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'आयुर्वेद और योग से स्वास्थ्य की रक्षा'

आयुष ने दी दरवाजे पर दस्तक 'आयुष आपके द्वार'

लखनऊ क्षेत्र में आयुष के निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 8 April 2018 12:15:40 PM

aayush aapake dvaar program launch

लखनऊ। उत्तर प्रदेश आयुष विभाग ने योग और आयुर्वेद को घर-घर तक पहुंचाने के उद्देश्य से ‘आयुष आपके द्वार’ कार्यक्रम की शुरूआत की है, जिसके क्रम में जनपद लखनऊ क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर शिविर लगाए गए एवं सैकड़ों मरीजों की चिकित्सा के साथ-साथ उन्हें निःशुल्क औषधियों का भी वितरण किया गया। क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी डॉ शिव शंकर त्रिपाठी ने इस अवसर पर कहा है कि ‘आयुष आपके द्वार’ कार्यक्रम की शुरुआत हुई है, जिसका अधिक से अधिक लोगों तक प्रचार प्रसार किया जा रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अगले शिविरों में लाभार्थियों की संख्या कई गुणा बढ़ेगी।
क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी डॉ शिव शंकर त्रिपाठी ने बताया कि इस योजना को सफल बनाने के लिए ‘आयुष आपके द्वार’ के नाम से एक फेसबुक पेज बनाया जाएगा, जिसमें जनसामान्य की सुविधा के लिए लगने वाले शिविरों की जानकारी एक दिन पहले ही उपलब्ध हो जाएगी और साथ ही विभिन्न विशेषज्ञ चिकित्सकों के दूरभाष नंबर भी दिए जाएंगे, जिनसे स्वास्थ्य समस्या संबंधित जानकारी व सुविधा के लिए लोग आसानी से उनसे संपर्क कर सकेंगे। डॉ शिव शंकर त्रिपाठी ने जानकारी दी कि प्रत्येक बुधवार एवं शुक्रवार को चिकित्सक अपने चिकित्सालय के 8 किलोमीटर की परिधि पर शिविर लगाकर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करेंगे, इससे वृद्ध, दिव्यांगजन एवं ऐसी महिलाएं और बच्चे, जो चिकित्सालय आने में असमर्थ हैं, को भी स्वास्थ्य लाभ उनके दरवाजे पर मिलेगा।
डॉ शिव शंकर त्रिपाठी ने कहा कि आयुर्वेद और योग का प्रयोजन रोगी की चिकित्सा के साथ-साथ निरोग होने एवं स्वास्थ्य की रक्षा के लिए भी है और ऐसी ही मंशा सरकार की भी है। उन्होंने बताया क‌ि लखनऊ में दो योग वैलनेश सेंटर गुडम्बा और गोसाईगंज में खोले जा चुके हैं, इनकी संख्या को धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा। ये स्वास्थ शिविर अलीगंज, गोसाईगंज, आर्यनगर, बंगला बाज़ार, तेलीबाग, महोना, विकासनगर आदि क्षेत्रों में लगाए गए थे। चिकित्सा शिविरों के सफल आयोजन एवं संचालन में डॉ गीता यादव, डॉ संतोष गुप्ता, डॉ प्रेमी पंडित, डॉ सीमा कुंद्रा, डॉ सलमान, डॉ महेश अग्रवाल, डॉ सोफिया किरण और डॉ मंजूषा गुप्ता का विशेष योगदान रहा।

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