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युवाओं के विद्रोह से नेपाल जल रहा है

नेपाल के गहरे दोस्त चीन की घटनाक्रम पर रहस्यमयी चुप्पी?

नेपाल में श्रीलंका और बांग्लादेश से भी ज्यादा बद्तर हालात

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 9 September 2025 01:22:58 PM

nepal is burning due to youth rebellion

काठमांडू/ नई दिल्ली। नेपाल में केपी शर्मा ओली सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं का विद्रोह अपने चरम पर पहुंच गया है, जिससे लगता हैकि ओली सरकार को जाना ही होगा। केपी शर्मा ओली पर अब इस्तीफा दे देने का भारी दबाव है, जिससे वे इस्तीफा दे सकते हैं और नेपाल भी छोड़ सकते हैं। नेपाल के गहरे दोस्त चीन की घटनाक्रम पर रहस्यमयी चुप्पी है। केपीएस ओली चीन के गहरे दोस्त भी माने जाते हैं। युवाओं के सर और सीने पर पुलिस की गोलियों से हुई युवाओं की मौतों ने नेपाल के हालात बेहद विस्फोटक कर दिए हैं। पूरा नेपाल जल रहा है। युवाओं ने नेपाल के राष्ट्रपति के निजी आवास तकपर धावा बोल दिया है, उनके घरपर कब्जा कर लिया है। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री कमल दहल प्रचंड के घरपर प्रदर्शनकारियों ने धावा बोला है, कई मंत्रियों के घरों पर तोड़फोड़ और अराजकता बरपी है। युवाओं के आंदोलन का आज दूसरा दिन है। मात्र एक दिन में लाखों नेपाली युवा सड़कों पर हैं। नेपाल में शांति की अपीलें बेअसर साबित हो रही हैं। नेपाल सरकार पर युवा बेहद गुस्से में हैं। आंदोलन से घबराई ओली सरकार घुटनों पर दिखाई दे रही है, उसने नेपाल में सोशल मीडिया से प्रतिबंध भी हटा लिया है, तथापि नेपाल के हालात नियंत्रण से बाहर हैं। गौरतलब हैकि इस समय कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी सहित कई दलों वाली ओली की खिचड़ी सरकार है, क्योंकि इससे पहले कमल दहल प्रचंड सरकार थी, जो वह नहीं चला पाए, जिसके बाद चीन के समर्थन से नेपाल में ओली सरकार बनी, जिसका यह हस्र हो रहा है।
नेपाली पुलिस और सेना में युवाओं पर गोली चलाने पर मतभेद भी सामने आ रहे हैं। नेपाल में प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री केपीएस ओली से इस्तीफा मांग रहे हैं और नेपाल के राष्ट्रपति से मांग की जा रही हैकि वे केपीएस ओली सरकार को बर्खास्त करें। युवा विद्रोह से घबराए नेपाल के कई मंत्री नैतिकता के आधार पर ओली सरकार से इस्तीफा दे चुके हैं। नेपाल में श्रीलंका, बांग्लादेश का हिंसक विद्रोह दिखाई दे रहा है। यूनाइटेड नेशन ने नेपाल के घटनाक्रम पर गंभीर चिंता प्रकट की है और नेपाल सरकार से कहा हैकि वह आंदोलनकारियों से बात करे और मानव अधिकारों का उल्लंघन न हो। नेपाल में प्रदर्शनकारी युवाओं पर पुलिस की गोलीबारी और मौतों से यूएन भारी नाराज है। नेपाल सेना के एक सेवानिवृत्त कर्नल माधव सुंदर खड्ग कह रहे हैंकि मैं भी छह महीने से भ्रष्टाचार के खिलाफ महाअभियान पर काम कर रहा था, मेरा बेटा कल मेरे साथ था, मैं अपने घर के पास एक अलग इलाके में था, मैंने उसे तीन बार फोन किया, उसने कॉल रिसीव नहीं की, कल शाम 4 बजे के बाद से उसका फोन बंद हो गया, फिर मैं पुलिस के पास गया, लेकिन उन्होंने मुझे पीटा, मैं चाहता हूंकि राष्ट्रपति इस सरकार को भंग कर दें।
नेपाल में युवाओं का प्रदर्शन कल से भी ज्यादा भयानक है। आज नेपाल के राजनीतिक दलों के दफ्तरों और नेताओं के घरों पर भी युवाओं ने धावा बोला है और नेता जहांतहां छिपकर अपने को बचा रहे हैं। अखबारों और सोशल मीडिया पर आंदोलनकारी युवाओं की पुलिस की गोली से मौत की तस्वीरें देखकर नेपाल का जनमानस भड़क उठा है। इससे उद्वेलित नेपाल के राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के 21 सांसदों ने इस्तीफा देने का निर्णय लेकर नेपाली संसद को भंग करने की मांग की है। किसी को यह अंदाजा नहीं थाकि नेपाल का युवा सरकार के खिलाफ इतना बड़ा विद्रोह कर देगा। नेपाल की राजशाही के खिलाफ भी इसी प्रकार का जनविद्रोह हुआ था, जिसके बाद देश में लोकतंत्र आया और नेपाल की लोकतांत्रिक सरकारों ने नेपाल का मूल हिंदू चरित्र नष्टकर लोकतंत्र के नामपर नेपाल को और नरक में डाल दिया। नेपाल के लोगों ने कहाकि इससे अच्छा तो नेपाल की राजशाही ही थी। नेपाल की युवा पीढ़ी को यह लोकतंत्र रास नहीं आ रहा था। नेपाल में कई बार राजशाही की वापसी की मांग लेकर आंदोलन भी हुए हैं। आज नेपाल की ओली सरकार के खिलाफ युवाओं ने विद्रोह कर ही दिया। आगे नेपाल की क्या तस्वीर बनेगी, यह समय बताएगा।
सर्वविदित हैकि नेपाल को भारत ने हर क्षेत्रमें हमेशा भरपूर सहयोग दिया है। नेपाल में आए विशाल भूकंप में भारत ने जो मदद की, वह दुनिया ने भी देखी। दुनिया जानती हैकि भारत ही ऐसा देश है, जिसमें सर्वाधिक नेपाली रहते हैं या यह कहिएगा कि भारत नेपाल को पालता है और नेपाल के जनमानस की हर दिक्कत में भारत कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होता है, लेकिन राजशाही केबाद नेपाल में आई सरकारें और खासतौर से नेपाल की ओली सरकार चीन केसाथ खड़ी दिखाई दी है। ओली सरकार नेपाल में खुलेआम भारत विरोधी चीन के ऐजेंडे चलाती आ रही है। अनेक बार भारत को यह कोफ्त हुई हैकि नेपाल की सरकार अपने यहां भारत विरोधी एजेंसियों को संरक्षण देती है। यहभी एक समस्या हैकि नेपाल सरकार ने अपने यहां इस्लामिक आतंकवादियों को अपने भारत विरोधी अड्डे चलाने की जगह दी हुई है, जिस कारण नेपाल में मुसलमानों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। भारत नेपाल सीमा पर सर्वाधिक मुसलमान बस गए हैं और वहां मदरसों और मस्जिदों की बाढ़ सी आ गई है। भारत में उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल की सीमा पर सरकारी जमीन पर बनाए गए मस्जिदों और मदरसों को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ध्वस्त कर रही है। ये लोग नेपाल में रहते हैं और भारत में इस्लामिक उपद्रव और आतंकवाद करते हैं। कुलमिलाकर ओली सरकार भारत विरोधी ऐजेंडे चलाने केलिए भी जानी जाती है। बहरहाल ओली सरकार का यह संकट उसके खात्में की तरफ बढ़ रहा है।

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