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यूपी में 17 मार्च से विशेष सड़क सुरक्षा सप्ताह

कानून की अवहेलना पर कार्रवाई हो, किंतु अभद्रता नहीं

पुलिस से यातायात नियम जानें और सहयोग करें-डीजी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 13 March 2013 12:02:31 PM

traffic police

लखनऊ। यातायात नियमों के प्रति जिम्मेदारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए पुलिस महानिदेशक अंबरीष चंद्र शर्मा ने पूर्ण सजगता और यातायात नियमों के प्रदर्शन के साथ सड़क सुरक्षा सप्ताह’ मनाए जाने के ‌निर्देश दिए हैं। राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों, पुलिस अधीक्षकों, प्रभारी जनपद, अपर पुलिस महानिदेशक, निदेशक यातायात को भेजे दिशा-निर्देश में कहा है कि सड़क दुघर्टनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए 17 मार्च 2013 से ‘सड़क सुरक्षा सप्ताह’ के रूप में एक सप्ताह का विशेष अभियान चलाया जाए।
उन्होंने कहा है कि सड़क सुरक्षा अभियान के दौरान यातायात नियमों की पूरी तरह जानकारी दी जाए एवं यातायात नियमों का पालन कराया जाए। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि अभियान में कोई अभद्रता सामने नहीं आए, किंतु वाहन चलाते समय मोबाइल फोन प्रयोग करने वालों, हेलमेट न धारण करने वाले, शराब पीकर वाहन चलाने व तेज गति से वाहन चलाने, बिना ड्राईविंग लाईसेंस के वाहन चलाने वालों और बिना सीट बेल्ट धारण किए वाहन चलाने वाले चालकों के विरूद्ध कार्रवाई की जाए।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि जिन स्कूलों में बच्चों की परीक्षाएं हो गई हों, वहां के प्रधानाचार्य के सहयोग से छात्र-छात्राओं की गोष्ठी आयोजित कर उन्हें यातायात नियमों, संकेतों की जानकारी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त स्वयंसेवी संस्थाओं, संभ्रांत नागरिकों, मीडिया कर्मियों, व्यापार मंडल व ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों आदि से भी अनुरोध कर उनका सहयोग प्राप्त किया जाएगा। पुलिस महानिदेशक ने इस बात को दोहराया है कि इस कार्रवाई के समय पुलिस कर्मी किसी से भी दुर्व्यवहार न करें, अपना कार्य शालीनता व कड़ाई से करें। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा है कि यह दिशा-निर्देश सभी पुलिसकर्मियों के संज्ञान में भलीभॉति स्पष्ट कर दिया जाए।
यातायात नियमों की अवहेलना आज शक्ति का प्रदर्शन बन गई है, जिसमें यातायात व्यवस्‍था छिन्न-भिन्न हो गई हैं। अनियंत्रित वाहन चलाने से हजारों लोग सड़क हादसों में दम तोड़ रहे हैं। यातायात में बाधा हर समय की गंभीर समस्या बन गई है। आए दिन चौराहों और मार्गों पर मारपीट और जाम की स्थिति रहती हैं, इतनी पुलिस नहीं है कि वह यातायात व्यवस्‍था को चौबीस घंटे निगरानी में रखे। जनसहयोग के बिना यातायात दुर्घटना मुक्त और सुगम नहीं हो सकता। यदि आप सुरक्षित और समय से अपने गंतव्य पर पहुंचना चाहते हैं तो यातायात नियमों का पूरी तरह से पालन करें और दूसरों की यात्रा सुखद बनाएं।

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