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भारतीय राजनीति के एक युग का अंत-कांग्रेस

विधानभवन लाया जाएगा एनडी तिवारी का पार्थिव शरीर

तिवारीजी का अंतिम संस्कार उत्तराखंड में किया जाएगा

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Friday 19 October 2018 03:22:15 PM

narayan dutt tiwari

लखनऊ। उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे और देश की राजनीति में राजनीतिक कौशल से दिग्गजों को नतमस्तक कर देने वाले नारायण दत्त तिवारी के निधन पर शोक संवेदनाओं का तांता लगा हुआ है। राजनीतिक सामाजिक संगठनों ने श्रद्धांजलि संदेश भेजकर राष्ट्र, यूपी और उत्तराखंड के विकास में उनके योगदान को याद किया है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजबब्बर ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में शोकसभा एवं शोक प्रस्ताव पारित कर उनको भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। शोक प्रस्ताव में कहा गया है कि नारायण दत्त तिवारी का निधन भारतीय राजनीति एवं सार्वजनिक जीवन की अपूर्णीय क्षति है, उन्होंने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहते जनकल्याणकारी एवं विकास के लिए जो ठोस कदम उठाए वे सदैव याद किए जाएंगे। शोक प्रस्ताव में कहा गया है कि इतना ही नहीं उन्होंने राजनीति में शुचिता और पारदर्शिता एवं सामाजिक सामंजस्य के साथ समाज और देश को आगे ले जाने में जो योगदान किया है, उसे कभी विस्मृत नहीं किया जा सकता, उनके निधन से भारतीय राजनीति के एक युग का अंत हो गया है।
शोक प्रस्ताव में कहा गया है कि नारायण दत्त तिवारी युग दृष्टा और महान स्वप्नदर्शी राजनेता थे। प्रस्ताव में कहा गया है कि उन्होंने देश और प्रदेश में विकास का जो मार्ग प्रशस्त किया है और विशेषकर उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में उच्च तकनीक के माध्यम से मजबूत सड़कों का निर्माण या बड़े-बड़े शहरों का नियोजित विकास या शिक्षा, विद्युत एवं औद्योगिक क्षेत्र में तीव्र गति से विकास हो या किसानों के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएं हों या फिर राजनीति पक्ष एवं विपक्ष को सबको साथ लेकर चलने की महान योग्यता हो, उन्होंने अपने युग में सबसे अलग पहचान दी है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने नारायण दत्त तिवारी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। एक श्रद्धांजलि संदेश में उन्होंने उनसे जुड़े संस्मरणों का उल्लेख करते हुए कहा है कि भारत माता ने अपना एक सच्चा सपूत खो दिया है, जो देश की आजादी का योद्धा रहा और जिसने भारत के विकास को संवारने और सजाने का काम किया है।
प्रमोद तिवारी ने कहा कि उन्हें यह सौभाग्य प्राप्त है कि वे तिवारीजी के मंत्रिमंडल में परिवहन मंत्री रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे उत्तर प्रदेश विधानसभा के सर्वकालीन संसदीय ज्ञान के प्रकाश पुंज थे। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के मीडिया कोआर्डिनेटर राजीव बख्शी ने बताया है कि कांग्रेस मुख्यालय पर शोकसभा में प्रमुख रूपसे राज्य के पूर्व मंत्री रामकृष्ण द्विवेदी, प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं प्रभारी प्रशासन डॉ आरपी त्रिपाठी, प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष नईम सिद्दीकी, ओंकारनाथ सिंह, अशोक सिंह, सम्पूर्णानंद, शिव पांडेय, ब्रजेंद्र कुमार सिंह, पीयूष मिश्रा, पंकज तिवारी, मुकेश सिंह चौहान, शैलेंद्र सिंह, यशवंत सिंह, अनूप पटेल, बीडी सिंह, नीरज तिवारी, चंद्रशेखर मिश्रा, मोहम्मद नासिर, आकाश तिवारी, रवींद्र सिंह, विवेक श्रीवास्तव और बड़ी संख्या में कांग्रेसजनों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने नारायण दत्त तिवारी को अथाह सम्मान अर्पित किया है और उनके पार्थिव शरीर के लखनऊ पहुंचने के व्यापक प्रबंध किए हैं। नारायण दत्त तिवारी का पार्थिव शरीर कल 20 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे लखनऊ हवाईअड्डे पहुंचेगा और दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर विधानभवन में दर्शनार्थ रखा जाएगा। राज्य सरकार के ईमेल में बताया गया है कि उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा कल प्रातः 8 बजे नारायण दत्त तिवारी के नई दिल्ली स्थित आवास पर जाएंगे और उनके पार्थिव शरीर को एयर एम्बुलेंस से मध्यान्ह 12 बजे लखनऊ हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे, जहां पूरे सम्मान के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा उनके मंत्रिमंडल के सदस्य नारायण दत्त तिवारी के पार्थिव शरीर की अगवानी करेंगे और उन्हें ससम्मान विधान भवन लेकर आएंगे। विधान भवन में उनके अंतिम दर्शनों की विशेष व्यवस्‍था की गई है।
विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित तथा गणमान्य व्यक्ति विधान भवन में ही नारायण दत्त तिवारी के पार्थिव शरीर पर श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे। इसके उपरांत अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री बलदेव औलख उनके पार्थिव शरीर को लेकर पंतनगर उत्तराखंड जाएंगे, जहां उनके अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि अर्पित की जा सकेगी। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के विकास और समृद्धि के लिए नारायण दत्त तिवारी ने महत्वपूर्ण कार्य किए हैं, जिससे उन्हें विकासपुरुष भी कहा जाता है। उत्तर प्रदेश से उनके गहरे जुड़ाव और राज्य के विकास में उनके योगदान के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने उत्तराखंड के विकास में भी अनुकरणीय योगदान दिया है। उन्होंने दोनों राज्यों में अनेक कल्याणकारी एवं विकास योजनाओं का क्रियांवयन कराया है, जिससे समाज के सभी वर्ग लाभांवित हुए।

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