स्वतंत्र आवाज़
word map

बहुजन समाज स्वार्थी नेताओं को सबक सिखाए!

'लक्ष्य' टीम के कमांडरों ने बहुजन समाज का किया आह्वान

सीतापुर जिले के गोविंदपुर गांव में 'लक्ष्य' का कैडर कैंप

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 8 November 2018 02:28:58 PM

sitapur, cadre camp of lakshy

सीतापुर। भारतीय समन्वय संगठन 'लक्ष्य' के कमांडरों ने अपने बहुजन समाज से कहा है कि उनके नेता संसद और विधानसभाओं में बैठकर समाज के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं, जब बहुजन समाज के अधिकारों की बात आती है तो वे चुप बैठे रहते हैं, इसलिए बहुजन समाज अपने समाज के ऐसे स्वार्थी नेताओं को सबक सिखाए। लक्ष्य की सीतापुर और हरदोई टीम ने 'बहुजन जनजागरण' अभियान के तहत सीतापुर जिले की तहसील सिधौली के गोविंदपुर गांव में एक दिवसीय कैडर कैम्प का आयोजन किया था, जिसमें लगभग 20 गांव के बहुजन समाज के लोगों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। लक्ष्य की महिला कमांडरों ने कैंप में बहुजन समाज के नेताओं की उदासीनता और अकर्मण्यता पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि समाज के ऐसे नेताओं के कारण बहुजन समाज के दबे कुचले लोग आज भी तरक्की नहीं कर पा रहे हैं, उनका समाज के नेता ही शोषण कर रहे हैं, इसलिए बहुजन समाज के लोग अपनी बालिकाओं और बच्चों को जरूर पढ़ाएं-लिखाएं और उन्हें समाज के नेतृत्व के काबिल बनाएं।
गौरतलब है कि लक्ष्य की महिला टीम गांव-गांव जाकर बहुजन समाज को उसके अधिकारों और सामाजिक कुरीतियों के प्रति जागरुक कर रही है। लक्ष्य कमांडरों का बहुजन समाज से कहना है कि जागरुकता से ही बहुजन समाज की समस्याओं का समाधान हो सकता है। लक्ष्य कमांडर प्रतिभा राव और रचना कुरील ने इस अवसर पर बहुजन समाज के अधिकारों की चर्चा करते हुए कहा कि बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर ने देश के सभी नागरिकों को संविधान में एक सामान अधिकार दिए हैं, लेकिन कुछ दूषित मानसिकता वाले लोगों के कारण बहुजन समाज को वे अधिकार पूर्ण रूपसे आजतक नहीं मिले हैं और हमारे प्रतिनिधि के रूपमें संसद एवं विधानसभाओं में जो बैठते हैं, वे हमारे अधिकारों के लिए अपना मुंह तक नहीं खोलते हैं, जोकि बहुत दुखद है। उन्होंने कहा कि हमें अपने स्वार्थी नेताओं को सबक सिखाना होगा और अब समय आ गया है कि हम बहुजन समाज के लोग गुलाम लोगों की बजाए समाज के स्वाभिमानी लोगों को अपना प्रतिनिधि बनाएं, जो हमारे अधिकारों की बात कर सकें।
लक्ष्य कमांडर रेखा आर्या और मुन्नी बौद्ध ने अंधविश्वास और सामाजिक कुरीतियों को मनुष्य के विकास में एक बहुत बड़ा रोड़ा बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि मान सम्मान अपनी मेहनत से ही मिल सकता है न कि अंधविश्वास में समय बर्बाद करके। उन्होंने अंधविश्वास और सामाजिक कुरीतियों से छुटकारा पाने की सलाह दी। उन्होंने शोषण के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने को कहा। उन्होंने कहा कि आज भी बहुजन समाज के लोगों और विशेषतौर से महिलाओं का विभिन्न प्रकार से शोषण होता रहता है, लेकिन उसके खिलाफ कोई आवाज़ नहीं उठाता। उन्होंने कहा कि लक्ष्य संगठन बहुजन समाज के साथ खड़ा है और बहुजन समाज के लोग अपने शोषण का निर्भय होकर जोरदार जवाब दें। लक्ष्य कमांडर संघमित्रा गौतम और सुनीता राज बौद्ध ने तथागत गौतम बुद्ध की शिक्षाओं पर विस्तार से चर्चा की और उनकी शिक्षाओं को मनुष्य के लिए विकास का मार्ग बताया। उन्होंने कहा कि भगवान गौतम बुद्ध की शिक्षाओं में अंधविश्वास और सामाजिक कुरीतियों का कोई स्थान नहीं है, बल्कि वे विज्ञान पर आधारित हैं।
संघमित्रा गौतम ने बहुजन समाज से अपील की कि वो तथागत गौतम बुद्ध के विकास वाले मार्ग पर चलें, उनकी शिक्षाएं हमें भाईचारे के साथ रहने की सीख देती हैं और जिन देशों ने उनकी शिक्षाओं को अपनाया है, वे आज विकास के मानचित्र पर अपना नाम रोशन कर रहे हैं। लक्ष्य कमांडर एके आनंद और अखिलेश गौतम ने शिक्षा को ही जीवन का सार बताया। उन्होंने कहा कि एक शिक्षित व्यक्ति को गुमराह करना और उसका शोषण करना आसान नहीं होता, वे लोग विकास की किरणों को अपनी और खींच लाते हैं। उन्होंने बेटे और बेटियों में भेद न करने की भी सलाह दी। लक्ष्य कमांडर विनय भारती, अतुल गौतम और सुदर्शन भारती ने बहुजन समाज के युवाओं से अपील की कि वो लक्ष्य के इस सामाजिक आंदोलन से जुड़ें और समाज को एक नई राह दें, ताकि विकास के मानचित्र पर बहुजन समाज भी दिखाई दे। लक्ष्य कमांडर विकांशी बौद्ध, सुशीला गौतम और कुलदीप बौद्ध ने गीत के माध्यम से लोगों को जागरुक किया। गांव के लोगों ने लक्ष्य के बहुजन जनजागरण अभियान की भूरी-भूरी प्रशंसा की और उनका साथ देने का संकल्प लिया।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]