स्वतंत्र आवाज़
word map

'मानव सेवा सभी धर्मों का मूल आधार'

प्रमुख धर्मों के धर्मगुरूओं का वैचारिक समागम

शक्तिमान मॉनेस्ट्री लखनऊ का लोकार्पण

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 4 February 2016 03:48:49 AM

pramukh dharmon ke dharmagurooon ka vaichaarik samaagam

लखनऊ। देश के प्रमुख धर्मों सनातन धर्म, बौद्ध धर्म, इस्लाम धर्म, जैन धर्म, ईसाई धर्म, सिक्ख धर्म, पारसी धर्म और यहूदी धर्म के प्रतीकों से निमित शक्तिमान मॉनेस्ट्री का लखनऊ के राधाकृष्ण अपार्टमेंट हुसैनगंज में धर्म गुरूओं ने समेकित रूप से बहुरंगी फीता काटकर लोकार्पण किया। सनातन धर्म की महंत दिव्या गिरि, भंते सुमन रत्न, बिशप ऑस्टिन एंथोनी, हरपाल सिंह जग्गी, नरेंद्र सिंह मोगा, जगजीवन प्रसाद, केपी चौधरी, बीडी भारती, इंजीनियर वीरेंद्र पांडेय, राजा बख्श, प्रोफेसर जेपी सिंह आदि ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए।
महंत दिव्या गिरी ने सर्वे भवंतु सुखिन: मूलमंत्र के महत्व पर बोलते हुए सभी धर्मों के लोगों को मनकामेश्वर मंदिर की गोमती तट पर होने वाली आरती में आमंत्रित किया। उन्होंने आह्वान किया कि सभी मानव कल्याण सेवा धर्म के अभियान को आगे बढ़ाएं। भंते सुमन रत्न ने करूणा और मैत्री के संदेश को मानवता के कल्याण ‌का मूलमंत्र बताया। सदर गुरूद्वारा कमेटी लखनऊ के अध्यक्ष हरपाल सिंह जग्गी, स्वर्ण सिंह और नरेंद्र सिंह मोगा ने कहा कि गरीबों की सेवा में भूखे को भोजन देने का लंगर का जो अभियान उनके धर्म गुरूओं ने शुरू किया था, वह आज भी जारी है। उन्होंने लोगों को 22 फरवरी को 7.00 बजे रविदास जयंती पर लंगर और परिचर्चा में आमंत्रित किया। बिशप ऑस्टिन एंथोनी ने मदर टेरेसा का उदाहरण देते हुए उनके और ईसाई समाज के अस्पतालों, स्कूलों को सेवा का माध्यम बताया और कहा कि मानव कल्याण के लिए ईसाई धर्म के प्रयासों व ईशु के प्रेम के लिए कुर्बानी के संदेश और 'मानव कल्याण सेवा धर्म' के कारवां को आगे बढ़ाने में अपनी शक्ति क्षमता प्रदान किए जाने का संकल्प लिया। उन्होंने ईशु के प्रेम संदेश को मानवता का आधार बताया।
बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष जगजीवन प्रसाद ने 'मानव कल्याण सेवा धर्म' को मानवता के कल्याण और उसके दुख के निवारण हेतु वैज्ञानिक प्रयासों और आर्थिक भागीदारी के सिद्धांत को बौद्ध धर्म का आधार एवं सार बताया। केपी चौधरी ने समारोह में आचार-विचार, संस्कार और त्यौहार को धर्म की आधारशिला एवं मानव कल्याण को ही सभी धर्मों का मूलमंत्र बताया। उन्होंने कहा कि लखनऊ की धरती से विश्व में बौद्ध संदेश फैला, जिसे अनेक धर्मों में कालांतर में करुणा मैत्री और समता के सिद्धांत के रूप में अपनाया गया। उन्होंने कहा कि आज पुन: लखनऊ से 'मानव कल्याण सेवा धर्म' की शक्तिमान मॉनेस्ट्री शांति व कल्याणकारी भावना की लौ मानवता को दिशा देगी। बीडी भारती ने करुणा और मैत्री के स्वाभाविक भाव को संपूर्ण जीवों, वनस्पतियों के संरक्षण और जीवमात्र की सेवा से जोड़ा। मीडिया फोटोग्राफर क्लब के अध्यक्ष एसएम पारी, राष्ट्रीय पत्रकार परिषद के अध्यक्ष आरके गुप्ता, राजा बख्श, प्रोफेसर जेपी सिंह, अर्चना गुप्ता, रामजी दुबे ने शक्तिमॉन मानेस्ट्री की शक्ति को मानवता के उत्थान का मूलमंत्र बताते हुए तन मन और धन को अर्पित किए जाने का संकल्प लिया।
मानव कल्याण सेवा धर्म के संस्थापक मोहम्मद इकबाल ने अपने अध्यक्षीय भाषण में धर्म के मकसद को मानवता का उत्कर्ष बताते हुए कहा कि सभी धर्मों और धर्मावलंबियों को अपने धर्मों की आस्था के साथ ही मानव सेवा और उसके कल्याण के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। उन्होंने समाज में गरीबी, भुखमरी और लाचार मानव, धर्म की प्रासंगिता एवं मानव धर्म की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। मानव कल्याण के व्याख्यान और मानव मुक्ति गान के साथ कार्यक्रम का संचालन एसपी रावत ने किया।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]