स्वतंत्र आवाज़
word map

देश-विदेश तक ग्लोबल ड्रग गिरोह का भंडाफोड़

गृहमंत्री अमित शाह ने एनसीबी और मल्टी एजेंसी समन्वय को सराहा

टेलीग्राम क्रिप्टोकरेंसी भुगतान गुमनाम ड्रॉप शिपर्स की कड़ी निगरानी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 2 July 2025 06:50:03 PM

global drug cartel busted in india and abroad

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) एवं और अन्य एजेंसियों को ग्लोबल ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़ करने पर बधाई दी और उनका उत्साहवर्धन किया है। अमित शाह ने कहा हैकि नरेंद्र मोदी सरकार हर ड्रग गिरोह चाहे वह कहीं से भी चल रहा हो को खत्म करने और देश के युवाओं के स्वास्थ्य व जीवन रक्षा करने केलिए दृढ़ संकल्पित है। एक्स प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में अमित शाह ने कहाकि ग्लोबल ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़ मल्टीएजेंसी समन्वय का एक शानदार उदाहरण है, जिसके परिणामस्वरूप 8 गिरफ्तारियां हुईं और 5 खेप जब्ती हुईं, 4 महाद्वीपों और 10 से अधिक देशों में संचालित गिरोह के खिलाफ अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में बड़ी कार्रवाई हुई है। गृहमंत्री ने कहाकि भारत की एनसीबी एवं और दूसरी एजेंसियां लगातार इन गिरोहों के क्रिप्टो भुगतान और गुमनाम ड्रॉप शिपर्स जैसे तरीकों की कड़ी निगरानी कर रही हैं। गृहमंत्री ने कहाकि अवैध दवा व्यापार के खिलाफ अबतक की सबसे व्यापक कार्रवाइयों में से एकके तहत नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो मुख्यालय की ऑपरेशंस यूनिट ने एक अंतर्राष्ट्रीय ड्रग तस्करी सिंडिकेट को सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया, जो एंक्रिप्टेड डिजिटल प्लेटफॉर्म, ड्रॉप शिपिंग मॉडल और क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कर चार महाद्वीपों में नियंत्रित दवाओं की तस्करी कर रहा था।
गृहमंत्री अमित शाह ने बतायाकि बंगाली मार्केट दिल्ली केपास वाहनों को रोककर जांच करने की एक नियमित प्रक्रिया के रूपमें शुरू हुई यह कार्रवाई एक परिष्कृत आपराधिक नेटवर्क को उजागर करने में बदल गई, जो भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप में फैला हुआ था। उन्होंने कहाकि यह अवैध फार्मा नेटवर्क की वैश्विक पहुंच और समन्वित अंतर्राष्ट्रीय प्रवर्तन कार्रवाइयों का नेतृत्व करने की एनसीबी की क्षमता को दर्शाता है, इस ऑपरेशन ने 4 महाद्वीपों और 10 से अधिक देशों में फैले एक वैश्विक नेटवर्क का खुलासा किया है। उन्होंने बतायाकि 25 मई को गुप्त सूचना पर एनसीबी मुख्यालय की ऑपरेशंस टीम ने दिल्ली में मंडी हाउस केपास एक कार को रोका और कार में सवार दो व्यक्तियों, जो नोएडा के एक प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालय से बी फार्मा स्नातक थे। उनके कब्जे से 3.7 किलोग्राम ट्रामाडोल टैबलेट जब्त किए। पकड़े गए व्यक्तियों ने स्वीकार कियाकि वे एक प्रमुख भारतीय B2B प्लेटफॉर्म पर वेंडर प्रोफाइल संचालित कर रहे थे, जहां से वे अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में ग्राहकों को फार्मास्यूटिकल गोलियां बेचते थे। पूछताछ से प्राप्त सुरागों ने जांच टीम को रुड़की में एक स्टॉकिस्ट तक पहुंचाया, जिसके बाद दिल्ली के मयूर विहार में प्रमुख सहयोगी को गिरफ्तार किया गया, जिसने कर्नाटक के उडुपी में संपर्क का खुलासा किया, जो अमेरिका केलिए थोक ऑर्डर और शिपमेंट का इंतजाम करता था।
उडुपी से एनसीबी ने 50 अंतर्राष्ट्रीय खेपों के डेटा का पता लगाया, जिसमें अमेरिका से अमेरिका तक 29 पैकेज, ऑस्ट्रेलिया से ऑस्ट्रेलिया तक 18 पैकेज, एस्टोनिया, स्पेन और स्विट्जरलैंड को 1-1 पैकेज शामिल थे। यह जानकारी वैश्विक समकक्षों और इंटरपोल केसाथ साझा की गई, जिसके परिणामस्वरूप अमेरिका के अलबामा में अमेरिका के ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन केद्वारा एक थोक री-शिपर और मनी लॉन्डरर की पहचान और गिरफ्तारी हुई, साथही नियंत्रित दवाओं का एक विशाल भंडार जब्त किया गया। इस सिंडिकेट ने टेलीग्राम जैसे एन्क्रिप्टेड संचार प्लेटफॉर्म पर काम किया, क्रिप्टोकरेंसी, पेपैल (PayPal) और वेस्टर्न यूनियन के माध्यम से भुगतान प्राप्त किया और मामले का खुलासा होने से बचाव केलिए अनाम अंतर्राष्ट्रीय ड्रॉप शिपर्स का उपयोग किया। डिजिटल फोरेंसिक जांच से नई दिल्ली व जयपुर से दो और भारतीय नागरिकों की गिरफ्तारी हुई, जो लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति संबंधी कार्यों को संभालते थे। ऑपरेटरों ने कभी अपने गृह देशों में शिपमेंट नहीं किया और कानूनी परिणामों से बचने केलिए नेटवर्क में अन्य ड्रॉप शिपर्स के माध्यम से समन्वय किया। अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और वित्त से जुड़े कामकाज देखने वाले मुख्य सरगना की पहचान हो चुकी है और वह यूएई में है। एनसीबी यूएई के अधिकारियों केसाथ मिलकर सक्रिय रूपसे काम कर रहा है।
ऑस्ट्रेलिया में अवैध फैक्ट्री से संबंधों की जांच में एक गुप्त गोली निर्माण इकाई का पता चला, जो इस सिंडिकेट से सीधे जुड़ी थी। ऑस्ट्रेलिया में कानून प्रवर्तन एजेंसी ने इस इकाई को सफलतापूर्वक ध्वस्त करके दूसरे अन्य क्षेत्रों में भी ऑपरेशन जारी किए हुए हैं। एनसीबी की खुफिया जानकारी के अनुसार अमेरिका के ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन ने एक अंतर्राष्ट्रीय ड्रग तस्करी नेटवर्क के प्रमुख सरगना को पकड़ा है। अलबामा में एक प्रमुख री-शिपर जोएल हॉल को समन्वित ऑपरेशन केबाद गिरफ्तार किया गया, जिसके पास से 17000 से अधिक नियंत्रित दवाओं की गोलियां जब्त की गईं। इस कार्रवाई में अधिकारियों ने सिंडिकेट से जुड़े कई क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट और सक्रिय पार्सल भी उजागर किए, जो एक परिष्कृत और तकनीक सक्षम तस्करी ऑपरेशन की ओर इशारा करते हैं। इन डिजिटल संपत्तियों और पार्सलों से संबंधित जांच और प्रवर्तन कार्रवाइयां सक्रिय रूपसे जारी हैं। इसमें मनी लॉन्डरर के रूपमें पहचाने गए एक भारतीय-अमेरिकी व्यक्ति को अब अमरीका में अभियोग का सामना करना पड़ रहा है, जो इस अवैध कारोबार की वित्तीय रीढ़ को तोड़ने की दिशामें महत्वपूर्ण कदम है। यूएस डीईए ने पांच पार्सलों को रोका, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 700 ग्राम ज़ोलपिडेम टैबलेट बरामद की गई हैं, यह एक मादक पदार्थ है। जांच में खुलासा हुआकि इस अंतर्राष्ट्रीय ड्रग तस्करी नेटवर्क का मास्टरमाइंड यूएई से नेटवर्क का संचालन कर रहा था, वह ऑर्डर और सप्लाई मॉड्यूल दोनों को अत्यंत समन्वय और गोपनीयता से चला रहा था।
ऑर्डर मॉड्यूल एक प्रमुख B2B प्लेटफ़ॉर्म से कार्य करता था, जहां हैंडलर्स ने प्रीमियम विक्रेता श्रेणियों की सदस्यता ली थी, ताकि विजिबिलिटी बढ़े और संभावित खरीदार आकर्षित हों। बिक्री से जुड़ी जानकारियों के प्रबंधन केलिए इस समूह ने उडुपी में एक पूर्ण रूपसे कार्यशील कॉल सेंटर संचालित किया, जिसमें लगभग 10 कर्मचारी कार्यरत थे, इनमें से कई को इस अवैध गतिविधि की जानकारी नहीं थी। एकबार ऑर्डर की पुष्टि हो जाने पर अग्रिम भुगतान क्रिप्टोकरेंसी में एकत्र किए जाते थे, जिन्हें सप्लाई मॉड्यूल ऑपरेटरों को 10–15 प्रतिशत कमीशन काटने केबाद भेजा जाता था। सप्लाई मॉड्यूल फिर आगे 10 प्रतिशत काटकर निर्दिष्ट देशों में री-शिपरों को भुगतान करता था, जो नियंत्रित पदार्थों की फाइनल डिलीवरी का काम संभालते थे। अपने संचालन का विस्तार करने के एक सोचे-समझे कदम केतहत नियमित खरीदारों को री-शिपर या स्टॉक्सिस्ट के रूपमें तैयार और भर्ती किया गया था, जिससे यह नेटवर्क सीमापार तक फैल गया। एनसीबी के अंतर्राष्ट्रीय समकक्षों ने कई ऐसे स्टॉक्सिस्ट की पहचान की है और उनके खिलाफ सक्रिय रूपसे कार्रवाई की हुई है। वित्तीय और साइबर जांच में अबतक 8 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। क्रिप्टो वॉलेट तथा हवाला चैनलों से जुड़े वित्तीय लेनदेन की जांच भी जारी है। गौरतलब हैकि एनसीबी अवैध ऑनलाइन फार्मेसियों के प्रसार को रोकने केलिए निजी क्षेत्रके प्लेटफार्मों केसाथ भी संपर्क में है, जो खुलेआम नियंत्रित दवाओं की बिक्री का प्रचार कर रही हैं।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]