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ई-कोर्ट परियोजना से अदालतों का काम आसान

दिल्‍ली में उच्‍चतम न्‍यायालय की ई-कमेटी का राष्ट्रीय सम्मेलन

वादियों और वकीलों के बीच सफल रही ऑटोमेटेड मेलिंग सर्विस

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 9 December 2017 03:13:22 AM

supreme court of india

नई दिल्‍ली। भारत के उच्‍चतम न्‍यायालय की ई-कमेटी ने भारत सरकार के न्‍याय विभाग के सहयोग से नई दिल्‍ली में दो दिन का राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन आयोजित किया‍, जिसमें विभिन्‍न उच्‍च न्‍यायालयों के सभी केंद्रीय परियोजना समन्‍वयकों, न्‍याय विभाग और राष्‍ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के वरिष्‍ठ अधिकारियों तथा कई अन्‍य वरिष्‍ठ न्‍यायिक अधिकारियों ने हिस्‍सा लिया। सम्‍मेलन की अध्‍यक्षता ई-कमेटी के प्रभारी न्‍यायाधीश न्‍यायमूर्ति मदन बी लोकुर ने की और इसके सहअध्यक्ष थे न्‍याय विभाग के सचिव डॉ आलोक श्रीवास्‍तव। सम्‍मेलन में अब तक हुई प्रगति, बेहतरीन तौर तरीकों और अनुभवों को साझा करने और परियोजना के अंतर्गत उभरकर आ रही नई चुनौतियों पर मुख्‍य रूपसे चर्चा हुई। ई-कोर्ट मिशन मोड परियोजना देश में जिला और अधीनस्‍थ न्‍यायालयों को सूचना और संचार टेक्‍नोलॉजी के जरिए सशक्‍त करके राष्‍ट्रीय ई-अभिशासन परियोजना के दायरे में लाने की मिशन मोड में चलाई जा रही परियोजना (प्रथम चरण 2010-15 और द्वितीय चरण 2015-19) है।
ई-कोर्ट मिशन मोड परियोजना के प्रमुख उद्देश्‍य हैं-समूची न्‍यायिक प्रणाली को सूचना और संचार टेक्‍नोलाजी से समंवित करने के लिए पर्याप्‍त और आधुनिक हार्डवेयर व संपर्क कायम करना, सभी न्‍यायालयों में कामकाज के आने और निपटाने की प्रक्रिया के प्रबंधन का ऑटोमेशन करना, तालुका या निचली अदालतों के रिकार्ड का अपील कोर्टों से इलेक्‍ट्रॉनिक तरीके से स्‍थानांतरण, वीडियो कांफ्रेंसिंग सुविधा की स्‍थापना और इसके जरिए गवाहों के बयान दर्ज करना, देश की सभी अदालतों को राष्‍ट्रीय न्‍यायिक डेटा ग्रिड से वाइड एरिया नेटवर्क के जरिए जोड़ना और अन्‍य संपर्क, इलेक्‍ट्रानिक फाइलिंग जैसी सुविधाओं के माध्‍यम से नागरिक केंद्रित सुविधाएं, हर न्‍यायालय परिसर में टच स्‍क्रीन आधारित क्‍योस्‍क की स्‍थापन, राज्‍य और जिला स्‍तर की न्‍यायिक और सेवा अकादमियों व केंद्रों का पूर्ण कम्‍प्‍यूटरीकरण। प्रभारी न्‍यायमूर्ति ने प्रगति पर संतोष व्‍यक्‍त करते हुए लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने के लिए निष्‍ठापूर्वक कार्य जारी रखने का आह्वान किया।
ई-कोर्ट मिशन मोड परियोजना के तहत नियत किए गए विशिष्‍ट लक्ष्‍यों में सभी करीब 20400 न्‍यायालयों और जिला विधि सेवा प्राधिकरण और तालुका न्‍यायिक सेवा कमेटी का कम्‍प्‍यूटरीकरण और 3500 अदालत परिसरों के बीच क्‍लाउड कनेक्टिविटी कायम करना, 3000 न्‍यायालय परिसरों और 1150 कारागारों में वीडियो कांफ्रेंसिंग सुविधा की स्‍थापना और उसका उपयोग, इलेक्‍ट्रानिक फाइलिंग, दैनिक आदेश, आदेशों के वितरण, सभी जिला अदालतों में मामलों की ऑनलाइन स्थित का पता लगाने की सुविधा आदि की स्‍थापना। सम्‍मेलन में पंजाब और हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, राजस्‍थान और आंध्र प्रदेश उच्‍च न्‍यायालयों के बेहतरीन तौर-तरीकों के बारे में जानकारी साझा की गई। सचिव न्‍यायमूर्ति डॉ आलोक श्रीवास्‍तव ने लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने के लिए सुनिश्चित समय सीमा निर्धारित करने और उच्‍च न्‍यायालय स्‍तर पर बेहतर तालमेल की आवश्‍यकता पर जोर दिया। उन्होंने ई-फाइलिंग का साफ्टवेयर जिला न्‍यायालयों और उच्‍च न्‍यायालयों के लिए जारी किया। सम्‍मेलन में न्‍यायिक नियोजन और निगरानी, प्रशासन और नीति संबंधी निर्णयों के लिए विभिन्‍न सांख्यिकीय रिपोर्टें बनाने जैसे कार्यों में राष्‍ट्रीय न्‍यायिक डेटा ग्रिड के उपयोग का प्रदर्शन करके दिखाया गया। प्रधान जिला न्‍यायाधीशों के साथ-साथ पोर्टफोलियो न्यायाधीशों के लिए प्रबंधन उपयोक्‍ताओं के सृजन की आवश्‍यकता बताई गई।
सम्‍मेलन में मोबाइल एप्लिकेशन यानी ई-कोर्ट सेवाओं की सफलता की गाथा को प्रतिभागियों से साझा किया गया। सभी संबद्ध लोगों की जानकारी में यह बात लाई गई कि आम वादाकारों के साथ ही वकील, संस्‍था, संगठनों, आम वादाकार भी मोबाइल एप की सेवाओं का सफलतापूर्वक उपयोग कर रहे हैं। इस मोबाइल एप को करीब 3 लाख बार डाउनलोड किया जा चुका है। वादियों और वकीलों के फायदे के लिए हाल में शुरु की गई ऑटोमेटेड मेलिंग सेवा की काफी सराहना की गई। इस बात पर गौर किया गया कि सभी मामलों से संबंधित नए घटनाक्रम के बारे में वादियों और वकीलों को ऑटोमेटेड मेलिंग सर्विस के जरिए एक ही ई-मेल से जानकारी दी गई। इस तरह से भेजी गई ई-मेल की संख्‍या 40 लाख तक पहुंच गई है। वादियों और वकीलों ने एसएमएस सेवा का भी भरपूर उपयोग किया है। दूर-दराज के इलाकों में तो यह और भी लोकप्रिय है, क्‍योंकि वहां इंटरनेट संपर्क उपलब्‍ध नहीं है। हाल में एसएमएस पुल सेवा भी शुरु की गई है, जिसके अंतर्गत कोई भी सीएनआर नंबर को 9766899899 को भेजकर अदालती मामले की स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकता है। इस बात पर भी काफी गौर किया गया कि ई-टाल पर उपलब्‍ध आंकड़ों के अनुसार ई-कोर्ट परियोजना के अंतर्गत किए गए इलेक्‍ट्रानिक लेनदेन की संख्‍या बहुत अधिक है और 40 करोड़ से अधिक लेनदेन के साथ इसकी गिनती 5 शीर्ष कार्य निष्‍पादकों में हो रही है।

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