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भारत में लोकतंत्र से मंगोलियाई राष्ट्रपति प्रभावित

भारत मंगोलिया का एक सच्चा मित्र और पड़ोसी-उखनागीन खुरेलसुख

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद में खुरेलसुख का स्वागत किया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 15 October 2025 12:44:21 PM

mongolian president and om birla

नई दिल्ली। मंगोलिया के राष्ट्रपति उखनागीन खुरेलसुख अपने प्रतिनिधिमंडल केसाथ जब भारतीय संसद भवन पहुंचे तो संसद भवन की स्थापत्य भव्यता, कलात्मक सुंदरता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत देखकर मंत्रमुग्ध हो गए और संसद भवन की सराहना करने लगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद के मकर द्वार पर उनका हार्दिक अभिनंदन किया। उखनागीन खुरेलसुख ने इस अवसर पर प्रसन्नता व्यक्त कीकि भारत और मंगोलिया अपने राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, दोनों देशों केबीच साझेदारी लगातार प्रगाढ़ हो रही है और सात दशक में आपसी सहयोग बहुआयामी रूपसे मजबूत हुआ है। वे भारत में लोकतंत्र से बहुत प्रभावित हुए। ओम बिरला ने वर्ष 2023 में मंगोलिया की अपनी यात्रा का उल्लेख किया एवं संसदीय लोकतंत्र को सशक्त बनाने में भारत-मंगोलिया की साझा प्रतिबद्धता को दोहराया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहाकि भारत-मंगोलिया केबीच साझेदारी में रक्षा, स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी एवं आर्थिक सहयोग जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएं निहित हैं, दोनों देशों के संबंध लोकतंत्र, धर्म और विकास (3डी) के साझा सिद्धांतों पर आधारित हैं। उन्होंने भारत-मंगोलिया के गहरे ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक संबंधों को रेखांकित किया। ओम बिरला ने साझी बौद्ध विरासत का उल्लेख करते हुए कहाकि भगवान बुद्ध की शिक्षाएं समय से परे हैं, वे न केवल आजभी प्रासंगिक एवं महत्वपूर्ण हैं, बल्कि मानवता केलिए अत्यंत उपयोगी भी हैं। उन्होंने भगवान बुद्ध के मूल मंत्र ‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’ का जिक्र करते हुए कहाकि यह सिद्धांत आजभी भारत की लोकनीति को दिशा देने वाला एक मौलिक स्तंभ है। ओम बिरला ने मंगोलिया के राष्ट्रपति को बतायाकि भारतीय संसद के लोकसभा चैंबर में स्पीकर की कुर्सी के ऊपर विशेष रूपसे अंकित धर्मचक्र भारत के धर्म आधारित सुशासन केप्रति गहरी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
ओम बिरला ने मंगोलियाई प्रतिनिधियों को बतायाकि वैश्विक कोविड-19 महामारी जैसी अप्रत्याशित चुनौतियों के बावजूद भारत के नए संसद भवन का निर्माण रिकॉर्ड समय में पूर्ण हुआ, यह भवन केवल ईंट-पत्थर का संकलन नहीं है, बल्कि एक अरब चालीस करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं और आशाओं का प्रतीक है और खास बात यह हैकि इसमें बौद्ध दर्शन के गहन तत्वों को खूबसूरती से समाहित किया गया है। ओम बिरला ने विशेष रूपसे उस गैलरी का उल्लेख किया, जहां पर कालातीत श्लोक ‘बुद्धं शरणं गच्छामि, धम्मं शरणं गच्छामि, संघं शरणं गच्छामि’ प्रदर्शित है, जो हमें बुद्ध, धर्म और संघ की शरण में जाने की प्रेरणा देता है, वहां पर ऐसी शिक्षाएं भी प्रस्तुत की गई हैं, जो हर व्यक्ति को प्रकाश की तरह बनने और जीवन में उज्ज्वलता को प्रोत्साहित करती हैं। ओम बिरला ने मंगोलिया से संसदीय जुड़ाव पर कहाकि दोनों देशों के सदनों में नियमित संवाद उनके द्विपक्षीय संबंधों का एक मजबूत स्तंभ है। उन्होंने इस परंपरा को और अधिक सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। ओम बिरला ने 2023 में अपने मंगोलिया दौरे के दौरान संसदीय सहयोग को बढ़ावा देने केलिए हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का जिक्र किया।
ओम बिरला ने मंगोलियाई प्रतिनिधिमंडल को भारत के विश्वस्तरीय पार्लियामेंट्री रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसीज़ (प्राइड) के माध्यम से प्रशिक्षण व क्षमता विकास की पहल अपनाने को प्रोत्साहित किया। ओम बिरला ने सभी क्षेत्रोंमें महिला भागीदारी बढ़ाने पर भारत के मजबूत संकल्प पर विशेष जोर दिया। उन्होंने सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक स्तरपर महिलाओं के प्रतिनिधित्व को सशक्त बनाने केलिए हाल के वर्षों में हुई उल्लेखनीय प्रगति का जिक्र किया। ओम बिरला ने बतायाकि भारत में स्थानीय प्रतिनिधि संस्थाओं में महिलाओं केलिए न्यूनतम 33 प्रतिशत आरक्षण अनिवार्य किया गया है, जबकि देश के कई राज्यों ने आरक्षण को बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक पहुंचा दिया है। उन्होंने नारी शक्ति वंदन अधिनियम का उल्लेख किया, जो नए संसद भवन में लागू किया गया पहला कानून है और लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं में महिलाओं केलिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करता है। ओम बिरला ने इस ऐतिहासिक कानून को महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास केप्रति भारत की संवैधानिक प्रतिबद्धता की दिशामें एक सशक्त कदम बताया।
मंगोलिया के राष्ट्रपति ने लोकसभा अध्यक्ष के 2023 में मंगोलिया दौरे को याद करते हुए कहाकि ओम बिरला की उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता ने दोनों देशों केबीच संसदीय सहयोग को और अधिक सशक्त बनाया है। राष्ट्रपति ने भारत को मंगोलिया का आध्यात्मिक पड़ोसी और एक सच्चा मित्र बताया। उन्होंने मंगोलिया की विकास यात्रा में भारत की अहम भूमिका को रेखांकित किया। राष्ट्रपति ने भारत को एक तेजीसे उभरती आर्थिक शक्ति के रूपमें सराहा, जो विश्वभर में शांति स्थिरता में अनुकरणीय रूपसे योगदान दे रहा है। उन्होंने ग्लोबल साउथ में भारत की नेतृत्व भूमिका की प्रशंसा करते हुए आपसी सम्मान और साझा हितों के आधार पर बहुउद्देश्यीय मंचों पर भारत-मंगोलिया के सहयोग की निरंतरता की आशा व्यक्त की।

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