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'द्वीपों पर समुदाय आधारित पर्यटन को बढ़ावा'

द्वीप विकास एजेंसी की समीक्षा बैठक में गृहमंत्री राजनाथ

'द्वीपों के समग्र और समावेशी विकास के सामूहिक प्रयास'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 25 April 2018 02:49:57 PM

home minister rajnath singh, third meeting of island development agency

नई दिल्ली। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में द्वीप विकास एजेंसी की तीसरी बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें द्वीप विकास एजेंसी के चिन्हित किए गए द्वीपों अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह के चार द्वीप स्मिथ, रॉस, लांग, एविस एवं लक्षद्वीप में पांच द्वीप मिनिकॉय, बंगाराम, थिन्नाकर, चेरियाम, सुहेली में विकास योजनाओं को तैयार करने की दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा की गई। केंद्रीय गृहमंत्री ने सभी संबंधित विभागों को द्वीपों में चल रही प्रमुख अवसंरचना परियोजनाओं के कार्यांवयन में तेजी लाने के लिए कहा। उन्होंने वायु, सड़क और वेब कनेक्टिविटी में सुधार, स्थानीय निवासियों को पेयजल और बिजली की आपूर्ति उपलब्ध कराने पर विशेष बल दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि स्थानीय परियोजनाओं की डिजाइन इस तरह तैयार की जाए कि स्थानीय लोगों को अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके। गृहमंत्री ने कहा कि वर्ष 1999 में द्वीपों के विकास पर पहली बार चर्चा हुई थी, जो अब ठोस आकार ले रही है। उन्होंने द्वीपों के समग्र और समावेशी विकास के लिए सभी मंत्रालयों के सामूहिक प्रयास की सराहना की।
द्वीप विकास एजेंसी की बैठक में जानकारी दी गई कि इन द्वीपों के लिए अंतिम क्षेत्र उपयुक्तता रिपोर्ट तैयार कर ली गई है और समावेशी विकास को सुनिश्चित करने के लिए पर्यावरण के संदर्भ में क्षेत्रों का विभाजन किया जा चुका है। बैठक में नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने पहले हुई बैठकों के संदर्भ में किए गए कार्यों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। गृहमंत्री ने 8 नवंबर 2017 की बैठक के बाद हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया, जिसमें समावेशी विकास के लिए अतिरिक्त द्वीपों की पहचान करने और महत्वपूर्ण अवसंरचना परियोजनाओं को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए थे। केंद्र शासित क्षेत्र के प्रशासन के सहयोग से नीति आयोग ने अतिरिक्त द्वीपों और स्थलों की पहचान की है। अंडमान और निकोबार में 12 उत्तरी मार्ग, सिंक, इंगलिश, वाइपर, नील भरतपुर तट, रामनगर तट, कर्मतंग तट, धनिनल्लाह तट, कालीपुर तट, रूटलैंड, उत्तरी खाड़ी तथा ग्रेट निकोबार-बी क्वैरी और लक्षद्वीप में 5 कल्पनी, कदमत, आगाट्टी, चेतलाट और बिट्रा द्वीपों की पहचान की गई है, इनमें उपयुक्त परियोजना की रूपरेखा तैयार की जाएगी, ताकि द्वीपवासियों के लिए रोज़गार के अधिक अवसरों का सृजन किया जा सके।
द्वीपों में समुदाय आधारित पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि द्वीपवासियों लाभ प्राप्त कर सके। यहां छोटे बाँधों का निर्माण, अंडमान ट्रंक रोड पर पुल, दिगलीपुर हवाई अड्डे का उन्नयन, मिनिकॉय हवाई अड्डे का निर्माण, कवरती में मौजूद सेतु आधुनिकीकरण, अंडमान और निकोबार में बैंडविड्थ को 1.118 जीबीपीएस से 2.118 जीबीपीएस तक क्षमता विस्तार, द्वीपवासियों तथा पर्यटकों आदि के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं में विस्तार जैसी अवसंरचना परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। बेहतर संचार सेवाओं के साथ सूचना प्रौद्योगिकी उद्यमों और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा। अंडमान और निकोबार तथा लक्षद्वीप समूहों में कार्यांवयन के लिए 18 परियोजनाओं की पहचान की गई है, जिनमें से 7 परियोजनाएं पीपीपी के माध्यम से लॉंच के लिए तैयार हैं।
अंडमान और निकोबार में 3 परियोजनाएं लांग, स्मिथ और आयस द्वीप और लक्षद्वीप में 3 सुहेली, मिनिकॉय और कदमत लॉंच होने के लिए तैयार हैं। इन परियोजनाओं के कार्यांवयन के पश्चात निजी क्षेत्र से लगभग 650 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है। रोज़गार के लिए स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। निवेशकों का सम्मेलन यहां मई 2018 में आयोजित किया जाएगा। बैठक में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लेफ्टिनेंट गवर्नर, लक्षद्वीप के प्रशासक, कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा, रक्षा सचिव, पर्यटन सचिव, जनजाति मामलों के मंत्रालय के सचिव, पर्यटन, ऊर्जा रक्षा, स्वास्थ्य, दूरसंचार तथा नागरविमानन मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। नौसेना के उपप्रमुख और भारतीय वायुसेना के एयर कमोडोर भी बैठक में उपस्थित थे।

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