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Thursday 4 September 2025 05:38:47 PM
लखनऊ। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय बाराबंकी के विधि छात्रों से किए फर्जीवाड़े और एबीवीपी के शांतिपूर्ण आंदोलन पर बर्बर पुलिस लाठीचार्ज पर अभीतक कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं होने पर एबीवीपी ने जिलाधिकारी लखनऊ को एक ज्ञापन सौंपा है और 48 घंटे में उचित कार्रवाई न होने पर एबीवीपी के प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है। एबीवीपी का आरोप हैकि रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय में उसके शांतिपूर्ण आंदोलन पर विश्वविद्यालय प्रशासन के निजी गुंडों ने हमला किया और किसी के इशारे पर पुलिसकर्मियों ने उनपर बर्बर लाठीचार्ज किया। विश्वविद्यालय में विधि पाठ्यक्रम का अवैध संचालन सामने आने पर और विश्वविद्यालय प्रशासन की अनेक अनियमितताओं पर कार्रवाई नहीं होने पर छात्र आंदोलन कर रहे हैं। आज एबीवीपी लखनऊ महानगर के कार्यकर्ताओं ने अटल चौक, हजरतगंज चौराहे पर प्रदर्शन कर जिलाधिकारी लखनऊ के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। एबीवीपी ने अपने कैसरबाग लखनऊ कार्यालय पर एक प्रेस कॉंफ्रेंस की और अपनी आगे की रणनीतियां मीडिया से साझा कीं।
अभाविप की प्रमुख मांगें हैं-लाठीचार्ज प्रकरण में संलिप्त पुलिसकर्मियों एवं विश्वविद्यालय प्रशासन के निजी गुंडों पर कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाए तथा किसके आदेश पर लाठीचार्ज हुआ, यह तथ्य शीघ्र सार्वजनिक किया जाए। आज एबीवीपी की प्रेस कॉंफ्रेंस में मीडिया ने यह बार-बार पूछा कि उनका आरोप किस पर है। एबीवीपी के नेता बार-बार यह बात कह रहे थेकि छात्रों पर बर्बर लाठीचार्ज कराने वाले सीओ को किसी ने आदेश दिया और पुलिस पर जो कार्रवाई हुई है, उससे वो संतुष्ट नहीं हैं, इसलिए वो अपनी मांग पर कायम हैं। बिना नवीनीकरण और अनुमति के अवैध रूप से विधि पाठ्यक्रम कैसे संचालित होता रहा इसकी संपूर्ण तथ्यात्मक जांच कराई जाए। जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई कर विश्वविद्यालय को बंद किया जाए। विश्वविद्यालय में विलंब शुल्क के नाम पर धन उगाही, सामाजिक कल्याण के नाम पर मनमाने शुल्क और वित्तीय अनियमितताओं की जांचकर उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। आंदोलनरत दो छात्रों को बिना कारण निष्कासित करना पूर्णतः अवैधानिक है, इसके लिए दोषियों को दंडितकर छात्रों को न्याय दिलाया जाए।
अभाविप की मांग हैकि उच्चशिक्षा परिषद के सचिव द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के आधार पर कार्रवाई हो। विश्वविद्यालय ने लगभग 6 बीघे सरकारी भूमि (नाली तालाब बंजर और चकमार्ग) पर अवैध कब्जे किए हुए हैं, तहसीलदार न्यायालय द्वारा ₹27.96 लाख का जुर्माना लगाते हुए 25 अगस्त 2025 को कब्जा हटाने का जो आदेश दिया गया है, उसका अनुपालन करते हुए अवैध निर्माण को तत्काल हटाया जाए। अभाविप लखनऊ महानगर मंत्री शाश्वत सांस्कृत ने कहा हैकि रामस्वरूप विश्वविद्यालय में विधि विद्यार्थियों के न्याय हेतु संघर्षरत अभाविप के कार्यकर्ताओं और विद्यार्थियों पर बर्बर लाठीचार्ज अत्यंत निंदनीय एवं अमानवीय है। मानक विहीन और बिना नवीनीकरण के चल रहा विधि पाठ्यक्रम विद्यार्थियों के भविष्य केसाथ खुला अन्याय है। बुधवार को ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा विश्वविद्यालय को सशर्त (प्रोविजनल) अनुमति दी गई है, जिससे यह सिद्ध होता हैकि अबतक यह पाठ्यक्रम अवैध रूपसे संचालित हो रहा था। अभाविप ने कहा हैकि केवल लखनऊ ही नहीं, बल्कि प्रदेश के सभी जिला केंद्रों पर आंदोलन हो रहा है, यदि 48 घंटे के भीतर उसकी मांगें नहीं मानी गईं तो विद्यार्थी परिषद प्रदेशव्यापी आंदोलन करने को बाध्य होगी।
उधर अभाविप को एक सफलता मिली है, जिसमें रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय के प्रबंधन पर उच्च शिक्षा प्रशासन ने गंभीर धाराओं में नगर कोतवाली बाराबंकी में मुकद्मा दर्ज कराया है। यह मुकद्मा अपर सचिव राज्य उच्च शिक्षा की ओर से दर्ज कराया गया है। यह कार्रवाई आईजी पुलिस और कमिश्नर अयोध्या की संयुक्त रिपोर्ट पर की गई बताई गई है। सुना गया है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले का कड़ा संज्ञान लिया है, जिसके बाद यह कार्रवाईयां अमल में लाई गई हैं। एफआईआर की कार्रवाई में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर बर्बर लाठीचार्ज का भी उल्लेख है। मुकदमा दर्ज कराने वाले उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा परिषद के अपर सचिव डॉ दिनेश सिंह ने कहा है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन ने 2023-24 और 2024-25 में विधि संकाय (Law Faculty) की कक्षाएं बिना मान्यता के संचालित कीं, इसलिए विश्वविद्यालय प्रबंधन पर मुकद्मा दर्ज किए जाने में कोई विधिक बाधा नहीं है। ज्ञात हुआ हैकि अयोध्या के मंडलायुक्त की जांच में यह तथ्य सामने आया हैकि सोमवार तक विश्वविद्यालय को विधि संकाय के संचालन की मान्यता नहीं थी, इसके बावजूद विधि पाठ्यक्रम में प्रवेश लिए गए। एसपी बाराबंकी अर्पित विजयवर्गीय ने पुष्टि की हैकि विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अनेक धाराओं में मुकद्मा दर्ज कर उनकी विवेचना शुरू कर दी गई है।