग में विशेष सचिव (लॉजिस्टिक्‍स) एन शिवासैलम, फियो के अध्‍यक्ष गणेश गुप्‍ता और फियो के महानिदेशक एवं मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी डॉ अजय सहाय भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।

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