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'भारत में हिंदी में तकनीकी शिक्षा की मुहिम'

राष्ट्र के विकास में मातृभाषा की भूमिका अहम-सत्यपाल

तकनीकी हिंदी पुस्‍तकों के लेखकों को दिए गए पुरस्‍कार

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 5 May 2018 12:31:25 PM

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नई दिल्ली। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने नई दिल्‍ली में तकनीकी पाठ्य पुस्‍तक पुरस्‍कार योजना समारोह का आयोजन किया, जिसमें मानव संसाधन विकास राज्‍यमंत्री डॉ सत्यपाल सिंह ने तकनीकी हिंदी पुस्‍तकों के लेखन के क्षेत्र में उल्‍लेखनीय योगदान करने वाले लेखकों को वर्ष 2015-2016 योजना के लिए तकनीकी पाठ्य पुस्‍तक पुरस्‍कार प्रदान किए। डॉ सत्यपाल सिंह ने इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए कहा है कि किसी भी राष्ट्र के विकास में मातृभाषा अहम भूमिका निभाती है और तकनीकी पाठ्यक्रम की हिंदी भाषा में सुलभ उपलब्धता से अधिक से अधिक छात्र तकनीकी विषयों में दक्षता प्राप्त कर सकते हैं।
मानव संसाधन विकास राज्‍यमंत्री डॉ सत्यपाल सिंह ने कहा कि हिंदी भाषा के लेखकों का सम्मान सिर्फ इनका सम्मान नहीं है, बल्कि इस देश की मिट्टी का सम्मान है। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा में और अधिक लेखकों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार पुरस्कार राशि बढ़ाने पर विचार करेगी। उन्‍होंने कहा कि न सिर्फ हिंदी भाषा में, अपितु क्षेत्रीय भाषाओं में भी इस तरह की पहल होनी चाहिएं। समारोह के दौरान हिंदी भाषी छात्रों तक सुलभ पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से डॉ सत्यपाल सिंह ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की हिंदी वेबसाइट का भी शुभारंभ किया। उन्‍होंने परिषद को बधाई देते हुए कहा कि अब गांवों तक भी सरकार के इस दिशा में किए जा रहे प्रयास पहुंच सकेंगे। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा का विनियामक निकाय होने के नाते यहां अंग्रेजी का ही अधिकतर आधिपत्य होने के बावजूद यहां के अधिकारियों की राजभाषा के प्रति निष्ठा अनुकरणीय है। मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री ने कहा कि परिषद की ओर से यह पुरस्कार भारतवर्ष में तकनीकी शिक्षा हिंदी में उपलब्ध करवाने हेतु मार्ग प्रशस्त करने का छोटा सा प्रयास है।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्‍यक्ष प्रोफेसर अनिल डी सहस्रबुद्धे ने कहा कि पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं से साझा किए गए अनुभवों से हमें ज्ञात हुआ है कि हिंदी में तकनीकी पुस्तकों के प्रकाशन में आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है, इसी को ध्यान में रखते हुए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने हिंदी में लिखी गई तकनीकी एवं वैज्ञानिक पुस्तकों की पांडुलिपियां आमंत्रित करके इसके लिए पात्र पाई गई पुस्तकों के प्रकाशन हेतु आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए नई योजना शुरू की है। पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की इस योजना तथा प्रस्तावित योजना की सराहना की और कहा कि परिषद की तरफ से चलाई जा रही यह योजना तकनीकी शिक्षा को हिंदी में उपलब्ध करवाने की मुहिम में एक सशक्त स्तम्भ बन सकती है। उन्‍होंने बताया कि इस वर्ष के समारोह में कुल 8 लेखकों को 3,16,000 रुपये की राशि के पुरस्कार प्रदान किए गए।
तकनीकी पाठ्य पुस्‍तक पुरस्‍कार समारोह में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष डॉ एमपी पूनिया एवं सलाहकार प्रशासन डॉ बीएल रामा ने भी लेखकों को निरंतर हिंदी में लेखन करते रहने के लिए धन्‍यवाद किया एवं अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के कार्मिकों को प्रशासनिक कार्य में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया। गौरतलब है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के तकनीकी पाठ्य पुस्तक पुरस्कार वितरण समारोह राजभाषा अधिनियम की सिफारिशों को लागू करने तथा तकनीकी शिक्षा को हिंदी में प्रदान कराने का एक प्रयास है, जिसका शुभारंभ वर्ष 1998 में किया गया था। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद तभी से प्रति वर्ष विभिन्न लेखकों को यह पुरस्कार दे रही है, जिसके अंतर्गत वर्ष 2015-16 योजना के लिए तकनीकी विषयों की डिग्री, डिप्लोमा, आईटीआई या तकनीशियन स्तर की पाठ्य पुस्तकों के लेखकों को पुरस्कार प्रदान किए गए। इस अवसर पर डिग्रीस्तरीय मूल लेखन पाठ्य पुस्तक अनुरूप इलेक्ट्रॉनिक्‍स के लेखक प्रोफेसर श्यामाचरण प्रसाद को 1,00,000 रुपये का प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया।
वेब डिजाइनिंग के लिए डॉ एसएस श्रीवास्तव को द्वितीय पुरस्कार स्वरूप 51,000 रुपये का पुरस्कार, आधुनिक भारतीय बैंकिंग सिद्धांत एवं व्यवहार पुस्तक के लिए देवेंद्र कुमार खरे, डॉ जवाहर कर्नावट को 15,500 रुपये का तृतीय पुरस्कार, डॉ संगीता सक्सेना को वस्त्र एवं परिधान निर्माण के मूलाधार पुस्तक के लिए तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। इसी प्रकार डिप्लोमास्तर पर मूल लेखन के लिए कैड कैम पुस्तक के लिए डॉ आईसी भारती को 51,000 रुपये का प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया। विपणन प्रबंध पुस्तक के लिए डॉ पंकज जैन को 31,000 रुपये का द्वितीय पुरस्कार, द्रव अभियांत्रिकी एवं द्रवचालित मशीनें पुस्तक के लिए शिवानंद कामड़े को 21,000 रुपये का पुरस्कार प्रदान किया गया। आईटीआई एवं तकनीशियनस्तर की पुस्तकों की कोई भी प्रविष्टि 2015-16 योजना के अंतर्गत परिषद को प्राप्त नहीं हुई, इसलिए इस स्तर का कोई भी पुरस्कार प्रदान नहीं किया गया। परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल डी सहस्रबुद्धे ने बताया कि अभी तक परिषद ने 7 वर्ष में 100 तकनीकी पुस्तक लेखकों को लगभग 25,00,000 रुपये की धनराशि के पुरस्कार प्रदान किए हैं।

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