स्वतंत्र आवाज़
word map

खंडहर में बदल रहा है रक्का शहर

आईएस ने रक्का में नागरिकों को ढाल बनाया

फ्रांस अमरीका की आईएस पर कमरतोड़ बमबारी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 18 November 2015 05:48:17 AM

rakka city is changing in ruins

रक्का। सीरिया में आईएस का गढ़ रक्का शहर खंडहर में बदलने के कगार पर पहुंच गया है। फ्रांस और उसके सहयोगी देशों के बमवर्षक विमानों ने जॉर्डन और दूसरे सहयोगी देशों के एयरबेस से उड़ान भरकर आईएस के गढ़ों को नेस्तनाबूद कर दिया है। आईएस को इससे भारी जानमाल का नुकसान पहुंचा है। आईएस अपने नेटवर्क की ऐसी बर्बादी से बौखलाकर अब दुनिया को धमका रहा है, कि जो सीरिया पर बम बरसाएंगे, उनका पेरिस जैसा हाल बना दिया जाएगा। इस धमकी से और ज्यादा चिढ़े फ्रांस की बमबारी का आलम यह है कि आईएस के आतंकवादी अपनी जान बचाने के लिए रक्का शहर के रिहायशी घरों में घुस गए हैं और आम नागरिकों को ढाल बना लिए हैं, ताकि बमबारी में वो भी मरें, जिससे निर्दोष लोगों पर हमले बताकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से सहानुभूति हासिल की जा सके और यूरोपीय देशों के खिलाफ आम मुसलमानों का समर्थन प्राप्त किया जा सके।
सीरिया में आईएस के सरगनाओं में एक अब्देल हमीद और अपने मुंह ढांककर खड़े उसके हथियारबंद सहयोगी वीडियो टेप जारी कर भले ही बार-बार पेरिस जैसे हमलों की हुंकार भर रहे हों, लेकिन सच्चाई यह है कि फ्रांस और उसके मित्र देशों ने सीरिया के आतंकवादी ठिकानों, खाद्य और रसद एवं तेल की सप्लाई लाइनें तबाहकर रक्का शहर को भुखमरी के कगार पर तो पहुंचा ही दिया है। आईएस के सरगना अबु बगदादी का तो कहीं पता नहीं चल रहा है। आतंकवादी अब्देल हमीद के बारे में कहा जा रहा है कि खुद को फांस के हमलों से घिरा जानकर उसने खुदकुशी कर ली है। इसकी पुष्टि होना बाकी है। फ्रांस की सेना सीरिया में एक तरह से युद्ध ही लड़ रही है, आईएस के आतंकवादी घातक हथियारों से लैस हैं, इसलिए फ्रांस की रणनीति में अबतक आम नागरिकों के बचाव की गुंजाईश भी खत्म हो गई है। आईएस के आतंकवादियों ने अपनी जान बचाने के लिए लगभग हर घर में जबरन घुसपैंठ कर रखी है, यही कारण है कि बमबारी में आम आदमी भी मारा जा रहा है। रक्का शहर लाशों से अटा पड़ा है और आईएस पर कमरतोड़ हमले हो रहे हैं।
फ्रांस की वायुसेना का मनोबल इस समय बहुत ऊंचा है और वह आईएस के लड़ाकों कमांडरों एवं अल बगदादी को पाताल से भी खींचकर उसे मार डालने की रणनीतिक अभियान है। सीरिया ने अपने इतिहास में इतने हवाई हमले और ताबड़तोड़ बमबारी कभी नहीं देखी होगी, जैसी पेरिस पर हमले के बाद दिखाई दे रही है। सचमुच विनाश एवं कहर के साथ आईएस पर पूरी क्रूरता से फ्रांस ने हमला बोला है। कहा जा सकता है कि परिणाम जो भी हों रक्का शहर पाषाण युग में पहुंच जाने वाला है। पूरी दुनिया के देश भी आईएस के खिलाफ खड़े हो गए हैं। भारत ने भी फ्रांस को हर स्थिति में हर प्रकार की मदद का ऐलान किया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस वक्त लंदन में भारतीय समुदाय के साथ थे, जब आईएस के हथियारबंद आतंकवादी पेरिस की सड़कों और कंसर्ट हॉल में कत्ल-ए-आम कर रहे थे। फ्रांस के लोगों की लाशें बिछाने वाले आईएस के आत्मघाती तो मारे गए, किंतु अब उसकी प्रतिक्रिया से आईएस भी थर्रा उठा है। फ्रांस ने उसके हमले को युद्ध छेड़ने जैसा हमला मानकर अपने लड़ाकू जहाज सीरिया के आकाश में छोड़ दिए हैं, जिन्होंने आईएस पर महाभयानक बमबारी की हुई है।
आईएस के गढ़ रक्का में अभी यह पता नहीं चल रहा है कि वहां अब तक वास्तव में कितने लोग मारे गए हैं, लेकिन आईएस की प्रतिक्रिया बता रही है कि मरने वालों में हजारों हैं। रक्का शहर में जगह-जगह बमों से आग लगी है, वहां जान बचाना मुश्किल है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि आईएस के आतंकवादियों को भागने का मौका भी नहीं मिला है। फ्रांस और सीरिया की ओर से आ रही खबरों के मुताबिक पेरिस हमले के थोड़ी ही देर बाद इस हमले में आईएस के शामिल होने की पुष्टि होते ही फ्रांस और अमरीका के जंगी जहाजों ने रक्का शहर के आकाश को घेर लिया था और आसमान से उसकी सड़कों की निगरानी में थे, जहां से आईएस के आतंकवादियों के बचकर निकलने का अंदेशा था। आईएस अब अपने आतंकवादियों का मनोबल बनाए रखने के लिए यूरोपीय देशों को पेरिस जैसे हमले करने की धमकी दे रहा है।
अमेरिका के जंगी जहाजों ने भी सीरिया में इस्‍लामिक स्‍टेट के सैकड़ों ट्रकों पर हवाई हमले किए हैं। कहा गया है कि इन ट्रकों में कच्‍चा तेल भर कर तस्‍करी के लिए ले जाया जा रहा था। न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स ने अमेरिकी अफसरों के हवाले से बताया है कि शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक 116 ट्रकों को निशाना बनाया गया। यह हमला डेर-अल-जोर के पास हुआ। आईएस के कब्‍जे वाला यह इलाका इराक की पूर्वी सीमा से सटा है। हमले में चार ए-10 और दो एसी-130 विमान लगाए गए थे। बताया जा रहा है कि इस हमले की तैयारी शुक्रवार को पेरिस में हुए आतंकी हमले से पहले ही कर ली गई थी। फ्रांस लगातार इस आतंकवादी संगठन के ठिकानों पर हमला कर रहा है। उसके लड़ाकू विमानों ने आईएस के कमांड सेंटर, गोला बारूद डिपो और कैंप पर बम गिराए हैं। फ्रांस एयर फोर्स ने जॉर्डन, संयुक्‍त अरब अमीरात और अमेरिका की मदद से ये हमले किए हैं।
पेरिस हमले का बदला लेने के लिए फ्रांस की सीरिया में इस्‍लामिक स्‍टेट ठिकानों पर भीषण बमबारी चल रही है। फ्रांस के लड़ाकू विमानों ने रविवार को रक्का शहर में 20 से ज्यादा बम गिराए। रक्का शहर आईएस का गढ़ माना जाता है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक लड़ाकू विमानों ने आईएस के कैंप पर बम गिराए। फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद ने गए शुक्रवार की रात पेरिस पर हुए हमले के बाद कहा था कि हमें पता है कि पेरिस पर हमला करने वाले कौन हैं? हम उनके साथ बेरहमी से निटेंगे। दूसरी ओर बमबारी से बौखलाए आईएस ने फ्रांस को और हमलों के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है। उसने कहा है कि उसका संगठन सीरिया और इराक के बाहर भी हमले करने के काबिल है। पेरिस हमले में शामिल आतंकियों की तलाश में फ्रांस पुलिस दिन-रात जुटी हुई है। इस संबंध में अभी तक 7 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। फ्रेंच पुलिस का कहना है कि आईएस के स्‍लीपर सेल से जुड़े कई और आतंकी देश में मौजूद हो सकते हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। पेरिस हमले में 129 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 200 से ज्‍यादा घायल हो गए थे।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]