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प्रतापगढ़ में आस्‍थावान किसान देवता मंदिर!

सभी संप्रदाय करते हैं यहां पूजा अर्चना इबादत और प्रेयर

मंदिर किसानों की प्रगति के लिए-योगिराज सरकार

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 21 July 2018 12:12:32 PM

pratapgarh mein aas‍thaavaan kisaan devata mandir

प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ जनपद की पट्टी तहसील के सराय महेश गांव में किसान पीठाधीश्वर योगिराज सरकार ने एक किसान देवता मंदिर का निर्माण कराया है, जिसके बारे में यह दावा किया गया है कि यह विश्व का एक अनोखा मंदिर है और जिसकी खास बात यह है कि यह किसी एक धर्म या संप्रदाय का मंदिर नहीं है, बल्कि यह किसान देवता के नाम से सार्वजनिक धार्मिक स्थल  है, जहां किसी भी धर्म संप्रदाय के लोग पूजा अर्चना इबादत और प्रेयर कर सकते हैं। यहां पर बड़ी संख्या किसानों स्‍त्री-पुरुषों का आगमन होता है। आज यह सार्वजनिक स्‍थल इस प्रकार सभी की आस्‍‌था का केंद्र बन गया है।
पीठाधीश्वर योगिराज सरकार बताते हैं कि किसान देवता मंदिर पर किसान देवता निःशुल्क धर्माथ चिकित्सालय भी संचालित ‌है, जहां रविवार से शुक्रवार सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक महर्षि भक्ति प्रकाश विभिन्न रोगों से त्रस्त रोगियों का निःशुल्क इलाज करते हैं, यहां मुफ्त दवाओं का वितरण किया जाता है। प्रतिदिन सैकड़ों रोगियों के निःशुल्क इलाज का यह मिशन किसान पीठाधीश्वर योगिराज सरकार ने प्रारम्भ किया है। दावा है कि दूरदराज से भारी तादाद में आए मरीजों को यहां लाभ हुआ है। अलग-अलग प्रदेश और जिलों से लोग यहां उपचार के लिए आते हैं।
किसान देवता मंदिर के निर्माणकर्ता योगिराज सरकार किसानों के लिए समर्पित हैं और उनकी समृद्ध‌ि के लिए लगातार प्रयत्नशील रहते हैं, इसका प्रत्यक्ष प्रमाण किसान देवता मंदिर और किसान देवता निःशुल्क धर्माथ चिकित्सालय है। किसान देवता मंदिर पर किसान बैठक और किसान पंचायत होती है, जिसमें किसानों के हितों से जुड़ी बातें होती हैं, खेती किसानी की जानकारियां दी जाती हैं, योगिराज सरकार और कृषि विभाग के ज्ञानी किसानों को फसल की उपज बढा़ने के तरीके बताया करते हैं, खेत की मिट्टी को उपजाऊ बनाने की विधियां बताई जाती हैं।
सप्ताह में प्रत्येक सोमवार को किसान देवता मंदिर पर सत्संग और विशाल भंडारा होता है, जिसमें किसान भाई और दूरदराज से आए अलग-अलग धर्मों के संत महात्मा लोग प्रसाद ग्रहण करते हैं और रातभर सत्संग और प्रभु का भजन करते हैं। योगिराज सरकार का कहना है कि किसान देवता की आय दोगुनी होनी ही चाहिए। उन्होंने सरकार से अपील की है क‌ि वह इसके लिए विशेष प्रयास करे। उनका कहना है कि सबकी आय दोगुनी तीनगुनी हो गई है, लेकिन देश के अन्न विधाता की आय में वर्षों से केवल नाममात्र का ही इजाफा हुआ है।

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