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रेलमंत्री ने लांच किया रेल सहयोग वेब पोर्टल

'उद्योग जगत के लिए रेलवे में सहयोग का उत्तम अवसर'

रेलवे की बुनियादी ढांचे में बेहतरी केलिए अनगिनत पहल

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 12 September 2018 05:39:23 PM

railway board chairman and railway minister launches rail sahayog web portal

नई दिल्ली। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कॉरपोरेट सामाजिक दायित्‍व कोष के जरिए रेलवे स्‍टेशनों एवं इनके निकट सुविधाओं के सृजन में योगदान के लिए एक ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म 'रेल सहयोग' वेब पोर्टल लांच किया है। रेलमंत्री ने इस अवसर पर कहा है कि भारतीय रेलवे देशभर में अपने विशाल नेटवर्क एवं व्‍यापक मौजूदगी के बलपर देश और समाज की सेवा में सदैव अग्रणी रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक नए भारत के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से प्रेरित होकर रेलवे अपने बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी, साफ-सफाई इत्‍यादि में बेहतरी के लिए अनगिनत पहल कर रहा है, ताकि यात्रियों को अपने सफर के दौरान सुखद अनुभव हो सके। उन्होंने कहा कि रेलवे ने ऐसे अनेक क्षेत्रों में व्‍यापक अवसरों का पता लगाया है, जिनमें कंपनियों के साथ इस तरह के गठबंधन को बढ़ावा दिया जा सकता है, जिनके जरिए रेलवे के अधीनस्‍थ समस्‍त परितंत्र पर सकारात्‍मक असर सुनिश्चित किया जा सकता है। रेल सहयोग वेब पोर्टल का लिंक www.railsahyog.in है।
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि रेलवे में योगदान की इच्‍छुक कंपनियां अपने अनुरोधों के पंजीकरण के जरिए रेल सहयोग वेब पोर्टल पर अपनी इच्‍छा जाहिर कर सकती हैं, इन अनुरोधों की प्रोसेसिंग रेलवे के अधिकारी करेंगे। उन्होंने बताया कि पहले आओ, पहले पाओ के सिद्धांत के पर इन अनुरोधों की छटनी की जाएगी और चयनित आवेदकों को रेलवे या नामित एजेंसियों जैसे राइट्स, रेलटेल इत्‍यादि के यहां संबंधित धनराशि जमा करने के बारे में सूचित किया जाएगा, इसके बाद नामित एजेंसी संबंधित कार्य को पूरा करेगी। पीयूष गोयल ने कहा कि रेल सहयोग पोर्टल बदलते समय के साथ-साथ रेलवे में परियोजनाओं के त्‍वरित क्रियांवयन का भी एक उत्‍कृष्‍ट उदाहरण है, पोर्टल की अनोखी खूबी इसकी सादगी और पारदर्शिता है, यह पोर्टल उद्योग जगत, कंपनियों और संगठनों को रेलवे के साथ सहयोग करने का उत्तम अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि रेल सहयोग वेबपोर्टल न केवल यात्रियों के लिए, बल्कि रेलवे के आसपास के क्षेत्रों के लिए भी लाभदायक साबित होगा। उन्होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि इस पहल के तहत चिन्हित प्रत्‍येक गतिविधि के लिए तय लागत महज सांकेतिक होगी, लेकिन मुख्‍य फोकस इस गठबंधन के जरिए बेहतरीन परिसंपत्तियों का सृजन सुनिश्चित करने पर होगा।
पीयूष गोयल ने कहा कि वेबपोर्टल की परिकल्‍पना भारतीय रेलवे के सहयोग से सीएसआर गतिविधियों में योगदान हेतु निजी एवं सार्वजनिक संगठनों सहित सभी के लिए एक प्‍लेटफॉर्म के रूपमें की गई है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी, कोयला मंत्रालय में सचिव डॉ इंदर जीत सिंह और रेलवे एवं कोयला मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारी भी इस मौके पर उपस्थित थे। अश्विनी लोहानी ने कहा कि रेल सहयोग वेबपोर्टल कंपनियों के समक्ष मौजूद उन सभी बाधाओं को दूर करेगा, जो रेलवे के साथ सहयोग के मार्ग में मौजूद हैं। उन्‍होंने कहा कि लोगों एवं निजी कंपनियों को रेलवे से जुड़ी परियोजनाएं क्रियांवित करने की आजादी है। सीएसआर के जरिए वित्तपोषण के लिए जिन गतिवि‍धियों की पहचान की गई है, उनमें सभी स्‍टेशनों के परिसंचरण क्षेत्रों में शौचालयों का निर्माण किया जाएगा, महिला शौचालयों में किफायती सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन एवं भस्मक और पुरुष शौचालयों में कंडोम वेंडिंग मशीन होगी तथा एक साल के लिए इनके आरंभिक रखरखाव की व्‍यवस्‍था होगी, प्रति स्‍टेशन लागत आएगी लगभग 22-30 लाख रुपये। हॉट स्‍पॉट स्‍थापित करके स्‍टेशनों पर मुफ्त वाई-फाई सुविधा सुलभ कराई जाएगी, प्रति स्‍टेशन लागत लगभग 10.30-12.30 लाख रुपये। वरिष्‍ठ नागरिकों, दिव्‍यांगजनों के लिए स्‍टेशन प्‍लेटफॉर्मों पर बेंचों की सुविधा, प्रति सेट लागत लगभग 17500-47500 रुपये।
रेलवे की परियोजनाओं के तहत बेहतर पर्यावरण सुनिश्चित करने के लिए 2175 प्रमुख स्‍टेशनों पर बॉटल क्रशिंग मशीनें लगाई जाएंगी, जिनमें रेलवे यात्रियों की खाली प्‍लास्टिक की पानी व कोल्‍ड ड्रिंक बोतलों को इन मशीनों में डालकर नष्‍ट किया जाएगा, ताकि प्‍लास्टिक प्रदूषण का समुचित प्रबंधन हो सके, प्रति मशीन लागत लगभग 3.5-4.5 लाख रुपये। स्‍वच्‍छ भारत के लिए सभी स्‍टेश्‍नों पर डस्‍टबि‍न की व्‍यवस्‍था की जाएगी, ताकि आसपास गंदगी को फैलने से रोका जा सके, स्‍टेशनों एवं प्‍लेटफॉर्मों के परिसंचरण क्षेत्र में गीले और सूखे कचरे के लिए अलग-अलग डस्‍टबिन की व्‍यवस्‍था करने की जरूरत है, प्रति सेट डस्‍टबिन लागत लगभग 4500 रुपये। इस बारे में प्राप्‍त होने वाले सुझावों के आधार पर सीएसआर के जरिए वित्तपोषण के लिए कुछ अन्‍य वस्‍तुओं पर भी विचार किया जाएगा। रेलवे से संबंधित किसी भी सूचना के लिए ई-मेल info@railsahyog.in के जरिए रेल सहयोग पर संपर्क कर सकते हैं। फेसबुक एवं ट्विटर पर रेल सहयोग को फॉलो करने के लिए लिंक Facebook-https://www.facebook.com/RailSahyog और Twitter-https://twitter.com/RailSahyog है।

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