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यूपी पुलिस सेवा संवर्ग का पुर्नगठन

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Monday 28 January 2013 10:11:44 AM

लखनऊ। प्रांतीय पुलिस सेवा संवर्ग के पुर्नगठन की कार्यवाही शीघ्र की जाएगी। इसके अंतर्गत संयुक्त पुलिस अधीक्षक के नए पद का सृजन किया जाना प्रस्तावित है। पुर्नगठन के फलस्वरुप इस संवर्ग के कुल पदों में लगभग 200 से 250 तक की संख्या बढ़ सकती है।
उल्लेखनीय है कि पिछले कई वर्ष से अभी तक एक बार भी प्रांतीय पुलिस सेवा संवर्ग के पदों का कैडर रिब्यू नहीं हुआ था। इसके अलावा शहरों के विस्तारीकरण, कार्य की अधिकता एवं विविधता, विशेष जांच एजेंसियों के गठित होने से अतिरिक्त पदों की मांग यथा एसटीएफ, एटीएस, विद्युत विभाग, वाणिज्य कर विभाग, राजस्व अभिसूचना विभाग इत्यादि विभिन्न विभागों की पुलिस अधिकारियों की बढ़ती हुई मांग के कारण कैडर रिब्यू के कार्य की नितांत आवश्यकता थी।
प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव की अध्यक्षता में इस संबंध में सोमवार को कमांड सेंटर एनेक्सी में बैठक में विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। बैठक में पुलिस महानिदेशक एसी शर्मा, अपर पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय इलाहाबाद सूर्य कुमार शुक्ला, गृह सचिव सुभाष चंद्र शर्मा, पुलिस महानिरीक्षक प्रशासन, रेणुका मिश्रा के अलावा गृह व पुलिस विभाग के अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।
गृह सचिव सुभाष चंद्र शर्मा ने बताया कि वर्तमान समय में प्रांतीय पुलिस सेवा संवर्ग में विभिन्न श्रेणियों के 5 संवर्गो में कुल 1168 पदों की संख्या का नियतन हैं। इसके अंतर्गत डिप्टी एसपी के 756 पद, डिप्टी एसपी सीनियर स्केल के 172 पद, अपर पुलिस अधीक्षक साधारण श्रेणी के 167 पद, अपर पुलिस अधीक्षक ग्रेड-द्वितीय के 53 पद, अपर पुलिस अधीक्षक ग्रेड-प्रथम के कुल 20 पदों का वर्तमान नियतन है। इन सभी श्रेणियों के पदों में वृ़द्धि का प्रस्ताव है। साथ ही एक अतिरिक्त श्रेणी संयुक्त पुलिस अधीक्षक के पद का सृजन किया जाएगा।
गृह सचिव ने बताया कि इन अधिकारियों की आईपीएस संवर्ग में होने वाली प्रोन्नति में कभी-कभी उनकी उम्र या अन्य कारणों से आने वाली कठिनाईयों को दृष्टिगत रखते हुए संयुक्त पुलिस अधीक्षक के एक नए पद का सृजन किए जाने पर विचार किया गया है। इसके अंतर्गत 10-12 पद सृजित होने की संभावना है। संपूर्ण संवर्ग में 200-250 अतिरिक्त पदों का सृजन किया जाना संभावित है। प्रस्ताव संस्तुति सहित कार्मिक विभाग को उपलब्ध कराया जाएगा। इस प्रस्ताव पर तीन सदस्य समिति विचार करेगी, जिसका गठन प्रमुख सचिव कार्मिक की अध्यक्षता में होना है। वित्त विभाग एवं गृह (पुलिस) विभाग के प्रमुख सचिव एवं सचिव इसके सदस्य होगें।

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