स्वतंत्र आवाज़
word map

भारत-इंडोनेशिया ने संबंधों की पतंग उड़ाई

नरेंद्र मोदी का जकार्ता में भारतीय समुदाय को संबोधन

भारतीय प्रवासी इंडोनेशिया के स्वाभिमानी नागरिक

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 31 May 2018 01:06:12 PM

pm narendra modi and indonesia president joko widodo

जकार्ता/ नई दिल्ली। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों की पतंग उड़ाई और दोनों पतंगों की गगनचुम्बी उड़ान को देरतक निहारते रहे। संदेश था कि भारत-इंडोनेशिया के संबंध घरेलु सदाबहार और इतने मजबूत हैं कि धरती से आकाश तक देखे और महसूस किए जा सकते हैं। जिस समय यह दोनों राजनेता पतंग उड़ा रहे थे, खासतौर से एशिया ‌के सभी राष्ट्रों और दुनियाभर के राष्ट्रों की उनकी पतंग पर नज़र थी। पाकिस्तान इस पतंग से तिलमिला रहा था, क्योंकि इंडोनेशिया मुस्लिम बहुल राष्ट्र है और भारत के साथ पतंग उड़ा रहा है। भारत-इंडोनेशिया की पतंग से और भी कई तिलमिलाए, लेकिन इंडोनेशिया अपनी यथार्थ की ज़िंदगी जीता है, इसलिए वह पाकिस्तानियों की परवाह नहीं करता और भारत को ही अपना सच्चा मित्र और परिवार मानता है। इस पतंग ने इन दोनों देशों के रिश्तों को और भी ज्यादा मज़बूत किया है।
भारत-इंडोनेशिया के संबंध भारत की एक्ट ईस्ट नीति से जुड़े हैं, यही कारण है कि दोनों नेताओं ने एक समग्र रणनीतिक साझेदारी का ऐलान किया है, इसके तहत रक्षा सहित पंद्रह समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। दोनों देशों ने संयुक्त रूपसे हथियारों के निर्माण का भी समझौता किया है। यह एक ऐसा समझौता है, जो भारत ने हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में किसी से नहीं किया है। इससे पाकिस्तान को मिर्ची लग गई है। इंडोनेशिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिस प्रकार स्वागत हुआ, उससे पाकिस्तान जैसी जिहादी और साम्प्रदायिक ताकतें हिल गईं और पाकिस्तान में राजनीति और मीडिया के विश्लेषणकर्ताओं ने माना कि वाकई में इंडोनेशिया और भारत के रिश्ते बुनियादी रिश्ते हैं, जिन्हें स्‍थापित करने में पाकिस्तान विफल रहा है। प्रधानमंत्री ने जकार्ता में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए भारत और इंडोनेशिया के बीच विशेष संबंधों का कई उदाहरण देकर जिक्र किया और इस वर्ष के प्रारंभ में भारत की राजधानी दिल्ली में हुए गणतंत्र दिवस समारोह को याद किया, जहां इंडोनेशिया समेत 10 आसियान देशों के राजनेता उपस्थित हुए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह कोई संयोग नहीं है कि 1950 में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि इंडोनेशिया में भारतीय प्रवासी इंडोनेशिया के स्वाभिमानी नागरिक हैं, परंतु वे भारत से भी जुड़े रहना चाहते हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि इन चार वर्ष में भारत में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। इस संदर्भ में उन्होंने एफडीआई, अर्थव्यवस्था का उदारीकरण, व्यापार करने में आसानी और भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रतिस्पर्धा का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को अपनी लोकतांत्रिक प्रकृति और विभिन्नता पर गर्व है। उन्होंने दोनों देशों के मध्य गहरे सांस्कृतिक संबंधों को रेखांकित करने के लिए बाली-जात्रा और खान-पान व भाषा की समानता का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने और इंडोनिशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने संयुक्त रूपसे पतंग महोत्सव का उद्घाटन किया, जो रामायण और महाभारत की थीम पर आधारित था।
भारत के विकास के संबंध में नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत सरकार ऐसी प्रणालियों का निर्माण कर रही है, जो विकास अनुकूल और भ्रष्टाचार मुक्त हैं। उन्होंने कहा कि व्यापार करने में आसानी से आगे जाकर जीवनयापन में आसानी पर ध्यान दिया जा रहा है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि कहा कि हमारी प्रक्रियाएं पारदर्शी और संवेदनशील हैं। उन्होंने आधारभूत संरचना विकास के कई क्षेत्रों में हुए नाटकीय विकास कार्यों का विवरण दिया। उन्होंने जीवंत स्टार्टअप पारितंत्र और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि जरूरतमंदों को सहायता करने के मामले में भारत और इंडोनेशिया संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत किसी के पासपोर्ट का रंग नहीं देखता और सभी लोगों की सहायता करता है, जिन्हें मदद की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि भारत और इंडोनेशिया के केवल नामों में ही लय नहीं है, बल्कि संस्कृति, परंपरा और लोकतांत्रिक मूल्यों में भी लय विद्यमान है। प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों को देश में हो रहे बदलावों का जायजा लेने के लिए भारत भ्रमण का आमंत्रण दिया।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]