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यूपी एटीएस का स्पॉट लड़कियों की पसंद!

पुलिस महानिदेशक ने किया पहले बैच का शुभारंभ

एक जांबाज़ और फुर्तीले शिकारी जैसा होगा स्पॉट

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 25 July 2018 06:02:14 PM

first training of the spot team under ats

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने एटीएस के अधीन नवगठित स्पॉट यानी विशेष पुलिस ऑपरेशन टीम के पहले प्रशिक्षण सत्र का एटीएस के कमांडो ट्रेनिंग सेंटर अनौरा में शुभारंभ किया। उन्होंने एटीएस के अत्याधुनिक सभागार का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में ऐसी विशेषज्ञ टीम की आवश्यकता बहुत समय से महसूस हो रही थी और हम चाहते हैं कि कुम्भ मेले से पहले स्पॉट तैयार हो जाए और किसी भी चुनौती से निपटने के लिए फील्ड में आ जाए। पुलिस महानिदेशक ने इस बात पर अत्यंत प्रसन्नता व्यक्त की कि 7 लड़कियों ने स्वेच्छा से स्पॉट में शामिल होने के लिए आवेदन किया है, जो यहां प्रशिक्षण प्राप्त करेंगी। उन्होंने कहा कि फाइटरों में लड़कियों का होना जरुरी है, लेकिन उनका सभी मानकों को पूरा करना भी जरूरी है, निर्धारित मानक पूरा करने पर ही उन्हें फाइटर बनाया जाएगा।
क्या है स्पॉट की संरचना? यह उत्तर प्रदेश पुलिस का अपना कमांडो दल होगा। प्रथम चरण में यह 3 स्थान लखनऊ, वाराणसी और गाज़ियाबाद के लिए गठित होगा। एक स्पॉट टीम में कुल 56 सदस्य हैं, जिनमें डॉग स्क्वाड, वायरलेस और बम डिस्पोजल स्क्वाड के विशेषज्ञ भी शामिल हैं। कहां होगा स्पॉट का प्रयोग? किसी भी आतंकवादी घटना से निपटने के लिए दुर्दांत अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु, हाई रिस्क ऑपरेशन, अपृहत की मुक्ति अथवा आपातकालीन स्थिति में स्पॉट प्रतिक्रिया देगा और विशेष अवसरों पर स्पॉट त्वरित प्रतिक्रिया टीम की भूमिका में रहेगा। एक माह के प्रारंभिक प्रशिक्षण के पश्चात योग्य एवं स्पॉट के लिए उपयुक्त कर्मियों का चयनकर इन्हें स्पॉट का 3 माह का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। स्पॉट एक जांबाज़ और फुर्तीले शिकारी जैसा सुरक्षा संगठन है, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सलाह पर गठित किया गया है। यूपी पुलिस का यह प्रयोग अनूठा है, लेकिन इसकी सफलता इसी बात पर निर्भर है कि इसमें शामिल जवानों और अधिकारियों का चयन गुणवत्ता पर आधारित हो।
प्रशिक्षण के विषय एवं प्रशिक्षक-लड़ाकू स्वास्थ्य प्रशिक्षण (सी.एफ.टी) प्रशिक्षक देवा कुमार (बीएसएफ), बल का निकटतम उपयोग (पी.यू.एफ) प्रशिक्षक अनिल गोस्वामी (आईटीबीपी), आग्नेयास्त्र प्रशिक्षण प्रशिक्षक बीआर चौधरी (बीएसएफ), विशेष पुलिस रणनीति प्रशिक्षक जितेंद्र सिंह रावत (आईटीबीपी), मूल पुलिस रणनीति प्रशिक्षक सत्तार खान (एटीएस)। प्रशिक्षण में इन कर्मियों की विशेषज्ञता और दक्षता को विकसित किया जाएगा। यह प्रशिक्षण एसपीजी, बीएसएफ, आईटीबीपी और अन्य विशेषज्ञ संस्थाओं के कुशल प्रशिक्षक प्रदान करेंगे। स्पॉट के गठन से आपात स्थिति में उत्तर प्रदेश पुलिस की विशेष बलों पर निर्भरता कम होगी, जिससे आतंकवादी हमलों या हाईजैकिंग की स्थिति में कम से कम समय में कार्रवाई की जा सकेगी। पुलिस महानिदेशक का कहना है कि इनके प्रशिक्षण की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा गया है। उत्तर प्रदेश एटीएस के अधीन स्पॉट का गठन एनएसजी की तर्ज पर किया गया है और इनका प्रशिक्षण भी उन्हीं की कार्यशैली के अनुरूप किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश एटीएस ने आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश का अपना दक्ष और विशेषज्ञ बल गठित करने के उद्देश्य से स्पॉट का गठन किया है, जो हाईजैक अथवा आतंकवादी घटना जैसी स्थिति में विशेष बलों एनएसजी कमांडो अथवा पैरा कमांडो के आने की प्रतीक्षा किए बिना त्वरित कार्रवाई कर सकेगा। इस अवसर पर एटीएस के अधिकारियों, प्रशिक्षकों, आरके विश्वकर्मा एडीजी पीएसी, आदित्य मिश्रा एडीजी आइटेक्स, असीम अरुण आईजी यूपी एटीएस, राजीव कृष्ण एडीजी जोन लखनऊ, पीयूष आनंद एडीजी स्थापना, चंद्रप्रकाश एडीजी कारागार, आशुतोष पांडेय एडीजी टेक्निकल, सुजीत पांडेय आईजी रेंज लखनऊ, लव कुमार डीआईजी कारागार, उमेश कुमार श्रीवास्तव डीआईजी कारागार, अभिषेक सिंह एसएसपी-एसटीएफ उपस्थित थे।

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