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देश में नौसैनिक विमानन में आत्मनिर्भरता बढ़ी!

बेंगलुरु के येलहंका में 13 से 17 फरवरी एयरो इंडिया कार्यक्रम

आईएनएस विक्रांत पर स्वदेशी लड़ाकू विमान की सफल उड़ान

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 12 February 2023 01:42:39 PM

successful flight of indigenous fighter aircraft on board ins vikrant

बेंगलुरु। देश में नौसेना विमानन और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देते हुए भारतीय वायुसेना का एयरो इंडिया-2023 का द्विवार्षिक कार्यक्रम 13 से 17 फरवरी 2023 से बेंगलुरु के येलहंका वायुसेना स्टेशन में आयोजित किया जाएगा। रक्षा उपकरण उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के राष्ट्र के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के अनुसरण में भारतीय नौसेना ने हाल हीमें स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर स्वदेशी प्रौद्योगिकी प्रदर्शक एयरक्राफ्ट (ट्विन इंजन डेक आधारित लड़ाकू केलिए नेतृत्व) हल्का लड़ाकू विमान (नौसेना) उतारा, जिसको भारतीय नौसैनिक परीक्षण पायलट ने उड़ाया था। यह महत्वपूर्ण क्षमता भारतीय नौसेना की आत्मनिर्भर भारत की दीर्घकालिक दृष्टि का ही परिणाम है।
एयरो इंडिया के माध्यम से रक्षा उद्योग को अपने नवीनतम उपकरण, हेलीकॉप्टर और विमान प्रदर्शित करने केलिए एक मंच उपलब्ध कराया जाता है, इससे रक्षाकर्मियों को मूल उपकरण निर्माताओं के प्रतिनिधियों केसाथ विचार-विमर्श करने और सशस्त्र बलों में भविष्य में शामिल होने केलिए परिकल्पित उत्पादों का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने का अवसर भी प्राप्त होता है। एयरो इंडिया के दौरान भारतीय नौसेना कई गतिविधियों में भाग ले रही है। इस दौरान स्वदेशी विमान उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर एमके III और एमआर विमान पी8आई क्रमशः फ्लाई पास्ट तथा स्टैटिक डिस्प्ले में भाग लेंगे। आत्मनिर्भरता पर विशेष बल दिए जाने को ध्यान में रखते हुए मिग 29के विमान के इंजनों की मरम्मत करने हेतु एक संदर्भ दस्तावेज के रूपमें उपयोग केलिए एचएएल के संकलित एक अनुकूलित ग्राफिक फोटो वर्णन एचएएल के मुख्य प्रबंध निदेशक नौसेनाध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करते हुए मिग 29के विमान के हेल्थ यूजेस एंड मॉनिटरिंग सिस्टम के विश्लेषण की एक परियोजना को डीआरडीओ के लॉंच ऑफ न्यू टेक्नोलॉजी के हिस्से के रूपमें शामिल किया गया है। यह डाटा विश्लेषण के समय को काफी कमकर देगा और इसके परिणामस्वरूप विमान से सामान उतारने तथा लादने की प्रक्रिया तेजीसे होगी और निवारक रखरखाव हेतु बेहतर प्रक्रिया साबित होगी। कार्यक्रमों की श्रृंखला में डीडीपी के सहयोग से भारतीय नौसेना 'एयरो आर्मामेंट सस्टेनेंस में आत्मनिर्भरता' विषय पर एक सेमिनार भी आयोजित कर रही है। सेमिनार रक्षा मंत्रालय, उपयोगकर्ताओं, अनुरक्षकों, क्यूए एजेंसियों, डीआरडीओ, डीपीएसयू और भारतीय उद्योग के प्रमुख हितधारकों को सशस्त्र बलों केपास मौजूद मिसाइलों के रखरखाव लिए सरकार की पहल और आगेकी राह पर विस्तृत चर्चा करने केलिए एक मंच प्रदान करेगा।
शिक्षा जगत और उद्योग जगत केसाथ लगातार जुड़ाव एवं आत्मनिर्भरता हासिल करने केलिए भारतीय नौसेना के प्रयासों का फोकस क्षेत्र रहा है, इसके लिए ज्ञान एवं संसाधन साझा करने केलिए विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों तथा प्रमुख उद्योग भागीदारों केबीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किएगए हैं। एयरो इंडिया-2023 के दौरान दो प्रमुख भागीदारों अर्थात इसरो और मैसर्स एवी ऑयल को 'बंधन' कार्यक्रम के हिस्से के रूपमें समझौता ज्ञापनों के माध्यम से जोड़ा जा रहा है। पिछले कुछ वर्ष में विस्तार एवं परिमाण में वृद्धि करने केबाद एयरो इंडिया नौसेना विमानन के विकास तथा सशक्तिकरण एवं देश के रक्षाबलों की आत्मनिर्भरता बढ़ाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

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