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योगी के लिए नूरपुर व कैराना अंतिम मौका!

देश में यूपी सहित कई राज्यों में उपचुनाव की घोषणा

यूपी में उपचुनावों में सपा-बसपा की फिर परीक्षा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 27 April 2018 05:32:00 PM

cm up yogi adityanath

नई दिल्ली/ लखनऊ। मई-जून की तेज़ गर्मी में उत्तर प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में उपचुनाव कराने की घोषणा के साथ ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज़ हो गई हैं। यूपी में उपचुनावों में सपा-बसपा की फिर परीक्षा होगी तो यह चुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुर्सी और लोकसभा के आम चुनाव में भी एक निर्णायक कारक सिद्ध होगा। बताते चलें कि उत्तर प्रदेश, महाराष्‍ट्र, नागालैंड के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों और बिहार, झारखंड, केरल, महाराष्‍ट्र, मेघालय, पंजाब, उत्‍तराखंड, उत्‍तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल की राज्य विधानसभाओं में आकस्मिक रिक्तियां भरने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने स्थानीय त्योहारों, मतदाता सूचियों, मौसम की स्थिति जैसे विभिन्न कारकों पर विचार करने के बाद उपचुनाव कराने का निर्णय लिया है। उपचुनाव कार्यक्रम की अधिसूचना जारी होने की तिथि 3 मई 2018 है, नामांकन की अंतिम तिथि 10 मई 2018 है, नामांकन पत्रों की जांच की तिथि 11 मई 2018 है, नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 14 मई 2018 है, मतदान की तिथि 28 मई 2018 है और मतगणना की तिथि 31 मई 2018 है।
भारत के विभिन्‍न राज्‍यों में संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में स्‍पष्‍ट रिक्तियां इस प्रकार हैं-महाराष्‍ट्र में संसदीय निर्वाचन क्षेत्र भंडारा-गोंडिया और पालघर (सुरक्षित)। नगालैंड। उत्‍तर प्रदेश में कैराना लोकसभा क्षेत्र में उप चुनाव होना है। विभिन्‍न राज्‍यों में राज्‍य विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में जहां स्‍पष्‍ट रिक्तियां हैं, उनमें राज्य विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र बिहार की जोकीहाट सीट, झारखंड की गोमिया और सिल्‍ली। केरल राज्य की चेंगानूर। महाराष्‍ट्र की पलूस कादेगांव। मेघालय की अम्‍पाती (सुरक्षित)। पंजाब की शाहकोट। उत्‍तराखंड की थराली (सुरक्षित)। उत्‍तर प्रदेश की नूरपुर। पश्चिम बंगाल की महेशटाला विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है। भारत निर्वाचन आयोग ने बताया कि दिनांक 1 जनवरी 2018 के संदर्भ में उपरोक्‍त सभी लोकसभा और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदाता सूची प्रकाशित की जा चुकी है।
भारत निर्वाचन आयोग ने बताया कि सभी मतदान केंद्रों पर ईवीएम तथा वीवीपीएटी का उपयोग करने का निर्णय लिया गया है। पर्याप्त संख्या में ईवीएम तथा वीवीपीएटी उपलब्ध करादी गई हैं और इन मशीनों की सहायता से सुचारू रूप से चुनाव संपन्न कराने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं। निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि पिछली प्रथा के अनुरूप निर्वाचन आयोग ने इन उपचुनावों में मतदान के समय मतदाता की पहचान को अनिवार्य बनाने का निर्णय लिया है। निर्वाचन फोटो पहचान पत्र यानी ईपीआईसी किसी भी मतदाता की पहचान का प्रमुख दस्तावेज होगा, हालांकि मतदाता सूची में शामिल कोई भी मतदाता मतदान करने से वंचित नहीं रहेगा। इन उपचुनावों में मतदान के समय मतदाता की पहचान के लिए अतिरिक्‍त दस्तावेजों की अनुमति देने के लिए अलग से निर्देश जारी किए जाएंगे।
उपचुनावों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव से उन जिलों में लागू हो गई है, जिनमें इन संसदीय या विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र या इनका पूरा या कोई भी हिस्सा आता है, जिसके लिए आंशिक संशोधन को ध्‍यान में रखना होगा। इसके लिए निर्वाचन आयोग के निर्देश संख्या 437/6/आईएनएसटी2016-सीसीएस दिनांक 29 जून 2017, जो आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं देखे जा सकते हैं। आदर्श आचार संहिता सभी उम्मीदवारों, राजनीतिक दलों तथा संबंधित राज्य सरकार पर लागू होगी। आदर्श आचार संहिता संबंधित राज्य के लिए केंद्र सरकार पर भी लागू होगी।
गौरतलब है कि ये उपचुनाव मोदी सरकार और संबंधित राज्य सरकारों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं, क्योंकि देश में अगले साल लोकसभा चुनाव हैं, जिनमें मोदी सरकार की नोटबंदी, जीएसटी, डिज़िटल ‌इंडिया, मेक इन इंडिया, विदेश नीति, कश्मीर नीति पर जनादेश तय होना है। मोदी सरकार के शुरूआती वर्ष देश की जनता में बहुत लोकप्रिय रहे हैं और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में भाजपा को प्रचंड बहुमत भी मिला है, लेकिन उत्तर प्रदेश की भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार जनता की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर पाई है, जिससे योगी आदित्यनाथ को अपनी परंपरागत गोरखपुर लोकसभा सीट और फूलपुर लोकसभा सीट सपा-बसपा के हाथों गवानी पड़ी है। उत्तर प्रदेश में भाजपा कार्यकर्ता स्‍थानीय प्रशासन के रवैये से बहुत नाराज़ हैं और नूरपुर विधानसभा उपचुनाव और कैराना लोकसभा उपचुनाव फिर योगी सरकार की परीक्षा बन गया है, जिसमें भाजपा को सपा-बसपा के संयुक्त प्रत्याशी से कड़ी टक्कर लेनी है। यही दोनों उपचुनाव योगी आदित्यनाथ की मुख्यमंत्री की कुर्सी का भी भविष्य तय करेंगे।

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