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भारत-रूस के बीच समुद्री सहयोग का विस्तार

रूस-भारत संबंधों की जड़ें गहरी और ऐतिहासिक-जलमार्ग मंत्री

उत्तरी और पूर्वी समुद्री गलियारे में तलाश रहे हैं संभावनाएं!

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 14 September 2023 03:02:37 PM

expansion of maritime cooperation between india and russia

व्लादिवोस्तोक/ नई दिल्ली। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने रूसी गणराज्य में सुदूर पूर्व और आर्कटिक के विकास मंत्री एओ चेकुनकोव से रूस के व्लादिवोस्तोक में फार ईस्ट स्ट्रीट स्थित कामचटका क्षेत्र के पवेलियन में मुलाकात की। बैठक में दोनों देशों के नेताओं ने समुद्री सहयोग को वृहद् एवं व्यापक करने के उद्देश्य से भारत और रूस केबीच समुद्री आवागमन की विस्तृत श्रृंखला पर चर्चा की, जिसमें उत्तरी समुद्री मार्ग केसाथ व्लादिवोस्तोक तथा चेन्नई केबीच पूर्वी समुद्री गलियारे जैसे नए समुद्री परिवहन गलियारों के उपयोग की संभावना भी शामिल की गई है। इसके साथ भारत और रूस ने व्लादिवोस्तोक में जीआई एडमिरल नेवेल्स्की रूसी समुद्री प्रशिक्षण संस्थान में ध्रुवीय एवं आर्कटिक समुद्र के जल में भारतीय नाविकों को प्रशिक्षित करने का निर्णय भी लिया। यह संस्थान सिम्युलेटर प्रशिक्षण सुविधाओं से सुसज्जित है।
जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस अवसर पर कहा हैकि रूस और भारत के संबंधों की जड़ें गहरी एवं ऐतिहासिक हैं और यह आपसी सम्मान एवं साझा हितों पर आधारित हैं। उन्होंने कहाकि हम सशक्त संबंध बनाए रखने और विभिन्न क्षेत्रों में रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा देने केलिए वचनबद्ध हैं। सर्बानंद सोनोवाल ने बतायाकि रूस की सरकार के सहयोग से हमारी टीम ने मई 2023 में व्लादिवोस्तोक, वोस्तोचन, नखोदका और कोजमिनो बंदरगाहों का दौरा किया था, जिससे हमें इस मुद्दे पर आगे बढ़ने के उद्देश्य से अंतर्दृष्टि प्राप्त करने में मदद मिली है। उन्होंने बतायाकि इन पत्तनों की यात्राओं के दौरान प्राप्त हुए सहयोग ने पूर्वी समुद्री गलियारे के पूर्ण पैमाने पर संचालन केलिए आवश्यकताओं की हमारी समझ में विशेष योगदान दिया है। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि चेन्नई में हमारी प्रस्तावित कार्यशाला ईएमसी के संचालन पर चर्चा करेगी और हम इस गलियारे केसाथ कोकिंग कोयला, तेल तथा तरलीकृत प्राकृतिक गैस जैसी आवश्यक वस्तुओं के व्यापार एवं परिवहन केलिए प्रासंगिक हितधारकों को शामिल करने की कल्पना करते हैं।
सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि खुशी व्यक्त कीकि हमने आगामी ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट 2023 में भाग लेने केलिए रूस को आमंत्रित किया है। रूसी गणराज्य में सुदूर पूर्व और आर्कटिक के विकास मंत्री एओ चेकुनकोव ने कहाकि हमने अपने सहयोगी देशों केबीच समुद्री संचार के विकास केसाथ उत्तरी समुद्री मार्ग के उपयोग की संभावनाओं पर चर्चा की है। उन्होंने कहाकि संपर्कों की यह गतिशीलता हमारी साझेदारी को और बेहतर करने की नींव रखने जैसा है। एओ चेकुनकोव ने कहाकि भारत केसाथ सहयोग करना हमारे मंत्रालय की अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियों की प्राथमिकताओं में से एक है और हम आपसी हित के सभी क्षेत्रों केलिए सुदूर पूर्व में भारतीय भागीदारों केसाथ लाभप्रद संबंध विकसित करने का इरादा रखते हैं। सर्बानंद सोनोवाल ने भारत और रूस केबीच व्यापार एवं वाणिज्य के अवसरों की तलाश केलिए अन्य वैकल्पिक मार्गों की भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि भारत बढ़ी हुई संपर्क सुविधा और व्यापार की क्षमता को पहचानते हुए उत्तरी समुद्री मार्ग के विकास के संबंध में साझेदारी करने की इच्छा रखता है।
रूसी मंत्री एओ चेकुनकोव ने व्यापार केलिए वैकल्पिक मार्गों के बारेमें भी विचार साझा किए और सर्बानंद सोनोवाल के निष्कर्ष से सहमत हुएकि इस क्षेत्र का संभावित कार्गो आधार कोकिंग कोयला, तेल, एलएनजी और उर्वरक ही होगा। सुदूर पूर्व में यह उत्पाद श्रृंखला पर्याप्त मात्रा में मौजूद है और भारत के पूर्व में इसे प्राप्त करने केलिए बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा रहा है। एओ चेकुनकोव ने कहाकि सुदूर पूर्वी बंदरगाहों की विशेषज्ञता को ध्यान में रखते हुए इस परियोजना को विस्तारित भौगोलिक दायरे में लागू किया जाना चाहिए, जिसमें प्राथमिक के अलावा अन्य क्षेत्र तथा मुख्य रूपसे खाबरोवस्क का समुद्री इलाका शामिल हैं। उन्होंने बतायाकि हम इस वर्ष अक्टूबर में एक व्यावसायिक मिशन पर चेन्नई का दौरा करेंगे और प्रमुख रूसी निर्यातकों की भागीदारी केसाथ उपरोक्त परियोजनाओं के शुभारंभ केलिए भारतीय पक्ष केसाथ पारस्परिक रूपसे लाभप्रद समाधान विकसित करने के उद्देश्य केसाथ तैयार हैं। एओ चेकुनकोव ने कहाकि एनएसआर एक वैश्विक परिवहन परियोजना है और इसका विकास रूस तथा गैर-क्षेत्रीय देशों दोनों को आर्थिक लाभ प्रदान कर सकता है। उन्होंने कहाकि भारत केलिए यह पोत निर्माण उत्पादों की बिक्री बढ़ाने और उत्तरी गोलार्ध वाले देशों में सामान्य रसद व्यवसाय में भागीदारी से आय प्राप्त करने का एक अवसर भी है।

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