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पूर्वोत्तर के तीन विद्रोही गुट हथियार डालेंगे-गृहमंत्री

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Monday 11 March 2013 12:06:20 PM

sushil kumar shinde

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा है कि देश के दीर्घकालिक सुरक्षा हितों में भावनात्मक एकीकरण के लिए पूर्वोत्तर में सुरक्षा स्थिति में क्रमिक सुधार तथा उस क्षेत्र के लोगों के साथ जुड़ाव आवश्यक है। उन्होंने मीडिया को बताया है कि 7 मार्च, 2013 को उल्फा नेता उनसे मिले थे और उनसे शांति प्रक्रिया से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके अंतर्गत तीन मैतेई विद्रोही गुट सरकार के समक्ष समर्पण करेंगे। गृह सचिव ने भी उल्फा काडरों के पुनर्वास के बारे में हुई प्रगति तथा इसके लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की। इसी दिन गृह मंत्रालय संबंधी संसदीय परामर्शदात्री समिति की बैठक बुलाई गई तथा 8 पूर्वोत्तर राज्यों में सुरक्षा की स्थिति पर चर्चा की गई।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार की बड़ी पहल के परिणामस्वरूप, तीन मैतेई विद्रोही गुटों ने अपने काडरों और नेताओं के आत्मसमर्पण के लिए 13 फरवरी 2013 को भारत सरकार तथा मणिपुर की राज्य सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। ये गुट हैं-यूनाइटेड रिवोल्यूशनरी फ्रंट (यूआरएफ) जिसमें कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी) के विभिन्न गुट शामिल हैं तथा इसकी मिलिटरी विंग, मणिपुर आर्मी (एमए) अगले तीन माह के भीतर अपने काडरों के आत्मसमर्पण करने पर सहमत हो गए हैं। अन्य समूह जिसमें केसीपी (लाम्फेल), केसीपी (सिटी मैतेई) तथा केसीपी (तैबांगांबा) शामिल हैं। केसीपी (लाम्फेल) लगभग 70 काडरों के तत्काल प्रभाव से आत्मसमर्पण करने पर सहमत हुआ है। तीसरे समूह में कांगलेई यवल कन्ना लुप (केवाई केएल) के दो गुट नामत: अथौबा गुट और अचौबा गुट शामिल हैं। यह समूह तीन माह की अवधि में 80 काडरों के आत्मसमर्पण हेतु सहमत हुआ है।
गृहमंत्री ने दावा किया है कि समझौते के अनुसार इन गुटों के कुल 197 काडरों ने 13 फरवरी 2013 को अपने हथियार डाल दिए हैं। उन नेताओं और काडरों को, जिन्होंने शांति प्रक्रिया में भाग लिया था, गृह मंत्रालय ने अधिसूचित तथा मणिपुर राज्य ने अनुमोदित पुनर्वास नीति के अनुसार पुनर्वासित किया जाएगा। अठारह फरवरी, 2013 को, 12 दोषी व्यक्तियों, जो प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा एवं हूजी के सदस्य हैं, के विरुद्ध आरोप-पत्र दाखिल करने के लिए एनआईए को अभियोजन की स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द में गड़बड़ी पैदा करने के लिए बेंगलुरु और हुबली में महत्वपूर्ण व्यक्तियों को निशाना बनाकर हत्याएं करने जैसी विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होने के लिए एक षडयंत्र रचा था।
उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल सचिव ने 8 फरवरी, 2013 को रांची, झारखंड में अधिकारियों के एक शिष्टमंडल का नेतृत्व किया तथा उन्होंने झारखंड के मुख्य सचिव, डीजीपी, राज्यपाल के सलाहकारों (मधुकर गुप्ता एवं के विजय कुमार) के साथ राज्य में सुरक्षा एवं वामपंथी उग्रवाद संबंधी मुद्दों पर चर्चा की। राज्य मंत्री, आरपीएन सिंह ने भी 19 फरवरी, 2013 को रांची का दौरा किया तथा राज्य में वामपंथी उग्रवाद संबंधी स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने लातेहर जिले का भी दौरा किया तथा जिले में तैनात सीआरपीएफ कार्मिकों से बातचीत की। आठ फरवरी के दौरान, इस्तांबूल, अंकारा (तुर्की) तथा साना (यमन) स्थित भारतीय मिशनों में आईवीएफआरटी के तहत एकीकृत ऑनलाइन वीज़ा आवेदन प्रणाली को प्रचालनात्मक बनाया गया है। यह सुविधा अब विदेश स्थित 106 भारतीय मिशनों में उपलब्ध है।
आठ फरवरी को व्यय वित्त समिति ने 12वीं पंचवर्षीय योजना अवधि के लिए वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों हेतु विशेष अवस्थापना संबंधी स्कीम को अनुमोदित कर दिया। यह स्कीम, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों में तैनात विशेष बलों की प्रशिक्षण अवस्थापना, रिहायशी अवस्थापना, शस्त्रों, वाहनों एवं अन्य संबंधित मदों के स्तरोन्नयन एवं उनमें महत्वपूर्ण कमियों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करेगी। सुरक्षित पुलिस थानों के निर्माण/सुदृढ़ीकरण संबंधी स्कीम के तहत बिहार सरकार को 1 फरवरी, 2013 को 44.62 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई। सीसीटीएनएस परियोजना के तहत, अब तक 29 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में सिस्टम इंटीग्रेटरों के लिए संविदाओं पर हस्ताक्षर किए गए हैं, 26 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में बीएसएनएल को अग्रिम भुगतान कर दिया गया है तथा 27 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में नेटवर्किंग सोल्यूशन के लिए बीएसएनएल के साथ सर्विस लेवल एग्रीमेंट्स पर हस्ताक्षर कर लिए गए हैं। अब तक, सीसीटीएनएस के तहत राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को जारी की गई 432.39 करोड़ रुपए की कुल धनराशि की तुलना में राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों ने कुल 189.25 करोड़ रुपए का उपयोग किया है। क्षमता-निर्माण (प्रशिक्षण) के भाग के रूप में, 7.04 लाख व्यक्तियों को सीसीटीएनएस परियोजना के तहत प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि छब्बीस फरवरी, 2013 को, राज्य सभा ने झारखंड राज्य के संबंध में, भारत के संविधान के अनुच्छेद 356 (1) के अंतर्गत 18 जनवरी, 2013 को सरकार की उदघोषणा का अनुमोदन कर दिया गया है। परियोजना मूल्यांकन समिति ने 27 फरवरी, 2013 को ‘उड़ान’ के रूप में ज्ञात ‘विशेष उद्योग पहल (एसआईआई-जेएंडके) स्कीम’ के अंतर्गत पांच वर्षों में 425 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करने के लिए पिंकर्टन सीएंडआई इंडिया तथा 5000 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करने के लिए रूमन टेक्नालॉजीस के प्रस्तावों को अनुमोदित कर दिया गया है। फरवरी, 2013 के दौरान, भूमि के अधिग्रहण के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को 10.95 करोड़ रुपए की धनराशि मंजूर की गई है और कार्यालय/आवासीय भवनों के निर्माण के लिए उन्हें 114.5 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है। राज्य पुलिस/केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों/केंद्रीय पुलिस संगठनों के कार्मिकों को 10,466 पुलिस पदक प्रदान किए गए, जिनमें 10,226 पुलिस (आंतरिक सुरक्षा) पदक, 239 पुलिस (विशेष ड्यूटी) पदक और 1 पराक्रम पदक शामिल हैं।
सरकार ने भारत-चीन सीमा पर 27 आईटीबीपी वरीयता सड़कों सहित कुल 805 किमी को स्वीकृति प्रदान की है। कुल 562.66 किमी फार्मेशन और 248.93 किमी समतलीकरण का कुल संचई कार्य पूरा हो गया है। तटीय सुरक्षा स्कीम के अंतर्गत 131 में से 118 तटीय पुलिस थानों के संबंध में भूमि की पहचान की जा चुकी है और 110 तटीय पुलिस थानों के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। तटीय राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों ने38 घाटों के लिए भी भूमि की पहचान कर ली है। सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 2012-2013 के बजट में निर्धारित 990 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय में से, 28 फरवरी, 2013 की स्थिति के अनुसार 17 राज्यों को 900 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की जा चुकी है। इक्कीस जनवरी, 2013 से 20 फरवरी, 2013 तक की अवधि के दौरान, स्वापक नियंत्रण ब्यूरो ने 373.692 किलो ग्राम गांजा, 83 किलो ग्राम अफीम, 33 किलो ग्राम हेरोइन और 20 किलो ग्राम हशीश जब्त किया और कुल 19 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। इस अवधि के दौरान 15 एकड़ भूमि में की गई गांजे की अवैध खेती भी नष्ट की गई।
यूआईडीएआई इन्रॉलमेंट सॉफ्टवेयर के प्रयोग से राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) बनाने के लिए बायोमैट्रिक्स लेने का कार्य मणिपुर, नागालैंड, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल राज्यों में चल रहा है। आज की स्थिति के अनुसार, 11.35 करोड़ से अधिक व्यक्तियों के बायोमैट्रिक्स लिए जा चुके हैं, जिसमें 1.16 करोड़ व्यक्ति इस माह के दौरान जुड़े हैं, 114.05 करोड़ से अधिक व्यक्तियों के लिए आंकड़ा प्रविष्टि का कार्य पूरा हो गया है, जिसमें 2.81 करोड़ की संख्या इस माह के दौरान जुड़ी है। तटीय एनपीआर के अंतर्गत अब तक 62.31 लाख कार्ड निर्मित किए जा चुके हैं।

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