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भारत-अमेरिका में पारस्‍परिक सहयोग बढ़ा

रक्षा प्रौद्योगिकी एवं व्‍यापार पहल पर कार्यदल की बैठक

भारतीय रक्षा उद्योग प्रगति पथ पर अग्रसर-एडमिरल

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 27 February 2018 01:21:03 PM

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नई दिल्ली। भारत और अमेरिका द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के एक भाग के रूपमें रक्षा प्रौद्योगिकी एवं व्‍यापार पहल यानी डीटीटीआई पर गठित अंतर एजेंसी कार्यदल की कल आठवीं बैठक हुई, जिसकी सहअध्‍यक्षता इंटीग्रेटेड डिफेंस स्‍टाफ के उपप्रमुख वाइस एडमिरल एके जैन और अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग के कार्यवाहक निदेशक मैथ्‍यू वारेन ने की। डीटीटीआई का शुभारंभ अमेरिका के पूर्व रक्षामंत्री डॉ एशटन कार्टर के एक विचार के रूपमें वर्ष 2012 में किया गया था। रक्षा प्रौद्योगिकी एवं व्‍यापार पहल का उद्देश्‍य रक्षा व्‍यापार में द्विपक्षीय रिश्‍तों के साथ-साथ अवसर सृजित करने की ओर नेतृत्‍व का ध्‍यान निरंतर आकृष्‍ट करना है, ताकि रक्षा उपकरणों का सहउत्‍पादन और सहविकास संभव हो सके।
भारत और अमेरिका ने डीटीटीआई के तहत विभिन्‍न परियोजनाओं पर कई संयुक्‍त कार्यदल गठित किए हैं, जिन्‍होंने सशस्त्रबलों के लिए विभिन्न परियोजनाओं की पहचान की है। इन परियोजनाओं पर विचार-विमर्श करने और इनका काम आगे बढ़ाने के लिए इन कार्यदलों की बैठक नियमित रूपसे होती है। अमेरिका के वर्ष 2017 में राष्‍ट्रीय रक्षा प्राधिकृति अधिनियम के तहत भारत को एक प्रमुख रक्षा भागीदार घोषित करने के परिणामस्‍वरूप डीटीटीआई को काफी बढ़ावा मिला है। बैठक में वाइस एडमिरल एके जैन ने यह बात रेखांकित की कि भारत का रक्षा उद्योग प्रगति पथ पर अग्रसर है और अब इसने रक्षा हथियारों एवं उपकरणों के निर्माण के लिए उत्‍कृष्‍ट प्रौद्योगिकी हासिल करने पर अपना ध्‍यान केंद्रित किया है, इससे भारत की प्रमुख पहल ‘मेक इन इंडिया’ को भी काफी बढ़ावा मिलेगा।
अमेरिका की ओर से मैथ्‍यू वारेन ने इस तथ्‍य पर प्रकाश डाला कि दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग निरंतर बढ़ रहा है और दोनों ही पक्ष इस संदर्भ में डीटीटीआई को विशेष अहमियत देते हैं। उनका कहना था कि दोनों पक्षों के बीच रक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय रिश्‍ते को आगे बढ़ाने में पारस्‍परिक सहयोग का यह एक अच्‍छा फोरम है। उल्लेखनीय है कि रक्षा उद्योग के क्षेत्र में इन वर्षों में काफी प्रगति हुई है, जिसमें भारत-अमरीका सैन्य सहयोग पहले से ज्यादा बढ़ा है। भारतीय नेतृत्व ने अमरीका के साथ मिलकर कुछ और परियोजनाओं पर कार्य शुरू किया है, जिससे हर क्षेत्र में दोनों देशों के संबंधों में प्रगाढ़ता बढ़ती जा रही है। रक्षा प्रौद्योगिकी एवं व्‍यापार पर यह बैठक कई निष्कर्षों तक पहुंची, जिसके सकारात्मक परिणाम जल्द ही आएंगे।

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