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साहित्यकारों ने किया 'मदन माधुरी' का लोकार्पण

मोती महल राष्ट्रीय पुस्तक मेले में 'मदन माधुरी' पुस्तक छाई

वक्ताओं ने की 'मदन माधुरी' के कंटेंट की जोरदार सराहना

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 8 October 2018 05:55:53 PM

book 'madan madhuri' release of moti mahal

लखनऊ। लखनऊ के मोती महल लॉन में लगे सोलहवें राष्ट्रीय पुस्तक मेले में कवि प्रदीप कुमार 'खालिस' की काव्यकृति 'मदन माधुरी' पुस्तक का मोती महल वाटिका में लोकार्पण हुआ। देश के प्रतिष्ठित साहित्यकार डॉ महेश दिवाकर संस्थापक अध्यक्ष अंतर्राष्ट्रीय साहित्य कला मंच मुरादाबाद, डॉ विद्या बिंदु सिंह, डॉ ऊषा सिन्हा, डॉ मनोरमा लाल, गुंजन तिवारी ने 'मदन माधुरी' पुस्तक का संयुक्त रूपसे लोकार्पण किया। इस अवसर पर डॉ महेश दिवाकर ने कहा कि 'मदन माधुरी' के विचारों का आज के विषाक्त सामाजिक वातावरण में अत्यंत महत्व है, अगर हमें समाज को सही दिशा देनी है और विश्व से आतंकवाद और नस्लवाद जैसी बुराईयों को दूर करना है तो घृणा और द्वेष का परित्याग करना होगा, 'मदन माधुरी' पुस्तक के प्रेम संदेश को अपने जीवन में उतारना होगा। उन्होंने यह कहा कि प्रेम ही सारी समस्याओं का समाधान है, क्योंकि यह सार्वभौमिक सत्य है।
दूरदर्शन की वरिष्ठ गायिका रंजना दीवान ने पुस्तक के छंद गाकर सुनाए। साहित्यकार डॉ विद्या बिंदु सिंह ने कहा कि जो इंसान अंदर से निर्मल और पारदर्शी हो जाता है, उसे ईश्वर की असीम कृपा प्राप्त होती है, प्रकृति ऐसे इंसान को अपना सर्वस्व लुटाने को व्याकुल हो जाती है। साहित्यकार डॉ ऊषा सिन्हा ने कहा कि 'मदन माधुरी' काव्य रचना में एकाग्रता, रचनात्मकता तथा ग्रहणशीलता के विराट ईश्वरीय दर्शन हैं। साहित्यकार डॉ मनोरमा लाल ने कहा कि कवि प्रदीप 'खालिस' ने सचमुच अपने ज्ञान के सागर के सुंदर-सुंदर मोतियों का उपहार मानवजाति को दिया है। शैक्षिक एवं आध्यात्मिक चिंतक गुंजन तिवारी ने कहा कि कवि प्रदीप 'खालिस' समाज के समक्ष काव्य, साहित्य, लेखन, राष्ट्रीय विकास, मानवता तथा विश्वबंधुत्व के विचारों तथा कार्यों की एक जीती-जागती मिसाल हैं।
रचनाकार प्रदीप कुमार 'खालिस' ने कहा कि वैसे तो 'मदन माधुरी' पुस्तक समाज के सभी वर्गों और व्यक्तियों के लिए समान रूपसे उपयोगी है, किंतु यह पुस्तक जहां एक ओर सभी को शाश्वत प्रेम संदेश देती है तो वहीं दूसरी ओर मनुष्य को समाजोनुकूल जीवन पद्धति अपनाने की प्रेरणा भी देती है। कार्यक्रम में लेखक साहित्यकार समीक्षक और आध्यात्मिक जानकार भी उपस्थित थे, जिन्होंने रचनाकार प्रदीप कुमार 'खालिस' के प्रयासों को साधुवाद दिया और उनके उच्चकोटि के कंटेंट की जोरदार सराहना की। कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन और पुष्प अर्पण से हुआ और कार्यक्रम का संचालन शीला पांडे ने किया। गौरतलब है कि इस पुस्तक मेले में इसबार कई पुस्तकों ने पाठकों का ध्यान खींचा है। यहां रोज ही बड़ी संख्या में लोग अच्छी पुस्तकों की खोज में आ रहे हैं।

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