स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 5 September 2025 02:49:00 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षक दिवस पर राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान से नवाजे गए शिक्षकों से प्रधानमंत्री आवास दिल्ली में मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने शिक्षकों केसाथ प्रेरक संवाद में समाज में शिक्षकों केप्रति स्वाभाविक सम्मान की सराहना की और उन्हें सर्वोच्च राष्ट्र सेवक बताया। उन्होंने कहाकि शिक्षकों का सम्मान केवल एक रस्म नहीं है, बल्कि उनके आजीवन समर्पण और प्रभाव का सम्मान है। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान प्राप्त करनेवाले शिक्षकों को बधाई दी और कहाकि इस सम्मान केलिए उनका चयन उनकी कड़ी मेहनत और अटूट समर्पण का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने कहाकि शिक्षक न केवल वर्तमान को आकार देते हैं, बल्कि राष्ट्र के भविष्य को भी गढ़ते हैं, जिससे उनकी भूमिका राष्ट्रीय सेवा के सर्वोच्च रूपों में से एक बन जाती है। उन्होंने कहाकि इसवर्ष के सम्मानित शिक्षकों की तरह देशभर के लाखों शिक्षक ईमानदारी, प्रतिबद्धता और सेवा भावना केसाथ शिक्षा केप्रति समर्पित हैं। उन्होंने राष्ट्र निर्माण में शामिल शिक्षकों के अनुकरणीय योगदान को भी नमन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की प्रगति में शिक्षकों की उल्लेखनीय भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहाकि भारत ने हमेशा गुरु शिष्य परंपरा का सम्मान किया है, यहां गुरु को केवल ज्ञान प्रदाता ही नहीं, बल्कि जीवन का मार्गदर्शक भी माना जाता है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि जैसे-जैसे हम एक विकसित भारत के निर्माण के विजन केसाथ आगे बढ़ रहे हैं, यह परंपरा हमारी ताकत बनी हुई है, शिक्षक इस विरासत के जीवंत प्रतीक हैं, जो न केवल साक्षरता प्रदान कर रहे हैं, बल्कि युवा पीढ़ी में राष्ट्र केलिए जीने की भावना भी भर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि शिक्षक एक मज़बूत राष्ट्र और सशक्त समाज की नींव होते हैं, शिक्षक पाठ्यक्रम और पाठ्यचर्या में समयानुकूल बदलाव केप्रति संवेदनशील होते हैं और शिक्षा को समय की बदलती मांगों के अनुरूप ढालते हैं। उन्होंने शिक्षकों केसाथ जीएसटी सुधार का नया चरण भी साझा किया और कहाकि देश केलिए जारी सुधारों में भी यही भावना झलकती है। लालकिले की प्राचीर से अपनी प्रतिबद्धता को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि उन्होंने वादा किया थाकि दिवाली और छठ पूजा से पहले लोगों केलिए दोहरा उत्सव होगा, इसीके अनुरूप जीएसटी परिषद ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जीएसटी अब औरभी सरल हो गया है, अब मुख्य रूपसे दो जीएसटी स्लैब हैं, 5 और 18 प्रतिशत। उन्होंने कहाकि ये नई दरें नवरात्रि के पहले दिन 22 सितंबर से लागू होंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि नवरात्रि की शुरुआत से करोड़ों परिवारों केलिए आवश्यक वस्तुएं और ज्यादा सस्ती हो जाएंगी। उन्होंने कहाकि इस साल धनतेरस औरभी ज़्यादा रौनक वाला होगा, क्योंकि दर्जनों वस्तुओं पर कर में उल्लेखनीय कमी की गई है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि जीएसटी स्वतंत्र भारत के सबसे बड़े आर्थिक सुधारों में से एक था, इसने देश को कई करों के जटिल जाल से मुक्त किया, अब जब भारत 21वीं सदी में प्रवेश कर रहा है, जीएसटी सुधार का यह नया चरण, जिसे मीडिया में कुछ लोग 'जीएसटी 2.0' कह रहे हैं, वास्तव में समर्थन और विकास की दोहरी खुराक है। यह सुधार आम परिवारों केलिए बचत बढ़ाने और आर्थिक गति को मज़बूत करने के दोहरे लाभ प्रदान करता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि इस कदम से गरीबों, नव-मध्यम वर्ग, मध्यम वर्ग, किसानों, महिलाओं, छात्रों और युवाओं को काफी राहत मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहाकि नई नौकरी शुरू करने वाले युवा पेशेवरों को वाहन कर में कमी का विशेष रूपसे लाभ होगा, इस निर्णय से परिवारों केलिए घरेलू बजट का प्रबंधन आसान हो जाएगा और उनके जीवनस्तर में सुधार होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए सरकार के परिवर्तनकारी कर सुधारों को रेखांकित करते हुए कहाकि जीएसटी में भारी कटौती से भारतीय परिवारों पर वित्तीय बोझ काफी कम हुआ है। उन्होंने कहाकि 2014 से पहले कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार में आवश्यक वस्तुओं और दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर भारी कर लगाया जाता था, टूथपेस्ट, साबुन, बर्तन, साइकिल और यहां तककि बच्चों की कैंडी पर 17 से 28 प्रतिशत तक कर लगता था, होटल में ठहरने पर भी भारी कर लगते थे, जिनमें राज्य स्तरपर अतिरिक्त शुल्क भी शामिल थे। नरेंद्र मोदी ने कहाकि अगर यही कर व्यवस्था जारी रहती तो लोग अबभी खर्च किए गए प्रत्येक 100 रुपये पर 20-25 रुपये का कर चुकाते। उन्होंने कहाकि भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में ऐसी वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी घटाकर केवल 5 प्रतिशत कर दिया गया है, इससे देशभर के लाखों परिवारों को सीधी राहत मिली है। प्रधानमंत्री ने कहाकि ये वित्तीय सुधार घरेलू बचत को बढ़ावा देने और जीवनयापन की लागत को कम करने केलिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं, विशेष रूपसे मध्यम वर्ग, किसानों, महिलाओं और युवा पेशेवरों केलिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि 2014 से पहले कांग्रेस सरकार में डायग्नोस्टिक किट पर 16 प्रतिशत कर लगाने के कारण चिकित्सा उपचार कई लोगों की पहुंच से बाहर था, अब इसे घटाकर केवल 5 प्रतिशत कर दिया गया है, इससे बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं ग़रीब और मध्यम वर्ग केलिए अधिक सुलभ हो गई हैं। उन्होंने कहाकि पिछली सरकार में घर बनाना एक महंगा काम था, सीमेंट पर 29 प्रतिशत और एसी व टीवी जैसे उपकरणों पर 31 प्रतिशत कर लगता था, हमारी सरकार ने इन दरों को घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया है, जिससे लाखों लोगों के जीवनयापन का खर्च कम हुआ है। प्रधानमंत्री ने पूर्ववर्ती कर व्यवस्था के तहत किसानों की दुर्दशा पर भी बात की, जहां ट्रैक्टर, सिंचाई उपकरण, पंपिंग सेट जैसे आवश्यक उपकरणों पर 12-14 प्रतिशत कर लगता था। नरेंद्र मोदी ने कहाकि अब इनमें से अधिकांश वस्तुओं पर 0 प्रतिशत या 5 प्रतिशत कर लगता है, इससे कृषि लागत में उल्लेखनीय कमी आती है और ग्रामीण आजीविका को सहारा मिलता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि कपड़ा, हस्तशिल्प, चमड़ा जैसे बड़े कार्यबल वाले क्षेत्रों को जीएसटी दरों में कमी से महत्वपूर्ण राहत दी गई है अब न केवल इन उद्योगों के श्रमिकों और उद्यमियों को लाभ होगा, बल्कि कपड़े और जूते जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतें भी कम होंगी।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि स्टार्टअप्स, एमएसएमई और छोटे व्यापारियों केलिए सरकार ने कर कटौती को सुव्यवस्थित प्रक्रियाओं केसाथ जोड़ा है, इससे व्यापार में आसानी और परिचालन लचीलापन सुनिश्चित हुआ है। स्वास्थ्य पर बढ़ते ध्यान को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने युवाओं में फिटनेस को प्रोत्साहित करने केलिए जिम, सैलून और योग जैसी सेवाओं पर कम जीएसटी की घोषणा की। नरेंद्र मोदी ने कहाकि ये फैसले विकसित भारत के व्यापक एजेंडे का हिस्सा हैं, जहां युवा, उद्यम और स्वास्थ्य प्रमुख राष्ट्रीय प्राथमिकताएं हैं। प्रधानमंत्री ने नवीनतम जीएसटी सुधारों को भारत के आर्थिक परिवर्तन में एक ऐतिहासिक कदम बताया और कहाकि इसने देश की फलती-फूलती अर्थव्यवस्था में पांच प्रमुख रत्न जोड़े हैं, पहला-कर प्रणाली काफ़ी सरल हो गई है, दूसरा-भारतीय नागरिकों के जीवनस्तर में और सुधार होगा, तीसरा-उपभोग और आर्थिक विकास को एक बल मिलेगा, चौथा-व्यापार करने में आसानी बढ़ेगी, जिससे निवेश और रोज़गार सृजन बढ़ेगा, पांचवां-सहकारी संघवाद की भावना केंद्र-राज्यों केबीच साझेदारी और मज़बूत होगी, जो विकसित भारत केलिए अत्यंत आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने सरकार के मार्गदर्शक सिद्धांत ‘नागरिक देवो भव:’ को दोहराया और कहाकि आयकर में भी उल्लेखनीय कटौती की गई है, 12 लाख रुपये तककी आय अब कर मुक्त है, जिससे करदाताओं को काफी राहत मिली है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत में मुद्रास्फीति वर्तमान में बहुत कम और नियंत्रित स्तरपर है, परिणामस्वरूप भारत की विकास दर लगभग आठ प्रतिशत तक पहुंच गई है, जिससे यह दुनिया की सबसे तेज़ीसे बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गई है। प्रधानमंत्री ने कहाकि आत्मनिर्भर भारत केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक प्रतिबद्ध आंदोलन है। उन्होंने देशभर के शिक्षकों से प्रत्येक छात्र में आत्मनिर्भरता के बीज बोने का आह्वान किया, सरल भाषा और स्थानीय बोलियों में आत्मनिर्भर भारत के महत्व को समझाने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने शिक्षकों को छात्रों को ऐसे अभ्यासों में शामिल करने केलिए प्रोत्साहित किया, जो दैनिक जीवन में आयातित उत्पादों की उपस्थिति को उजागर करते हैं और स्वदेशी विकल्पों के उपयोग को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने स्वदेशी को बढ़ावा देने की महात्मा गांधी की विरासत का उल्लेख करते हुए कहाकि अब इस पीढ़ी का कर्तव्य हैकि वह इस मिशन को पूरा करे। नरेंद्र मोदी ने कहाकि प्रत्येक छात्र को खुदसे पूछना चाहिएकि मैं अपने देश की किसीभी ज़रूरत को पूरा करने केलिए क्या कर सकता हूं? राष्ट्र की ज़रूरतों से खुदको जोड़ना बहुत ज़रूरी है, यही देश है, जो हमें जीवन में आगे बढ़ाता है, हमें इतना कुछ देता है और इसीलिए प्रत्येक छात्र को हमेशा अपने दिल में यह विचार रखना चाहिएकि मैं अपने देश को क्या दे सकता हूं और देश की किन ज़रूरतों को पूरा करने में मैं मदद कर सकता हूं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवाचार विज्ञान और प्रौद्योगिकी में छात्रों की बढ़ती रुचि की सराहना की और चंद्रयान मिशन की सफलता को लाखों लोगों को वैज्ञानिक और नवप्रवर्तक बनने की प्रेरणा देने का श्रेय दिया। उन्होंने याद कियाकि कैसे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष मिशन से वापसी ने उनके स्कूल समुदाय को ऊर्जा प्रदान की और शिक्षा के अलावा युवाओं का मार्गदर्शन करने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाया। प्रधानमंत्री ने कहाकि अटल इनोवेशन मिशन और अटल टिंकरिंग लैब्स के तहत देशभर में 50000 अतिरिक्त लैब्स के निर्माण को मंज़ूरी दी गई है। नरेंद्र मोदी ने युवाओं को डिजिटल रूपसे सशक्त बनाने और उन्हें डिजिटल दुनिया के हानिकारक प्रभावों से बचाने पर सरकार के दोहरे फोकस पर प्रकाश डाला। उन्होंने ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करनेवाले संसद में पारित कानून का हवाला दिया, जिसका उद्देश्य छात्रों और परिवारों को नशे की लत, आर्थिक रूपसे शोषणकारी और हिंसक सामग्री से बचाना है। प्रधानमंत्री ने शिक्षकों से छात्रों में इन जोखिमों के बारेमें जागरुकता बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने कहाकि छात्रों को ज़िम्मेदार गेमिंग और डिजिटल अवसरों के बारेमें शिक्षित करके सरकार इस बढ़ते उद्योग में युवाओं केलिए आशाजनक करियर विकल्प तैयार करने की कल्पना करती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वदेशी उत्पादों को भारत के गौरव और स्वाभिमान के प्रतीक के रूपमें अपनाने केलिए प्रोत्साहित करता है। उन्होंने स्कूली परियोजनाओं और गतिविधियों में छात्रों को शामिल करने पर ज़ोर दिया, जो 'मेड इन इंडिया' वस्तुओं की पहचान और उनका जश्न मनाती हैं। प्रधानमंत्री ने शिक्षकों को ऐसे कार्य सुझाए जिनसे छात्रों और उनके परिवारों को घरपर स्थानीय उत्पादों के उपयोग को समझने में मदद मिले और उनमें जागरुकता बढ़े। उन्होंने कला शिल्प कक्षाओं और स्कूली समारोहों में स्वदेशी सामग्रियों के उपयोग को प्रोत्साहित किया। नरेंद्र मोदी ने स्कूलों से 'स्वदेशी सप्ताह' और 'स्थानीय उत्पाद दिवस' जैसी पहल आयोजित करने का आह्वान किया, जहां छात्र अपने परिवारों से स्थानीय उत्पाद लाएं और उनकी कहानियां साझा करें। उन्होंने कहाकि छात्रों और स्थानीय कारीगरों केबीच संवाद होना चाहिए, जिसमें पीढ़ियों से चली आरही स्वदेशी शिल्प और निर्माण के मूल्य पर प्रकाश डाला जाए। स्थानीय उत्पादों केप्रति गर्व पैदा करने केलिए जन्मदिन जैसे अवसरों पर देश में निर्मित उपहारों को प्रोत्साहित किया जाए, ऐसे प्रयास युवाओं में देशभक्ति, आत्मविश्वास और श्रम केप्रति सम्मान का पोषण करेंगे और उनकी व्यक्तिगत सफलता को राष्ट्रीय प्रगति से जोड़ेंगे। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त कियाकि शिक्षक राष्ट्र निर्माण के मिशन को समर्पण भावसे आगे बढ़ाते रहेंगे। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान, शिक्षा राज्यमंत्री सुकांत मजूमदार और जयंत चौधरी भी उपस्थित थे।