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यूपी और उत्तराखंड में व्यापक परिवहन नेटवर्क

यूके और यूपीएसआरटीसी की 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' पहल

यूपीएसआरटीसी की शटल और सीएनजी बसें कुम्भ रवाना

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 30 October 2018 12:43:03 PM

broad transport network in up and uttarakhand

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ संकल्प को ग्रहण करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम और उत्तराखंड राज्य सड़क परिवहन निगम ने दोनों राज्यों में अपनी परिवहन सेवाओं का व्यापक समझौता किया है, जिसके बाद इन राज्यों में दूरदराज़ तक परिवहन नेटवर्क स्‍थापित हो जाएगा। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार की इस पहल को विस्तार देने और परिवहन सेवाओं को बेहतर से बेहतर बनाने के लिए उत्तराखंड और यूपीएसआरटीसी ने दिनरात एक किया और आज दोनों राज्यों में परिवहन समझौते के रूपमें इसका रचनात्मक परिणाम सामने आया। लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इसके पीछे हुए विभागीय प्रयासों की सराहना की और आशा व्यक्त की कि इससे ये परिवहन सेवाएं सड़क यात्राओं के लिए और भी सहज और सुविधाजनक होंगी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा है कि प्रदेश सरकार लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा देने के लिए कृतसंकल्पित है, इसके दृष्टिगत देश-प्रदेश और समाज की प्रगति एवं विकास के लिए बेहतर परिवहन सेवाएं बहुत आवश्यक हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर परिवहन साधनों की वजह से आवागमन सरल और सहज होता है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मौजूदगी में उन्होंने कहा क‌ि यात्राएं आदिकाल से विकास का प्रमुख कारक रही हैं, परिवहन के साधनों से आर्थिक गतिविधियां तो सुगम होती ही हैं, साथ ही सांस्कृतिक एकीकरण को भी बढ़ावा मिलता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड राज्य के मध्य अतंर्राज्यीय बस सेवाओं को सुगम एवं सुदृढ़ बनाने के लिए दोनों राज्यों के मध्य पारस्परिक समझौते पर हस्ताक्षर कार्यक्रम में विभागीय प्रयासों पर प्रसन्नता व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की 51 प्रयागराज कुम्भ शटल बसों और 3 सीएनजी बसों को झंडी दिखाकर रवाना भी किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत एक सम्प्रभु राज्य है, दो राज्यों के मध्य यह करार इस बात को सिद्ध भी करता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश साझी विरासत और परम्परा से जुड़े राज्य हैं, इन दोनों राज्यों के मध्य धार्मिक एवं सामाजिक सम्बंधों में काफी प्रगाढ़ता है, दोनों राज्यों की शैक्षिक संस्थाओं एवं सांस्कृतिक धरोहरों में दोनों राज्यों के लोगों की पारस्परिक अभिरुचि भी असीम है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश का यह परिवहन समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को साकार करने वाला है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार अंतर्राष्ट्रीय परिवहन का बढ़ावा देने का काम भी कर रही है, इसीके दृष्टिगत नेपाल तक भी बस सेवा संचालित है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि परिवहन विभाग को पीपीपी मॉडल पर काम करने की आवश्यकता है, इससे जहां जनसामान्य को बेहतर परिवहन सेवाएं मिल सकेंगी, वहीं परिवहन विभाग का भी लाभांश बढ़ेगा। उत्तराखंड सरकार के सचिव परिवहन शैलेश बगौली और उत्तर प्रदेश की प्रमुख सचिव परिवहन आराधना शुक्ला ने दोनों मुख्यमंत्रियों के समक्ष समझौता अभिलेखों आदान-प्रदान किया।
योगी आदित्यनाथ ने सुझाव दिया कि परिवहन विभाग को पुलिस और लोक निर्माण विभाग के साथ समन्वय कर यातायात से जुड़े जागरुकता के कार्यक्रम चलाने चाहिएं, इससे सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संवाद लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है, संवाद समाधान का सबसे अच्छा रास्ता है, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मध्य कई विवाद थे, उन सभी विवादों का निस्तारण होना विराट सोच का परिणाम है। कार्यक्रम को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी संबोधित किया और कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के सकरात्मक रुख के कारण यह समझौता सम्भव हो सका है। उन्होंने भी कहा कि उत्तराखंड का उत्तर प्रदेश से धार्मिक, आर्थिक, सामाजिक और भावनात्मक नाता है। उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि सरकार परिवहन सुविधाओं की बेहतरी के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि उनका विभाग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना को साकार करने के लिए संकल्पित है।
उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के मध्य इस समझौते से दिल्ली-ऋषिकेश, दिल्ली-देहरादून, दिल्ली-कोटद्वार, दिल्ली-हल्द्वानी, दिल्ली-हरिद्वार, मथुरा-हरिद्वार, आगरा-सहारनपुर-देहरादून, आगरा-मेरठ-ऋषिकेश, मुरादाबाद-हल्द्वानी, मुरादाबाद-हरिद्वार-सहारनपुर, अलीगढ़-हल्द्वानी, बरेली-हरिद्वार, लखनऊ-देहरादून, कानपुर-ऋषिकेश, बहराईच-रूपैडिहा-हरिद्वार, वाराणसी-लखनऊ-बरेली-हरिद्वार, मथुरा-जयपुर, मथुरा-हरिद्वार, दिल्ली-मुरादाबाद-बनबसा-महेंद्रनगर (नेपाल) आदि स्थान सीधे दोनों राज्यों की बस सेवाओं से जुड़ जाएंगे। इस समझौते के तहत 216 मार्गों पर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम उत्तराखंड राज्य में प्रतिदिन कुल 13,9071 किलोमीटर तथा उत्तराखंड राज्य परिवहन निगम उत्तर प्रदेश के 335 मार्गों पर प्रतिदिन कुल 252592 किलोमीटर परिवहन संचालन करेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवीनीकृत जनता दर्शन हाल एवं नवनिर्मित कॉंफ्रेंस रूम का बटन दबाकर लोकार्पण भी किया। इस मौके पर प्रदेश सरकार के मंत्री आशुतोष टंडन, एसपी सिंह बघेल, डॉ महेंद्र सिंह, मोहसिन रजा, नंदगोपाल गुप्ता नंदी, मन्नूलाल कोरी, उत्तराखंड सरकार के परिवहन मंत्री यशपाल आर्य, उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के अध्यक्ष संजीव सरन, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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